* किशमिश एक खट्टा-मीठा ड्रायफूट है जो अंगुर को सुखाकर तैयार किया जाता है। इसमें भी अंगूर के सारे गुण विद्यमान होते हैं। दूध के लगभग सभी तत्त्व किशमिश में पाए जाते हैं। दूध के अभाव में इसका उपयोग किया जा सकता है। किशमिश दूध की अपेक्षा जल्दी पचती है।
* मुनक्के के नित्य सेवन से थोड़े ही दिनों में रस, रक्त, शुक्र आदि धातुओं तथा ओज की वृद्धि होती है।
* वृद्धावस्था में किशमिश या मुनक्के का प्रयोग न केवल स्वास्थ्य की रक्षा करता है बल्कि आयु को बढ़ाने में भी सहायक होता है।
* माना जाता है कि किसी भी रोगी के लिए ये विशेष रूप से लाभदायक होती है। अंगूर को जब विशेषरूप से सुखाया जाता है तब उसे किशमिश कहते हैं. यह दो प्रकार का होता है, लाल और काला. किशमिश खाने से खून बनता है, वायु दोष दूर होता है, पित्त दूर होता है, कफ दूर करता है
* कई रोगों में इसका उपयोग औषधि की तरह भी किया जा सकता है आइए जाने मुनक्का के कुछ ऐसे ही औषधिय प्रयोगों के बारे में:-
* आंखों की ज्योति बढाने, नाखूनों की बीमारी होने पर, सफेद दाग, महिलाओं में गर्भाशय की समस्या में अंगूर लाभप्रद होते हैं। इन समस्याओं में मुनक्का को दूध में पकाकर थोड़ा घी व मिश्री मिलाकर पीने से फायदा होता है। जितना पच सके उतने मुनक्का रोज खाने से सातों धातुओं का पोषण होता है।मुनक्का 12 नग, छुहारा पांच नग, छह नग फूल मखाना दूध में मिलाकर खीर बनाकर सेवन करने से शरीर पुष्ट होता है।जिनका ब्लडप्रेशर कम रहता है, उन्हें हमेशा अपने पास नमक वाले मुनक्का रखना चाहिए। यह ब्लडप्रेशर को सामान्य करने का सबसे आसान उपाय है।
* एक मुनक्का का बीज निकालकर उसमें लहसुन की एक कली रखकर खाने से हाईब्लडप्रेशर में आराम मिलता है। प्रतिदिन सोने से एक घंटा पहले दूध में उबाली गई 11 मुनक्का खूब चबा-चबाकर खाएं और दूध को भी पी लें। इस प्रयोग से कब्ज की समस्या में तत्काल फायदा होता है।
* रात में लगभग 10 या 12 मुनक्का को धोकर पानी में भिगो दें। इसके बाद सुबह उठकर मुनक्का के बीजों को निकालकर इन मुनक्का को अच्छी तरह से चबाकर खाने से शरीर में खून बढ़ता है। भूख न लगती हो तो बराबर मात्रा में मुनक्का (बीज निकाल दें), हरड़ और चीनी को पीसकर चटनी बना लें। इसे पांच ग्राम की मात्रा में (एक छोटा चम्मच), थोड़ा शहद मिला कर खाने से पहले दिन में दो बार चाटें।रोजाना मुनक्का का दूध उबालकर उसमें घी व मिश्री डालकर पीने से वजन बढ़ता है।
* जिनके गले में निरंतर खराश रहती है या नजला एलर्जी के कारण गले में तकलीफ बनी रहती है, सुबह-शाम दोनों वक्त चार- पांच मुनक्का को बीज सहित खूब चबाकर खा लें, लेकिन ऊपर से पानी ना पिएँ। दस दिनों तक निरंतर ऐसा करें। दस मुनक्का एक अंजीर के साथ सुबह पानी में भिगोकर रख दें।रात में सोने से पहले मुनक्का और अंजीर को दूध के साथ उबालकर इसका सेवन करें। ऐसा तीन दिन करें। कितना भी पुराना बुखार हो, ठीक हो जाएगा।
* जब किशमिश को खाई जाती है तो यह पेट में जा कर पानी को सोख लेती हैं। जिस वजह से यह फूल जाती है और कब्ज में राहत दिलाती है।
* हर मेवे की तरह किशमिश भी वजन बढाने में मददगार साबित होती है क्योंकि इसमें फ्रकटोज़ और ग्लूकोज़ पाया जाता है जिससे एनर्जी मिलती है। अगर आपको भी अपना वजन बढाना है और वो भी कोलेस्ट्रॉल बढाए बिना तो आज से ही किशमिश खाना शुरु कर दें।
