* "एलो" का अर्थ होता है रेडिएन्स अर्थात चमक। लिली परिवार का यह पौधा बहुत सारे खनिजों, लवणों और विटामिनों से भरपूर होता है। अपने उम्र वृद्धिकारक गुणों तथा आर्द्रताकारी (Moisturizing) के कारण बहुत बार इसका प्रयोग त्वचा लोशन या क्रीम के रूप में किया जाता है। एलोवेरा में 18 धातु, 15 एमिनो एसिड और 12 विटामिन मौजूद होते हैं, जो खून की कमी को दूर कर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
* एलोवेरा का एक अच्छे स्वास्थ्यवर्द्धक पेय (Drink) के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। एलोवेरा 5,000 वर्ष पुरानी रामबाण औषधि है। इसका वनस्पति नाम धृतकुमारी ,ग्वारपाठा है। इसे संजीवनी पौधा भी कहा जाता है। इसकी लगभग 250 उपजातियां हैं जिनमें से कुछ गिनी चुनी ही औषधीय गुणों से परिपूर्ण होती है। उन कुछ प्रजाततियों में से एक है जो सबसे ज्यादा प्रभावशाली है वह है बार्बाडेन्सीस मीलर। आप जानते है कि हमारे शरीर को 21 अमीनोएसिड़ की जरूरत होतीहै जिनमेंसे 18अमीनो एसिड़ केवल एलोवेरा से ही मिलते है।
* एलोवेरा जैल में वो औषधीय तत्व हैं जो खुद से शरीर में नहीं बनते बल्कि एलोवेरा से ही प्राप्त होते हैं जैसे– कुछ अनिवार्य खनिज, 8अनिवार्य अमीनो एसिड,जो शरीर में खुद से नहीं बनते न ही शरीर में जमा होते हैं इस कारण इन तत्वों को निरंतर शरीर को जरूरत रहती है जिसे पूरी करना भी जरूरी है। एलोवेरा में सेपोनिन नामक तत्व होता है जो शरीर की अंदरूनी सफाई करता है तथा रोगाणु रहित रखने का गुण रखता है।एलोवेरा दुनिया का सबसें बढिया एंटिबाइटिक ,एंटी,सेप्टिक है।
* एलोवेरा का विशेष गुण-है कि शरीर के कोमल तत्वों को हानि नहीं पहुंचने देता यदि हानि होती भी है तो उस नुकसान की भरपाई करने में मदद भी करता है।जिन तत्वों से बुढापा जल्दी आता है एलोवेरा ऐसे तत्वों को नष्ट करता है। एलोवेरा हमारे शरीर की छोटी बड़ी नस,ना़डियों की सफाई करता है उनमें नवीन शक्ति तथा स्फूर्ति भरता है। एलोवेरा जैल हर उम्र के लोग इस्तेमाल कर सकते है यह शरीर में जाकर जो भी सिस्टम खराब है वहां काम करता है।इसका कोई साइड़ इफेक्ट भी नहीं होता इसे संजीवनी बूटी भी कहते हैं।
इसका प्रचलित नाम :- घीकुवार, ग्वार पाठा, घृतकुमारी, रससार-एलुआ, मुसब्वर
अंग्रेजी नाम :- एलो, ए बार्बएडनेन्सिस मिल
पौधे का परिचय :-
==========
*घृत कुमारी का पौधा बिना तने का या बहुत ही छोटे तने का एक गूदेदार और रसीला पौधा होता है जिसकी लम्बाई ६०-१०० सेंटीमीटर तक होती है। इसका फैलाव नीचे से निकलती शाखाओं द्वारा होता है। इसकी पत्तियां भालाकार, मोटी और मांसल होती हैं जिनका रंग, हरा, हरा-स्लेटी होने के साथ कुछ किस्मों मे पत्ती के ऊपरी और निचली सतह पर सफेद धब्बे होते हैं। पत्ती के किनारों पर की सफेद छोटे दाँतों की एक पंक्ति होती है। गर्मी के मौसम में पीले रंग के फूल उत्पन्न होते हैं। माना जाता है कि घृत कुमारी मूलत: उत्तरी अफ्रीका का पौधा है और मुख्यत: अल्जीरिया, मोरक्को, ट्यूनीशिया के साथ कैनेरी द्वीप और माडियरा द्वीपों से संबंधित है हालाँकि अब इसे पूरे विश्व मे उगाया जाता है। इस प्रजाति को चीन, भारत, पाकिस्तान और दक्षिणी यूरोप के विभिन्न भागों में सत्रहवीं शताब्दी में लाया गया था। इस प्रजाति को शीतोष्ण और उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में जैसे ऑस्ट्रेलिया, बारबाडोस, बेलीज़, नाइजीरिया, संयुक्त राज्य अमरीका और पैराग्वे मे भी सफलता पूर्वक उगाया जाता है। विश्व में इसकी २७५ प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
