Friday, May 29, 2015

घर में निर्धनता है कही आप येसा तो नहीं करते है -

कुछ चीजे जो हम -आप जाने-अनजाने में ही कर जाते है -जिनके बारे में आपको जानकारी नहीं है  इसलिए हम आपको कुछ इस प्रकार की कुछ बातो से अवगत करा रहे है- जिनको समझे और अपनाए कि आप क्या न करे -





आप कही दांत से नाखून तो नहीं काटते है अगर येसा है तो बंद कर दे इससे दरिद्रता आती है और येसा व्यक्ति स्वास्थ्य से भी निर्बल होता है -

आप फटे हुए कपड़े न पहने ये भी दरिद्रता लाती है -

आप सांझ में न सोये ये भी आपके घर में दरिद्रता लाती  है -

आप टुटी हूई कन्घी से बाल न सँवारे यदि आपके घर में है तो तुरंत हटाये तथा घर में कूड़ा-करकट न रक्खे -

घर आये मेहमान पे आप नाराज न हो जिस प्रकार की श्रद्धा बन सके उसका स्वागत करे यदि ये मेहमान रोज-रोज आ जाने वाले बेशर्म टाइप के लोग हो तो आप फिर उनसे अपनी मदद करने की डिमांड करना शुरू कर दे वो बार-बार शर्मिंदा होगा और बेवजह आना छोड़ देगा - आपका समय भी खराब नहीं होगा -

औरतों को दरवाजे की देहरी पे खड़े-खड़े बालो को बांधना भी शुभ नहीं होता है -

पुरुष चालीस दिन से ज्यादा बाल न रक्खे बनवाते रहे -

रसोई घर के पास में पेशाब करना अन्नपूर्णा का अपमान है -

घर में टूटा हुआ सामान और बिखरा हुआ न रक्खे -

सुबह सूरज निकलने के बाद तक सोते,रहना नहीं चाहिए हमेशा सूर्य निकालने से पहले उठे  स्वयं की हथेली को सबसे पहले देखे और भूमि को प्रणाम करके ही भूमि पे अपना सबसे पहले दाहिना पाँव नीचे रक्खे पूरे दिन मन प्रसन्न रहेगा -

आमदनी से ज्यादा खर्च करना भी आपको परेशानी में डालता है इसलिए घर के खर्च का चार्ट बनाये और खर्च करे .यदि शादी शुदा है तो पत्नी से सलाह ले और अपनी सलाह और आमदनी का पूरा व्यौरा दे -

किसी भी पेड़ के नीचे पेशाब न करे अतृप्त आत्माओं का अपमान होता है .

दाँत से रोटी काट कर या खीच कर न खाए रोटी के निवाले को मुंह में तोड़ कर डाले .

पलंग या चारपाई के सिरहाने की तरफ ही सर रख कर सोना चाहिए उल्टा न सोये .

श्मशान भूमि में या जिसके भी गमी में जाए शांत रहे बेमतलब लोगो से बात न करे .शमशान भूमि में हंसना भी उपयुक्त नहीं होता है .

रात में पीने के पानी को हमेशा ढक कर रक्खे खुला न छोड़े .इसका वैज्ञानिक एवं सांसारिक दोनों कारण है .

धर्मग्रन्थ को पवित्रता से ही पढ़ना चाहिए और पूजा करते वक्त बाते न करे .

बिना हाथ धोये खाना नहीं खाना चाहिए ,खड़े-खड़े खाना भी उचित नहीं है शरीर में रोगों की प्रधानता होती है अगर आपको शादी -पार्टी में मज़बूरी में खाना भी पड़े तो कोशिस करे कि आपको बेठने का स्थान मिल जाए और भोजन बेठ के करना चाहिए आपको गुठने की दर्द की शिकायत नहीं होगी .

आप कभी भी लहसुन और प्याज के छिलके न जालाये .

अपनी औलाद को न कोसे - न जाने कब आपकी आत्मा से निकली आवाज से उसका अहित हो जाए -

फूंक मार के दीपक को कभी भी नहीं बुझाना चाहिए -

जब भी भोजन करे इश्वेर को धन्यवाद दे -हो सके तो पहला कौर भगवान् को अर्पित करके ही भोजन करे और उस कौर को शुद्ध स्थान पे रख दे जहाँ से कोई भी जीव उसे खा सके -

बात -बात में गलत होने पे झूठी कसम न खाए .

जूते या चप्पल को उल्टा देखे तो तुरंत सीधा कर दे और जूते या चप्पल को एक के ऊपर रखने से बचे उनको हो सके तो कमरे में न लाये इससे नकारात्मक उर्जा घर में नहीं आती है -

वर्जित या प्रदोष काल में हजामत न कराये .

घर में मकड़ी का जाला लगने पे हटा देना चाहिए .और रात को कभी भी घर में झाड़ू न लगाए अगर मज़बूरी में लगाना भी पड़े तो कूड़ा बाहर न निकाले एक कोने में कर दे और सुबह जब झाड़ू लगाये तब उसे साथ में उठा ले .

अँधेरे में भोजन नहीं करना चाहिए और घड़े में कभी भी मुंह लगा के पानी न पिए -

भिखारी या मांगने वाले से कभी किसी भी वस्तु को न ले न ही खरीदे -

इस प्रकार बहुत सी बाते है लेकिन आज-कल के लोग इसे अंधविश्वास ही समझते है जबकि हर चीज का एक वैज्ञानिक कारण होता है -

उपचार और प्रयोग -

No comments:

Post a Comment