Sunday, March 22, 2015

पायरिया से परेशान है तो करे ये उपाय -

पायरिया दाँतों की एक गंभीर बीमारी होती है जो दाँतों के आसपास की मांसपेशियों को संक्रमित करके उन्हें हानि पहुँचाती है। दांतों की साफ सफाई में कमी होने से जो बीमारी सबसे जल्दी होती है वो है पायरिया। सांसों की बदबू, मसूड़ों में खून और दूसरी तरह की कई परेशानियां। जाड़े के मौसम में पायरिया की वजह से ठंडा पानी पीना मुहाल हो जाता है। पानी ही क्यों कभी-कभी तो हवा भी दांतों को सिहरा देता है-





खाना खाने के बाद दांतों की साफाई ठीक ढंग से नहीं करते हैं तो आपको पायरिया जैसी घातक बीमारी होने की संभावना हो सकती है। मुंह से गंदी बदबू आना, दांतों में दर्द और मसूड़ों में सूजन और खून आना पायरिया के लक्षण हो सकते हैं-

अगर पायरिया को रोका ना गया तो इस बीमारी की वजह से आपके पूरे दांत गिर सकते हैं। कई लोग ब्रश तो अच्‍छी तरह से कर लेते हैं मगर जब बात जीभ को साफ करने की आती है तो, वह उसे ऐसे ही छोड़ देते हैं, जिससे मुंह में बैक्‍टीरिया पनपने लगते हैं। यह भी पायरिया होने का एक बड़ा कारण है-

पायरिया का आयुर्वेदिक उपचार:-



नीम नीम की पत्‍तियों को धो कर छाया में सुखा लें और फिर उसे एक बत्रन में रख कर जला लें। जब पत्‍तियां जल जाएं तब बर्तन को ढंक दें और फिर कुछ देर के बाद राख में सेंधा नमक मिला लें। इस मिश्रण को शीशी में भर कर लख लें और चूर्ण बना कर तीन चार बार मंजन करें।

चुटकी भर सादा नमक चुटकी भर हल्दी में चार पांच बुंद सरसों का तेल मिला कर उंगली से दांतों पर लगाकर 20 मिनट तक रखें और लार आने पर थूकते रहें।

कच्‍चा अमरूद कच्चे अमरुद पर थोडा सा नमक लगाकर खाने से भी पायरिया के उपचार में सहायता मिलती है, क्योंकि यह विटामिन सी का उम्दा स्रोत होता है जो दाँतों के लिए लाभकारी सिद्ध होता है।

घी और कपूर घी में कपूर मिलाकर दाँतों पर मलने से भी पायरिया मिटाने में सहायता मिलती है।

काली मिर्च काली मिर्च के चूरे में थोडा सा नमक मिलाकरदाँतों पर मलने से भी पायरिया के रोग से छुटकारा पाने के लिए काफी मदद मिलती है।

आंवला आंवला जलाकर सरसों के तेल में मिलाएं, इसे मसूड़ों पर धीरे-धीरे मलें।

सूखे मसाले जीरा, सेंधा नमक, हरड़, दालचीनी, दक्षिणी सुपारी को समान मात्रा में लें, इसे बंद बर्तन में जलाकर पीस लें,इस मंजन का नियमित प्रयोग करें।

200 मिलीलीटर अरंडी का तेल, 5 ग्राम कपूर, और 100 मिलीलीटर शहद को अच्छी तरह मिला दें, और इस मिश्रण को एक कटोरी में रखकर उसमे नीम के दातुन को डुबोकर दाँतों पर मलें और ऐसा कई दिनों तक करें। यह भी पायरिया को दूर करने के लिए एक उत्तम उपचार माना जाता है-

प्याज प्याज के टुकड़ों को तवे पर गर्म कीजिए और दांतों के नीचे दबाकर मुंह बंद कर लीजिए। इस प्रकार 10-12 मिनट में लार मुंह में इकट्ठी हो जाएगी। उसे मुंह में चारों ओर घुमाइए फिर निकाल फेंकिए। दिन में 4-5 बार 8-10 दिन करें, पायरिया जड़ से खत्म हो जाएगा, दांत के कीड़े भी मर जाएंगे और मसूड़ों को भी मजबूती प्राप्त होगी-

खस, इलायची और लौंग का तेल मिलाकर मसूड़ों में लगाएं-

तम्बाखू का मंजन केसे बनाये :-



सादी तम्बाकू- 50 ग्राम

सेंधा नमक - 25 ग्राम

फिटकरी - 25 ग्राम


तम्बाखू को लेकर  तवे पर काला होने तक भूनें। फिर पीसकर कपड़छान कर महीन चूर्ण कर लें।

सेंधा नमक और फिटकरी बराबर मात्रा में लेकर पीस लें और तीनों को मिलाकर तीन बार छान लें, ताकि ये एक जान हो जाएँ।