* घृत कुमारी का स्वाद बहुत ही कड़वा होता है तथापि इसके जैल का प्रयोग व्यावसायिक रूप में उपलब्ध दही, पेय पदार्थों और कुछ मिठाइयों मे एक घटक के रूप में किया जाता है। माना जाता है कि घृत कुमारी के बीजो से जैव इंधन प्राप्त किया जा सकता है। भेड़ के कृत्रिम गर्भाधान मे वीर्य को पतला करने के लिये घृत कुमारी का प्रयोग होता है। ताजा भोजन के संरक्षक के रूप में और छोटे खेतों में जल संरक्षण के उपयोग मे भी आता है।
उपयोगी अंग :-
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* पत्तियों से प्राप्त लसीला पीला कड़ुआ द्रव्य (एलोएटिक जूस), सफेद गूदा (एलो जेल)।
मुख्य रासायनिक घटक :-
================
* घृतकुमारी का प्रमुख घटक ‘एल्वायन’ होता है, जिसमें बार्बेल्वायन, आईसोवार्वेल्वायन एवं एलोइमोडिन आदि घटक पाये जाते हैं।
औषधीय गुण एवं उपयोग :-
=================
* घृतकुमारी अल्पमात्र में दीपन, पाचन, कटुपौष्टिक, यकृत उत्तेजक तथा बड़ी मात्रा में विरेचन, कृमिघ्न, रक्तशोधक, आर्त्तजनन, गुण वाली होती है। वर्तमान समय में एलोजेल का सौन्दर्य प्रसाधन में अत्यधिक उपयोग किया जा रहा है, एवं विभिन्न प्रकार के क्रीम, शैम्पू, लोशन, इत्यादि व्यावसायिक उत्पाद बाजार में उपलब्ध हैं।
* बालों की खूबसूरती बढ़ाए एलोवेरा एलोवेरा के फायदे बहुत हैं। यह ना सिर्फ बालों को खूबसूरत और चमकदार बनाता है, बल्कि उन्हें जड़ से मजबूत बनाता है। इससे बालों का टूटना कम होता है। बालों को खूबसूरत बनाने के लिए एलोवेरा का इस्तेमाल काफी लाभप्रद रहता है। यह बालों से जुड़ी कई तकलीफों से राहत दिलाता है। आइए जानें खूबसूरत बालों के लिए एलोवेरा और कितना मददगार है। तैलीय बालों की समस्याओं को दूर करने में एलोवेरा जेल बहुत कारगर है। बालों और स्कैल्प में तेल की अतिरिक्त मात्रा को सामान्य कर बालों की शक्ति को भी बढ़ाने में एलोवेरा जेल का जवाब नहीं।
* बालों के लिए एलोवेरा का इस्तेमाल खूबसूरत बालों की यदि आप ख्वाहिश रखती है तो इसके लिए आपको कुछ खास तत्वों का भी इस्तेमाल करना होगा जिससे आप बालों को खूबसूरत बना सकें। ऐसे में आप आवला, शिकाकाई या फिर एलोवेरा का इस्तेमाल कर सकती हैं। इन तीनों में से किसी एक के प्रयोग से आप अपने बालों को चमकदार और खूबसूरत बना सकती हैं। एलोवेरा के फायदे बहुत हैं। यह ना सिर्फ आपके बालों को खूबसूरत और चमकदार बनाता है बल्कि बालों की जड़ों को मजबूत करता है और बालों में जान डालने के लिए भी कारगर है। बालों को खूबसूरत बनाने के लिए इधर-उधर के उपाय छोड़ आपको एलोवेरा का इस्तेमाल करना ही सबसे बढि़या रहेगा। इसके इस्तेमाल से बालों संबंधित समस्याओं से भी निजात पाई जा सकती है।
* बालों संबंधी जितनी भी समस्याएं हैं एलोवेरा के प्रभाव से दूर हो जाती हैं जैसे- बालों का गिरना, रूखे बाल, बालों में डेंड्रफ इत्यादि समस्याएं। एलोवेरा जेल को सिर्फ आधा घंटा लगाने के बाद आप उनको धो सकते हैं। ऐसा आप सिर्फ महीने में दो बार भी करते हें तो आपको इसके परिणाम कुछ ही महीनों में दिखाई देने लगेंगे। ऑयली बालों की समस्याओं को सुलझाने के लिए भी एलोवेरा जेल बहुत कारगर है। बालों और स्कॉल्प में ऑयल की अधिक मात्रा को सामान्य कर बालों की शक्ति को भी बढ़ाता है।