* जब खून में एसिड बढ जाता है तो यह परेशानी पैदा हो जाती है। इसकी वजह से स्किन डिज़ीज, फोडे़, गठिया, गाउट, गुर्दे की पथरी, बाल झड़ने, हृदय रोग, ट्यूमर और यहां तक कि कैंसर होने की संभावना पैदा हो जाती है। किशमिश में अच्छी मात्रा में पोटैशियम और मैगनीशियम पाया जाता है जिसको खाने से अम्लरक्तता की परेशानी दूर हो जाती है।
* किशमिश में भारी मात्रा में आयरन होता है जो कि सीधे एनीमिया से लड़ने की शक्ति रखता है। खून को बनाने के लिये विटामिन बी कॉमप्लेक्स की जरुरत को भी यही किशमिश पूरी करती है। कॉपर भी खून में लाल रक्त कोशिका को बनाने का काम करता है।
* किशमिश में मौजूद फिनॉलिक पायथोन्यूट्रियंट जो कि जर्मीसाइडल, एंटी बॉयटिक और एंटी ऑक्सीडेंट तत्वों की वजह से जाने जाते हैं, बैक्टीरियल इंफेक्शन तथा वाइरल से लड़ कर बुखार को जल्द ठीक कर देते हैं।
* दिलाये शराब के नशे से छुटकारा- शराब पीने की इच्छा हो तब शराब की जगह 10 से 12 ग्राम किशमिश चबा-चबाकर खाते रहें या किशमिश का शरबत पियें। शराब पीने से ज्ञानतंतु सुस्त हो जाते हैं परंतु किशमिश के सेवन से शीघ्र ही पोषण मिलने से मनुष्य उत्साह, शक्ति और प्रसन्नता का अनुभव करने लगता है। यह प्रयोग प्रयत्नपूर्वक करते रहने से कुछ ही दिनों में
शराब छूट जायेगी।
* यौन दुर्बलता की समस्या के लिये रोजाना किशमिश खाएं क्योंकि यह कामेच्छा को प्रोत्साहित करती है। तथा इसमें मौजूद अमीनो एसिड, यौन दुर्बलता को दूर करता है। इसीलिये तो शादी-शुदा जोडों को पहली रात दूध का गिलास दिया जाता है जिसमें किशमिश और केसर होता है।
* हड्डी की मजबूती बढ़ाये -किशमिश में बोरोन नामक माइक्रो न्यूट्रियंट पाया जाता है जो कि हड्डी को कैल्शियम सोखने में मदद करता है। बोरोन की वजह से ऑस्टियोप्रोसिस से बडी़ राहत मिलती है साथ ही किशमिश खाने से घुटनों की भी समस्या नहीं पैदा होती।
* इसमें एंटी ऑक्सीडेंट प्रोपर्टी पाई जाती है, जो कि आंखों की फ्री रैडिकल्स से लड़ने में मदद करता है। किशमिश खाने से कैटरैक, उम्र बढने की वजह से आंखों की कमजोरी, मसल्स डैमेज आदि नहीं होता। इसमें विटामिन ए, ए-बीटा कैरोटीन और ए-कैरोटीनॉइड आदि होता है, जो कि आंखों के लिये अच्छा होता है।
* * आपको अक्सर चक्कर आते हैं, कमजोरी महसूस होती है तो हो सकता है कि आप लो ब्लड प्रेशर के शिकार हों। ज्यादा मानसिक तनाव, कभी क्षमता से ज्यादा शारीरिक काम करने से अक्सर लोगों में लो ब्लडप्रेशर की शिकायत होने लगती है। कुछ लोग इसे नजरअन्दाज कर देते हैं तो कुछ लोग डॉक्टर के यहां चक्कर लगाकर परेशान हो जातें हैं। लेकिन आयुर्वेद में लो ब्ल्डप्रेशर को कन्ट्रोल करने के लिए कारगर इलाज है वो है किशमिश।
* नीचे बताई जा रही विधि को लगातार 32 दिनों तक प्रयोग में लाने से आपको कभी भी लो ब्लड प्रेशर की शिकायत नहीं होगी।
* आप 32 किशमिश लेकर एक चीनी के बाउल में पानी में डालकर रात भर भिगोएं। सुबह उठकर भूखे पेट एक-एक किशमिश को खूब चबा-चबा कर खाएं,पूरे फायदे के लिए हर किशमिश को बत्तीस बार चबाकर खाएं। इस प्रयोग को नियमित बत्तीस दिन करने से लो ब्लडप्रेशर की शिकायत कभी नहीं होगी।
