Thursday, September 10, 2015

गठिया-दर्द का घरेलू-उपचार -Home-remedies-Arthritis Pain

गठिया-दर्द का घरेलू-उपचार -Home-remedies-Arthritis Pain :-


अर्थराइटिस (Arthritis) जैसी बीमारियों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है-अर्थराइटिस का Pain इतना तेज होता है कि व्यक्ति को न केवल चलने–फिरने बल्कि घुटनों को मोड़ने में भी बहुत परेशानी होती है-हमारी दिनचर्या परिवर्तन  खान -पान से गठिया का रोग बहुत से लोगो में पाया जा रहा है-गठिया में हमारे शरीर के जोडों में दर्द होता है गठिया होने में मूल कारण यूरिक एसिड का बढ़ जाना भी है जब हमारे शरीर मे यूरिक एसीड की मात्रा बढ जाती है- 




यूरिक एसिड कण (Uric acid radicals) घुटनों व अन्य जोडों में जमा हो जाते हैं। जोडों में दर्द से रोगी का बुरा हाल रहता है। इस रोग में रात को जोडों का दर्द बढता है और सुबह अकडन मेहसूस होती है। इसकी पहचान होने पर इसका जल्दी ही इलाज करना चाहिए अन्यथा जोडों को बड़ा नुकसान हो सकता है-

कुछ आजमाए हुए टिप्स :- 


अजवाइन(Parsley) का प्रयोग :-


सरसों के तेल को गर्म करके उसमे अजवाइन को पका ले इस तेल की मालिश से भी सूजन और दर्द में आराम मिलता है-

पानी को गर्म करके उसमे अजवायन को उबाल ले अब इस पानी में तौलिया भिगोकर और हलका निचोड़कर उसे घुटनों पर रखकर गर्म सेंक देने से भी दर्द में राहत मिलती है- इस अजवायन वाले पानी की भाप घुटनों पर देने से दर्द ठीक होता है-



अजवाइन के बीज का इस्तेमाल गठिया रोग के उपचार में लंबे समय से किया जाता रहा है।गठिया और यूरिक एसिड की समस्या का यह एक प्रसिद्ध प्राकृतिक उपचार है।  अजवाइन में दर्द को कम करने एंटी-आक्सीडेंट और डाइयुरेटिक गुण पाया जाता है। साथ ही इसे यरनेरी एंटीसेप्टिक भी माना जाता है।


गठिया में आराम के लिए अजवाइन के चूर्ण की पोटली बनाकर सेंकने से रोगी को दर्द में आराम पहुंचता है।


लहसुन (Garlic) के प्रयोग :-


लहसुन का तेल गठिया-दर्द में उपयोगी है लहसुन के गुनगुने तेल से घुटनों में मालिश करना बहुत लाभदायक है -100 ग्राम सरसों के तेल में 30 ग्राम लहसुन डाल कर पकाए जब लहसुन अच्छी तरह पक जाए इसे उतार ले और मामूली गर्म-गर्म घुटनों या जोड़ो पे मालिश करे -इस तेल को शीशी में रख ले -जब भी लगाना हो थोडा सा निकाल का गर्म कर ले इस तेल से संधिवात की सुजन भी खतम होती है -


बिना कुछ खाए प्रतिदिन प्रात: एक लहसन कली, दही के साथ दो महीने तक लेने से घुटनों के दर्द में चमत्कारिक लाभ होता है।


मेथी का प्रयोग :-


मैथी दाने (Methi seeds) सौंठ(Ginger) और हल्दी(turmeric) समान मात्रा में मिलाकर पीसकर नित्य सुबह-शाम भोजन करने के बाद गरम पानी से-दो-दो चम्मच फ़की लेने से लाभ होता है.

यदि मैथी दाने हमेशा सुबह खाली पेट या जब भी दोपहर और रात में खाना खाने के बाद आधा चम्मच मात्रा पानी के साथ फाँकने से सभी जोड़ मजबूत रहेंगे और जोड़ों में किसी भी प्रकार का दर्द कभी नहीं होगा-तथा मैथी के लड्डू खाने से हाथ-पैर और जोड़ों के दर्दो में आराम मिलता है.

मैथी दानों को तवे या कढ़ाही में गुलाबी होने तक सेकें. ठंडा होने पर पीस लें. रोज सुबह खाली पेट आधा चम्मच, एक गिलास पानी के साथ लें.