* एलोवेरा से गंजेपन को भी दूर किया जा सकता है। एलोवेरा को स्कैल्प पर शैंपू की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे बाल मजबूत तो होते ही हैं साथ ही रूसी की समस्या भी दूर होती है। केश संबंधी समस्याओं को एलोवेरा के प्रयोग से दूर किया जा सकता है। इससे बालों का गिरना, रूखे बाल, बालों में डेंड्रफ इत्यादि समस्याओं को दूर किया जा सकता है। एलोवेरा जेल को सिर्फ आधा घंटा लगाने के बाद ही सिर धोया जा सकता है। अगर महीने में सिर्फ दो बार इसे सिर पर लगाया जाए तो कुछ ही महीनों में आपको इसके सकारात्मक प्रभाव नजर आने लगेंगे।
* एलोवेरा बाजार में बालों के लिए कई रासायनिक उत्पाद मिलते हैं। जिनके कुछ प्रतिकूल प्रभावों के चलते बालों की समस्या हो सकती है। वहीं दूसरी ओर एलोवेरा पूरी तरह प्राकृतिक है। इसके इस्तेमाल का कोई दुष्परिणाम नहीं होता। बाजार में एलोवेरा युक्त कई उत्पाद उपलब्ध हैं। इन उत्पादों का उपयोग कर आप अपने बालों को खूबसूरत और आकर्षक बना सकते हैं। बालों को नरम, चमकदार बनाने के साथ ही लंबे बनाने के लिए आप खुद घर पर एलोवेरा शैंपू भी बना सकते हैं। इसके लिए आपको एलोवेरा जूस में नारियल, दूध और गेहूं और तेल मिलाकर बनाएं।
* बाजार में बहुत सी ऐसी दवाईया मौजूद है जिनके सेवन से आप बालों संबंधी समस्याओं से बचाव का सकते हैं। लेकिन यदि आप ऐलोवेरा के नेचुरल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करेंगे तो उसका आपके बालों पर ना तो कोई अतिरिक्त प्रभाव पड़ेगा और आपके बाल अधिक घने, लंबे और खूबसूरत भी होगे। आजकल बाजार में एलोवेरा युक्त बहुत से उत्पाद आते हैं, लिहाजा आप उन उत्पादों को खरीदकर अपने बालों के लिए उपयोग कर सकते हैं। लेकिन उसके लिए जरूरी है कि आपको अपने बालों के हिसाब से इन उत्पादों का प्रयोग करना होगा। एलोवेरा का सबसे बड़ा फायदा है कि इसके कोई अतिरिक्त प्रभाव नहीं है। ऐसे में यदि आप बालों की प्रभावित जगह पर एलोवेरा का सीधा-सीधा इस्तेमाल करती हैं तो इसमें आपको डरने की कोई जरूरत नहीं है। इससे आपको नए बालों की ग्रोथ में भी मदद मिलेगी।
* झुर्रियों से बचाव झुर्रियों आपको समय से पहले बूढ़ा बना देती हैं इससे बचने के लिए रोजाना एलोवेरा जॅल से मालिश कीजिये। यह त्वचा को अंदर से मॉइश्चराइज करता है। इसका रस स्किन को टाइट बनाता है और इसमें मौजूद विटामिन सी और के कारण त्वचा हाइड्रेट भी बनी रहती है
* स्किन टोनर एलोवेरा एक बेहतरीन स्किन टोनर है। एलोवेरा फेशवॉश से त्वचा की नियमित सफाई से त्वचा से अतिरिक्त तेल निकल जाता है, जो पिंपल्स यानी कील-मुहांसे को पनपने ही नहीं देता है एलोवेरा त्वचा को जरूरी मॉश्चयर देता है। एलोवेरा त्वचा की नमी को बनाए रखता है।
* एक गिलास ठंडे नारियल पानी में दो से चार चम्मच एलोवेरा का रस या पल्प (गूदा) मिलाकर पीने से लू लगने का खतरा नहीं रहता है।
* एलोवेरा का जूस बवासीर, डायबिटीज़, गर्भाशय के रोग तथा पेट के विकारों को दूर करता है।
* एलोवेरा के पल्प (गुदे) में मुल्तानी मिट्टी या चंदन पाऊडर में मिलाकर लगाने से त्वचा के कील - मुहांसे ठीक हो जाते हैं।
* सुबह उठकर खाली पेट एलोवेरा की पत्तियों के रस का सेवन करने से पेट में कब्ज़ की समस्या से निजात मिलती है।
* गर्मी, उमस और बारिश के कारण निकलने वाले फोड़े - फुंसियों पर भी इसका रस लगाने पर आराम मिलता है और तीन - चार बार लगाने से वो ठीक भी हो जाते हैं।
* गुलाब जल में एलोवेरा का रस मिलाकर त्वचा पर लगाने से त्वचा में नमी बरकरार रहती है और खोई नमी लौटती है।
* एलोवेरा का जूस मेहँदी में मिलाकर बालों में लगाने से बाल चमकदार तथा स्वस्थ रहते हैं।
