Sunday, October 12, 2014

लोगो ने सिखाया और हमने सीखा - People taught and learned

मेरे मन की बात -


मै अपने जीवन में एक खुली किताब रहा हूँ कोई भी मुझे पढ़ और समझ सकता है बस सामने वाले के पास मुझे पढने और समझने लायक एक दिल हो -


जीवन भर ईमानदारी और उर्जा -पूरित जीवन जिया है मुझे नित-नित नए आयाम से कुछ न कुछ सीखने को मिला है लोभ से दूर शान्ति प्रिय जीवन पसंद व्यक्ति रहा हूँ जो भी आया मेरे जीवन में मुझे एक हल्का सा धक्का दे के आगे निकल गया- मगर जाते -जाते कुछ समझने की सीख दे गया -

या आप यूँ कहे कि रिश्ते की डोर मेरे जीवन में कमजोर ही रही है - फिर हम किसी को हम समझ नहीं पाए या कोई हमें समझ नहीं पाया किसी एक की गलती सही -पर कुछ तो येसा था -

जब भी इमानदारी से मन की बात की तो उसमे भी लोगो ने  अपना स्वार्थ खोजा - दूर रहकर भी हम सभी को समझते रहे -पास रह कर भी लोग मुझे समझ नहीं पाए - पता नहीं ये दोष मेरा था या उनका -

वक्त की थपेड़ो से मुझे जीना सिखाया है ये सीख शायद किसी को दे सकूँ और कोई मुझे समझे -दिल मे बहुत कुछ समेटे हुए हूँ जो औरो के काम आ सकेगा -शायद मेरे नाती -पोतो से भी कुछ सीखने को अभी मिले -वो भी काम की चीज हो सकती है -

इन्शान कभी जीवन में पूर्ण नहीं होता ये जीवन भर सीखने और सिखाने का स्कूल है - नवजात शिशु एक कोरा कागज होता है शुरवात लिखने की माँ-बाप,गुरु,समाज करता है और वही कोरा कागज एक दिन महाकाव्य बन जाता है -रचियता भी वही बनकर दुसरो को अपने जीवन के अनुभव से सिंचित करता है -

संघर्ष युक्त जीवन ही अनुभव देता है -जिसने आँख खोली और संघर्ष नहीं देखा तो " वो क्या जाने पीर पराई -जिसके पाँव न पड़ी बिवाई " मगर दूसरे को ज्ञान देने से गुरेज भी नहीं करते -लगता है संसार समाया है इनमे -

पेड़ को सिंचित करने वाला माली खुद ये नहीं समझ पाता है कि जिस पेड़ को परोपकार वश लगाया है एक आंधी के झोके से उसका नीचे स्थित झोपड़ा भी तबाह  कर सकता है -

आप दूसरो में जो खोजते है वो नाश्वर है असली तो आपके अंदर समाया है मगर कहाँ फुर्सत है खुद में खोजने की - समय तो बीत रहा है दुसरो के अवगुण ढूढने में -उतना समय खुद की गलतियों को ढूढने में लगाया होता तो अभी जहाँ है इससे कई गुना आगे होते-पल-पल समय को नाकामियों में जीना और समय को कामयाबी से जीना तो कुछ लोग ही कर पाते है -

आप ने दिल पे पत्थर रख कर मेरी बकवास पढ़ी - लेकिन आपके पास अगर कोई अतिरिक्त ज्ञान है तो मुझे भी अपने ज्ञान -गंगा से अवस्य सिंचित करे -शायद मुझे कुछ और सीखने को मिल जाए -

धन्यवाद -

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