विशेष-जिसको लो बी पी की शिकायत हो और अक्सर चक्कर आते हों तो आवलें के रस में शहद मिलाकर चाटने से जल्दी आराम होता है।
उपचार स्वास्थ्य और प्रयोग -
* मुनक्के के नित्य सेवन से थोड़े ही दिनों में रस, रक्त, शुक्र आदि धातुओं तथा ओज की वृद्धि होती है।
* वृद्धावस्था में किशमिश या मुनक्के का प्रयोग न केवल स्वास्थ्य की रक्षा करता है बल्कि आयु को बढ़ाने में भी सहायक होता है।
* माना जाता है कि किसी भी रोगी के लिए ये विशेष रूप से लाभदायक होती है। अंगूर को जब विशेषरूप से सुखाया जाता है तब उसे किशमिश कहते हैं. यह दो प्रकार का होता है, लाल और काला. किशमिश खाने से खून बनता है, वायु दोष दूर होता है, पित्त दूर होता है, कफ दूर करता है
* कई रोगों में इसका उपयोग औषधि की तरह भी किया जा सकता है आइए जाने मुनक्का के कुछ ऐसे ही औषधिय प्रयोगों के बारे में:-
* आंखों की ज्योति बढाने, नाखूनों की बीमारी होने पर, सफेद दाग, महिलाओं में गर्भाशय की समस्या में अंगूर लाभप्रद होते हैं। इन समस्याओं में मुनक्का को दूध में पकाकर थोड़ा घी व मिश्री मिलाकर पीने से फायदा होता है। जितना पच सके उतने मुनक्का रोज खाने से सातों धातुओं का पोषण होता है।मुनक्का 12 नग, छुहारा पांच नग, छह नग फूल मखाना दूध में मिलाकर खीर बनाकर सेवन करने से शरीर पुष्ट होता है।जिनका ब्लडप्रेशर कम रहता है, उन्हें हमेशा अपने पास नमक वाले मुनक्का रखना चाहिए। यह ब्लडप्रेशर को सामान्य करने का सबसे आसान उपाय है।
* एक मुनक्का का बीज निकालकर उसमें लहसुन की एक कली रखकर खाने से हाईब्लडप्रेशर में आराम मिलता है। प्रतिदिन सोने से एक घंटा पहले दूध में उबाली गई 11 मुनक्का खूब चबा-चबाकर खाएं और दूध को भी पी लें। इस प्रयोग से कब्ज की समस्या में तत्काल फायदा होता है।
* रात में लगभग 10 या 12 मुनक्का को धोकर पानी में भिगो दें। इसके बाद सुबह उठकर मुनक्का के बीजों को निकालकर इन मुनक्का को अच्छी तरह से चबाकर खाने से शरीर में खून बढ़ता है। भूख न लगती हो तो बराबर मात्रा में मुनक्का (बीज निकाल दें), हरड़ और चीनी को पीसकर चटनी बना लें। इसे पांच ग्राम की मात्रा में (एक छोटा चम्मच), थोड़ा शहद मिला कर खाने से पहले दिन में दो बार चाटें।रोजाना मुनक्का का दूध उबालकर उसमें घी व मिश्री डालकर पीने से वजन बढ़ता है।
* जिनके गले में निरंतर खराश रहती है या नजला एलर्जी के कारण गले में तकलीफ बनी रहती है, सुबह-शाम दोनों वक्त चार- पांच मुनक्का को बीज सहित खूब चबाकर खा लें, लेकिन ऊपर से पानी ना पिएँ। दस दिनों तक निरंतर ऐसा करें। दस मुनक्का एक अंजीर के साथ सुबह पानी में भिगोकर रख दें।रात में सोने से पहले मुनक्का और अंजीर को दूध के साथ उबालकर इसका सेवन करें। ऐसा तीन दिन करें। कितना भी पुराना बुखार हो, ठीक हो जाएगा।
* जब किशमिश को खाई जाती है तो यह पेट में जा कर पानी को सोख लेती हैं। जिस वजह से यह फूल जाती है और कब्ज में राहत दिलाती है।
* हर मेवे की तरह किशमिश भी वजन बढाने में मददगार साबित होती है क्योंकि इसमें फ्रकटोज़ और ग्लूकोज़ पाया जाता है जिससे एनर्जी मिलती है। अगर आपको भी अपना वजन बढाना है और वो भी कोलेस्ट्रॉल बढाए बिना तो आज से ही किशमिश खाना शुरु कर दें।