* कहीं भी जलने या चोट लगने पर एलोवेरा का रस लगाने से बहुत आराम मिलता और वो तेज़ी से भी ठीक होती है।
* इसके अलावा शारीरिक ऊर्जा, पाचन क्रिया तथा त्वचा - पुनर्निर्माण के लिए भी एलोवेरा का रस और पल्प (गूदा) काफी लाभदायक होता है।
* स्ट्रेच मार्क्स त्वचा से संबंधित अलग-अलग तरह के रोगों को दूर करने में एलोवेरा बेहद लाभकारी है। इसमें पाए जाने वाले तत्व स्ट्रेच मार्क्स को दूर करने में कारगर साबित हो सकते हैं। स्ट्रेच मार्क्स पर ताजा एलोवेरा के गूदे से मसाज करने पर त्वचा टोन होती है। इसमें मौजूद एंजाइम खराब हो चुकी त्वचा को हटाकर दूसरी त्वचा को हाइड्रेट करता है। एलोवेरा के जूस को भी स्ट्रेच मार्क्स पर लगा सकते हैं। इसे लगाने के कुछ मिनट के बाद गुनगुने पानी से धो सकते हैं.
* एलोवेरा औषधीय गुणों का भण्डार है। यह त्वचा को कोमल और चमकदार बनाने में मदद करता हैं। इसके एंटी-ऑक्सीडेंट गुण त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने में मदद करते हैं। एलोवेरा न केवल स्किन सेल के नवीनीकरण की प्रक्रिया में मदद करता है, बल्कि त्वचा को नमी बनाए रखने की क्षमता भी देता है।
* सनबर्न में फायदेमंद एलोवेरा में सनबर्न से लड़ने के शक्तिशाली चिकित्सा गुण होते है। इसके हर्बल एक्स्ट्रैक्ट त्वचा पर सुरक्षात्मक परत के रूप में काम करते है और साथ ही इसके एंटी ऑक्सीडेंट गुण नमी की कमी की भरपाई करने में मदद करते हैं। इसलिए जब भी आप धूप में घर से बाहर जाएं तो एलोवेरा का रस अच्छी तरह से अपने चेहरे पर लगा कर जायें। त्वचा के लिए मॉश्चराइजर एलोवेरा के एक्स्ट्रैक्ट मॉइस्चराइजिंग उत्पादों में इस्तेमाल किये जाते है। यह तैलीय त्वचा के लिए भी आदर्श माना जाता है क्योंकि इससे त्वचा चिकनी नही लगती।
* वह महिलायें जो मिनरल बेस मेकअप का उपयोग करती है उनकी त्वचा की ड्राईनस को कम करने के लिए एलोवेरा मॉइस्चर के रूप में भी कार्य करता है।
* शरीर के कोमल तत्वों को हानि नहीं पहुंचने देता यदि हानि होती भी है तो उस नुकसान की भरपाई करने में मदद भी करता है।जिन तत्वों से बुढापा जल्दी आता है एलोवेरा ऐसे तत्वों को नष्ट करता है। एलोवेरा हमारे शरीर की छोटी बड़ी नस, नाड़ियों की सफाई करता है उनमें नवीन शक्ति तथा स्फूर्ति भरता है। एलोवेरा जैल हर उम्र के लोग इस्तेमाल कर सकते है यह शरीर में जाकर जो भी सिस्टम खराब है वहां काम करता है। इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता इसे संजीवनी बूटी भी कहते हैं।
चमकदार त्वचा के लिए एलोवेरा फेस पैक:-
=========================
एक चुटकी हल्दी
एक चम्मच शहद
एक चम्मच दूध
गुलाब जल की कुछ बूंदे
* इन सभी का मिश्रण बना लें। फिर आप इसमें थोड़ा सा एलोवेरा का जैल मिला लें और इसे अच्छी तरह से मिक्स करें। अब आप इसे चेहरा और गर्दन पर लगायें। 20 मिनट के लिए रखें और फिर ठंडे पानी से धो दें।
टैन हटाने के लिए एलोवेरा फेस मास्क:-
=======================
* नींबू के रस की कुछ बूंदों में एलोवेरा मिश्रण मिलायें। तथा प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। 15 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर आप ठंडे पानी से धोएं।
पिग्मन्टेशन मार्क्स हटाने के लिए एलोवेरा फेस पैक:-
===============================
* एलोवेरा और गुलाब जल को मिलाकर पेस्ट तैयार करें। अब आप इसे चेहरे पर लगाए और कम से कम 15 मिनट के लिए इसे ऐसे ही रहने दें। फिर आप ठंडे पानी से चेहरे को धो लें.