आप सुबह अँकुरित मैथी दाने खाएँ और उसके खाने के बाद आधे घंटे तक कुछ न खाएँ.इससे भी गठिया और जोड़ो के दर्द में आराम मिलता है-


मैथी दानों को दर-दरा कूटकर सर्दियों में एक चम्मच और गर्मी में आधा चम्मच की फाँकी सुबह-सुबह खाली पेट पानी के साथ लें

हल्दी-चूर्ण(Turmeric powder) गुड़ (Molasses) मैथी दाना पाऊडर (Fenugreek powder) और पानी आपस ने सामान मात्रा में मिलाकर तवे पे गरम करके इनका लेप रात को घुटनों पर करें व पट्टी बाँधकर रातभर बंधे रहने दें तथा सुबह पट्टी हटा कर साफ कर लें यकीन माने कुछ ही दिनों में जबरदस्त फायदा महसूस होने लग जाएगा-

रोज सुबह भूखे पेट एक चम्मच कुटे हुए मैथी दाने में एक ग्राम कलौंजी मिलाकर एक बार फाँकी लें.30 की उम्र के बाद मैथी दाने की फाँकी लेने से शरीर के जोड़ मजबूत बने रहते हैं तथा बुढ़ापे तक मधुमेह (Diabetes) ब्लड प्रेशर(blood pressure) और गठिया(Arthritis) जैसे रोगों से बचाव होता है-


एक चम्मच मैथी बीज रात भर साफ़ पानी में भीगने दे -सुबह पानी निकाल दें और मैथी के बीज अच्छी तरह चबाकर खाएं-शुरू में तो कुछ कड़वा लगेगा लेकिन बाद में कुछ मिठास प्रतीत होगी भारतीय चिकित्सा में मैथी बीज की गर्म तासीर मानी गयी है यह गुण जोड़ों के दर्द दूर करने में मदद करता है-मैथी के बीज संधिवात की पीड़ा निवारण करता है -

परिजात या हरसिंगार (Parijata) का प्रयोग :-


अगर घुटनों की चिकनाई (Smoothness) हो गई हो और जोड़ो के दर्द में किसी भी प्रकार की दवा से आराम ना मिलता हो तो ऐसे लोग हारसिंगार (पारिजात) पेड़ के 10-12 पत्तों को पत्थर पे कूटकर एक  गिलास पानी में उबालें-जब पानी एक चौथाई बच जाए तो बिना छाने ही ठंडा करके पी लें- इस प्रकार 90 दिन में चिकनाई पूरी तरह वापिस बन जाएगी-अगर कुछ कमी रह जाए तो फिर एक माह का अंतर देकर फिर से 90 दिन तक इसी क्रम को दोहराएँ-निश्चित लाभ की प्राप्ति होती है-

अलसी का प्रयोग (Use linseed):-


अलसी के दानों के साथ दो अखरोट (Walnut ) की मींगी को मिलकर सेवन करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है-


प्याज का प्रयोग (Using Onion):-



प्याज अपने सूजन विरोधी गुणों के कारण घुटनों की पीड़ा में लाभकारी हैं| दर असल प्याज में फायटो-केमीकल्स पाए जाते हैं जो हमारे इम्यून सिस्टम (Immune System ) को ताकतवर बनाते हैं| प्याज में पाया जाने वाला गंधक (Sulfur ) जोड़ों में दर्द पैदा करने वाले एन्जाईम्स (Enzymes ) की उत्पत्ति रोकता है तथा प्याज में मोरफीन( Morfin) की तरह के पीड़ा नाशक गुण होते हैं|

अन्य-प्रयोग (Other-Use) :-



घुटनों के लचीलेपन को बढाने के लिए दालचीनी-जीरा-अदरक -हल्दी (Cinnamon-cumin-ginger-turmeric ) का उपयोग उत्तम फलकारी है| इन पदार्थों में ऐसे तत्त्व पाए जाते हैं जो घुटनों की सूजन और दर्द का निवारण करते हैं|


प्रतिदिन नारियल की गिरी (Copra ) का सेवन करें इससे घुटनों को ताकत आती है|

नीम का तेल (neem oil ) एवं अरंडी का तेल (Castor oil ) बराबर मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम इसकी मालिश कीजिए.


कैल्शियम की कमी से जोड़ों का दर्द (Joint Pain ) हो तो खाने वाला चूना (Eating lime ) खाईए. गेंहू के दाने के आकार का चूना दही या दूध में घोल कर दिन में एक बार के हिसाब से, 90 दिन तक लीजिये बस ये ध्यान रखें 90 दिन से अधिक नहीं लेना है.


गाजर में जोड़ों में दर्द को दूर करने के गुण मौजूद हैं | गाजर का इस्तेमाल संधिवात पीड़ा के लिए किया जाता रहा है| गाजर को पीस लीजिए और इसमें थोड़ा सा नीम्बू का रस मिलाकर रोजाना खाना उचित है| यह घुटनों के लिगामेंट्स का पोषण कर दर्द निवारण का काम करता है|

उपचार और प्रयोग-

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