* जब खून में एसिड बढ जाता है तो यह परेशानी पैदा हो जाती है। इसकी वजह से स्किन डिज़ीज, फोडे़, गठिया, गाउट, गुर्दे की पथरी, बाल झड़ने, हृदय रोग, ट्यूमर और यहां तक कि कैंसर होने की संभावना पैदा हो जाती है। किशमिश में अच्छी मात्रा में पोटैशियम और मैगनीशियम पाया जाता है जिसको खाने से अम्लरक्तता की परेशानी दूर हो जाती है।
* किशमिश में भारी मात्रा में आयरन होता है जो कि सीधे एनीमिया से लड़ने की शक्ति रखता है। खून को बनाने के लिये विटामिन बी कॉमप्लेक्स की जरुरत को भी यही किशमिश पूरी करती है। कॉपर भी खून में लाल रक्त कोशिका को बनाने का काम करता है।
* किशमिश में मौजूद फिनॉलिक पायथोन्यूट्रियंट जो कि जर्मीसाइडल, एंटी बॉयटिक और एंटी ऑक्सीडेंट तत्वों की वजह से जाने जाते हैं, बैक्टीरियल इंफेक्शन तथा वाइरल से लड़ कर बुखार को जल्द ठीक कर देते हैं।
* दिलाये शराब के नशे से छुटकारा- शराब पीने की इच्छा हो तब शराब की जगह 10 से 12 ग्राम किशमिश चबा-चबाकर खाते रहें या किशमिश का शरबत पियें। शराब पीने से ज्ञानतंतु सुस्त हो जाते हैं परंतु किशमिश के सेवन से शीघ्र ही पोषण मिलने से मनुष्य उत्साह, शक्ति और प्रसन्नता का अनुभव करने लगता है। यह प्रयोग प्रयत्नपूर्वक करते रहने से कुछ ही दिनों में
शराब छूट जायेगी।
* यौन दुर्बलता की समस्या के लिये रोजाना किशमिश खाएं क्योंकि यह कामेच्छा को प्रोत्साहित करती है। तथा इसमें मौजूद अमीनो एसिड, यौन दुर्बलता को दूर करता है। इसीलिये तो शादी-शुदा जोडों को पहली रात दूध का गिलास दिया जाता है जिसमें किशमिश और केसर होता है।
* हड्डी की मजबूती बढ़ाये -किशमिश में बोरोन नामक माइक्रो न्यूट्रियंट पाया जाता है जो कि हड्डी को कैल्शियम सोखने में मदद करता है। बोरोन की वजह से ऑस्टियोप्रोसिस से बडी़ राहत मिलती है साथ ही किशमिश खाने से घुटनों की भी समस्या नहीं पैदा होती।
* इसमें एंटी ऑक्सीडेंट प्रोपर्टी पाई जाती है, जो कि आंखों की फ्री रैडिकल्स से लड़ने में मदद करता है। किशमिश खाने से कैटरैक, उम्र बढने की वजह से आंखों की कमजोरी, मसल्स डैमेज आदि नहीं होता। इसमें विटामिन ए, ए-बीटा कैरोटीन और ए-कैरोटीनॉइड आदि होता है, जो कि आंखों के लिये अच्छा होता है।
* * आपको अक्सर चक्कर आते हैं, कमजोरी महसूस होती है तो हो सकता है कि आप लो ब्लड प्रेशर के शिकार हों। ज्यादा मानसिक तनाव, कभी क्षमता से ज्यादा शारीरिक काम करने से अक्सर लोगों में लो ब्लडप्रेशर की शिकायत होने लगती है। कुछ लोग इसे नजरअन्दाज कर देते हैं तो कुछ लोग डॉक्टर के यहां चक्कर लगाकर परेशान हो जातें हैं। लेकिन आयुर्वेद में लो ब्ल्डप्रेशर को कन्ट्रोल करने के लिए कारगर इलाज है वो है किशमिश।
* नीचे बताई जा रही विधि को लगातार 32 दिनों तक प्रयोग में लाने से आपको कभी भी लो ब्लड प्रेशर की शिकायत नहीं होगी।
* आप 32 किशमिश लेकर एक चीनी के बाउल में पानी में डालकर रात भर भिगोएं। सुबह उठकर भूखे पेट एक-एक किशमिश को खूब चबा-चबा कर खाएं,पूरे फायदे के लिए हर किशमिश को बत्तीस बार चबाकर खाएं। इस प्रयोग को नियमित बत्तीस दिन करने से लो ब्लडप्रेशर की शिकायत कभी नहीं होगी।
विशेष-जिसको लो बी पी की शिकायत हो और अक्सर चक्कर आते हों तो आवलें के रस में शहद मिलाकर चाटने से जल्दी आराम होता है।
उपचार स्वास्थ्य और प्रयोग -
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