इस मिश्रण को थोड़ी मात्रा में हथेली पर रखकर इस पर नीबू के रस की 5-6 बूँदें टपका दें। अब इससे दाँतों व मसूढ़ों पर लगाकर हलके-हलके अँगुली से मालिश करें। यह प्रयोग सुबह और रात को सोने से पहले 10 मिनट तक करके पानी से कुल्ला करके मुँह साफ कर लें।जो तम्बाकू का प्रयोग नहीं करते उन्हें इसके प्रयोग में तकलीफ होगी। उन्हें चक्कर आ सकते हैं। अत: सावधानी के साथ कम मात्रा में मंजन लेकर प्रयोग करें-


एक और प्रयोग ये भी आप बना सकते है :-



गंधक रसायन- 5 ग्राम

आरोग्यवर्धिनी बटी - 5 ग्राम

कसीस भस्म - 5  ग्राम

शुभ्रा(फिटकरी) भस्म- 5 ग्राम

सोना गेरू- 10  ग्राम

त्रिफला चूर्ण-  20 ग्राम


उपरोक्त ये सभी दवाए आप आयुर्वेदिक दवा खाने से ले ...!

अब आप इन सबको घोंट करके मिला लीजिये। इस पूरी दवा की बराबर वजन की कुल इक्कीस पुड़िया बना लीजिये। सुबह – दोपहर – शाम को एक-एक पुड़िया एक कप पानी में घोल कर मुंह में भर कर जितनी देर रख सकें रखिये फिर उसे निगल लीजिये-


अनार के छिलके पानी मे डाल कर खूब खौला कर ठंडा कर लें । इस पानी से दिन मे तीन चार बार कुल्ले करें । इससे मुंह की बदबू से बहुत जल्द छुटकारा मिल जाएगा -

बादाम के छिलके तथा फिटकरी को भूनकर फिर इनको पीसकर एक साथ मिलाकर एक शीशी में भर दीजिए। इस मंजन को दांतों पर रोजाना मलने से पायरिया रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है-

पायरिया होने पर कपूर का टुकड़ा पान में रखकर खूब चबाने और लार एवं रस को बाहर निकालने से पायरिया रोग खत्म होता है-

5 से 6 बूंद गर्म पानी में लौंग का तेल 1 गिलास गर्म पानी में मिलाकर प्रतिदिन गरारे व कुल्ला करने से पायरिया रोग नष्ट होता है-


बचाव और सावधानियाँ :-


दिन में दो बार दाँतों को सही और नियमित रूप से ब्रश करना बहुत ज़रूरी होता है। शरीर में मौजूद विषैले तत्वों के निष्काशनके लिए पानी का सेवन भरपूर मात्रा में करें। विटामिन सी युक्त फल, जैसे कि आंवला, अमरुद, अनार, और संतरे का भी सेवन भरपूर मात्रा में करें।

पायरिया के इलाज के दौरान रोगी को मसाले रहित उबली सब्ज़ियों का ही सेवन करें।

मसालेदार खान पान, जंक फ़ूड और डिब्बाबंद आहार का सेवन बिल्कुल भी न करें।

चीज़ और दूध के अन्य उत्पादनों का सेवन बिल्कुल भी न करें, क्योंकि इनका दाँतों से चिपकने का खतरा होता है, और जीवाणुओं के बढ़ने में सहायता करते हैं।

धूम्रपान और तम्बाकू के सेवन से भी बचें क्योंकि यह पायरिया की बीमारी को बढाते हैं।

पायरिया रोग से पीड़ित रोगी को कभी-भी चीनी, मिठाई या डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों का उपयोग नहीं करना चाहिए।

दांतों के पस को ठीक करने के घरेलू उपचार:-



दांतों में पस मुख्य रूप से मसूड़ों में जलन और टूटे हुए दांत के कारण होता है। दांतों में पस मुख्य रूप से एक प्रकार का संक्रमण होता है जो मसूड़ों और दांतों की जड़ों के बीच होता है तथा इसके कारण बहुत अधिक दर्द होता है। इसके कारण दांत के अंदर पस बन जाता है जिसके कारण दांत में दर्द होता है। जिस दांत में पस हो जाता है उसमें बैक्टीरिया प्रवेश कर जाता है और वही बढ़ता रहता है जिससे उन हड्डियों में संक्रमण हो जाता है जो दांतों को सहारा देती हैं। यदि समय पर इसका उपचार नहीं किया गया तो इसके कारण जीवन को खतरा हो सकता है। मसूड़ों के लिए टिप्स दांतों में पस होने के कारण जो दर्द होता है वह असहनीय होता है तथा इस दर्द को रोकने के लिए लोग कई तरह के उपचार करते हैं परंतु अंत में दर्द बढ़ जाता है।

यदि आप भी मसूड़ों की इस बीमारी से ग्रसित हैं तो हम आपको बताएँगे कि आपको क्या करना चाहिए तथा क्या नहीं। पहले आपको इस बीमारी के लक्षण तथा कारण पहचानने होंगे। दांतों में पस होने के कारण मसूड़ों की बीमारी मुंह की सफाई ठीक से न करना प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर होना टूटा हुआ दांत मसूड़ों में सूजन और जलन दांतों में संक्रमण बैक्टीरिया कार्बोहाइड्रेट युक्त तथा चिपचिपे पदार्थ अधिक मात्रा में खाना....!



उपचार दांतों में पस होने के लक्षण:-


जब भी आप कुछ खाएं तो संक्रमित जगह पर दर्द संवेदनशील दांत मुंह में गंदे स्वाद वाले तरल पदार्थ का स्त्राव साँसों में बदबू मसूड़ों में लालिमा और दर्द अस्वस्थ महसूस करना मुंह खोलने में तकलीफ होना प्रभावित क्षेत्र में सूजन-

लहसुन बैक्टीरिया को मारने के लिए एक प्राकृतिक हथियार है। कच्चे लहसुन का रस संक्रमण को मारने में मदद करता है। यदि वास्तव में आपके दांत में बहुत अधिक दर्द हो रहा हो तो आप ऐसा कर सकते हैं। कच्चे लहसुन की एक कली लें। इसे पीसें और निचोड़ें तथा इसका रस निकालें। इस रस को प्रभावित क्षेत्र पर लगायें। यह घरेलू उपचार दांत के दर्द में जादू की तरह काम करता है-

लौंग का तेल भी संक्रमण रोकने में सहायक होता है तथा दांतों के दर्द में तथा मसूड़ों की बीमारी में अच्छा उपचार है। थोड़ा सा लौंग का तेल लें तथा इस तेल से धीरे धीरे ब्रश करें। जब आप प्रभावित क्षेत्र में इसे लगायें तो अतिरिक्त सावधानी रखें। बहुत अधिक दबाव न डालें तथा अपने मसूड़ों पर धीरे धीरे मालिश करें अन्यथा अधिक दर्द होगा। मसूड़ों पर लौंग के तेल की कुछ मात्रा लगायें तथा धीरे धीरे मालिश करें-

आईल पुलिंग यह एक घरेलू उपचार बहुत ही सहायक है। इसमें आपको सिर्फ नारियल के तेल की आवश्यकता होती है। एक टेबलस्पून नारियल का तेल लें और इसे अपने मुंह में चलायें। इसे निगले नहीं, इसे लगभग 30 मिनिट तक अपने मुंह में रखें रहें। फिर इसे थूक दें और मुंह धो लें। आपको निश्चित रूप से आराम मिलेगा-

दांत के दर्द में पेपरमिंट आईल जादू की तरह काम करता है। अपनी उँगलियों के पोरों पर कुछ तेल लें तथा इसे धीरे धीरे प्रभावित क्षेत्र पर मलें। आपको दांत के दर्द से तुरंत आराम मिलेगा-

दांतों में पस होने पर ऐप्पल सीडर विनेगर एक अन्य प्रभावशाली उपचार है। चाहे वह प्राकृतिक हो या ऑर्गेनिक, यह बहुत अधिक प्रभावशाली है। एक टेबलस्पून ए सी वी लें। इसे कुछ समय के लिए अपने मुंह में रखें और फिर इसे थूक दें। इसे निगलें नहीं। इससे प्रभावित क्षेत्र रोगाणुओं से मुक्त हो जाएगा। इससे सूजन भी कम होती है-


चमकते सफेद दांतों के लिए क्‍या करें और क्‍या न करें:-


आप जितना मुश्किल समझते है उससे कहीं ज्‍यादा आसान होता है दांतों की सफेदी और चमक को बरकरार रखना। जानिए कैसे - दांतों की सही तरीके से देखभाल करने से न सिर्फ दांत स्‍वस्‍थ रहते है बल्कि उनकी चमक भी बरकरार रहती है। इस बारे में आपको इस आर्टिकल में कुछ टिप्‍स दिए जा रहे है -

क्‍या न करें :-



बेकिंग सोडा के ज्‍यादा सेवन या इस्‍तेमाल से बचाव करें। पहले इसके इस्‍तेमाल से आपको दांत सफेद और चमकदार लग सकते है लेकिन बाद में दांतों में पीलापन आ जाता है-

ज्‍यादा गाढ़े रंग वाले फलों या खाद्य सामग्रियों के सेवन से बचें। सोया सॉस, मरिनारा सॉस आदि दांतों पर दाग छोड़ देते है-

बहुत ज्‍यादा मात्रा में एनर्जी ड्रिंक न पिएं। इसमें मिला हुआ एसिड दांतों को नुकसान पहुंचाता है और दातों की सफेदी चली जाती है-

क्‍या करें :-



समय-समय पर अपने ब्रश को बदलते रहें। हर तीन महीने में ब्रश को बदलना सही रहता है। ब्रश अच्‍छी क्‍वालिटी का होना चाहिये ताकि दातों और मसूडों को नुकसान न पहुंचे-

जीभ साफ रखें। जब भी ब्रश करें, अपनी जीभ को साफ करना कतई न भूलें। इससे सांसों में बदबू नहीं आएगी और मुंह फ्रेश रहेगा-

फल को काटकर खाने से बेहतर है कि उसे यूं ही खाएं। इससे दांतों में मजबूती आएगी, दांत साफ रहेगें और स्‍ट्रांग बनेगें-

उपचार और प्रयोग -

No comments:

Post a Comment