उपचार स्वास्थ्य और #प्रयोग -http://upchaaraurpryog120.blogspot.in/
* एलोवेरा का एक अच्छे स्वास्थ्यवर्द्धक पेय (Drink) के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। एलोवेरा 5,000 वर्ष पुरानी रामबाण औषधि है। इसका वनस्पति नाम धृतकुमारी ,ग्वारपाठा है। इसे संजीवनी पौधा भी कहा जाता है। इसकी लगभग 250 उपजातियां हैं जिनमें से कुछ गिनी चुनी ही औषधीय गुणों से परिपूर्ण होती है। उन कुछ प्रजाततियों में से एक है जो सबसे ज्यादा प्रभावशाली है वह है बार्बाडेन्सीस मीलर। आप जानते है कि हमारे शरीर को 21 अमीनोएसिड़ की जरूरत होतीहै जिनमेंसे 18अमीनो एसिड़ केवल एलोवेरा से ही मिलते है।
* एलोवेरा जैल में वो औषधीय तत्व हैं जो खुद से शरीर में नहीं बनते बल्कि एलोवेरा से ही प्राप्त होते हैं जैसे– कुछ अनिवार्य खनिज, 8अनिवार्य अमीनो एसिड,जो शरीर में खुद से नहीं बनते न ही शरीर में जमा होते हैं इस कारण इन तत्वों को निरंतर शरीर को जरूरत रहती है जिसे पूरी करना भी जरूरी है। एलोवेरा में सेपोनिन नामक तत्व होता है जो शरीर की अंदरूनी सफाई करता है तथा रोगाणु रहित रखने का गुण रखता है।एलोवेरा दुनिया का सबसें बढिया एंटिबाइटिक ,एंटी,सेप्टिक है।
* एलोवेरा का विशेष गुण-है कि शरीर के कोमल तत्वों को हानि नहीं पहुंचने देता यदि हानि होती भी है तो उस नुकसान की भरपाई करने में मदद भी करता है।जिन तत्वों से बुढापा जल्दी आता है एलोवेरा ऐसे तत्वों को नष्ट करता है। एलोवेरा हमारे शरीर की छोटी बड़ी नस,ना़डियों की सफाई करता है उनमें नवीन शक्ति तथा स्फूर्ति भरता है। एलोवेरा जैल हर उम्र के लोग इस्तेमाल कर सकते है यह शरीर में जाकर जो भी सिस्टम खराब है वहां काम करता है।इसका कोई साइड़ इफेक्ट भी नहीं होता इसे संजीवनी बूटी भी कहते हैं।
इसका प्रचलित नाम :- घीकुवार, ग्वार पाठा, घृतकुमारी, रससार-एलुआ, मुसब्वर
अंग्रेजी नाम :- एलो, ए बार्बएडनेन्सिस मिल
पौधे का परिचय :-
==========
*घृत कुमारी का पौधा बिना तने का या बहुत ही छोटे तने का एक गूदेदार और रसीला पौधा होता है जिसकी लम्बाई ६०-१०० सेंटीमीटर तक होती है। इसका फैलाव नीचे से निकलती शाखाओं द्वारा होता है। इसकी पत्तियां भालाकार, मोटी और मांसल होती हैं जिनका रंग, हरा, हरा-स्लेटी होने के साथ कुछ किस्मों मे पत्ती के ऊपरी और निचली सतह पर सफेद धब्बे होते हैं। पत्ती के किनारों पर की सफेद छोटे दाँतों की एक पंक्ति होती है। गर्मी के मौसम में पीले रंग के फूल उत्पन्न होते हैं। माना जाता है कि घृत कुमारी मूलत: उत्तरी अफ्रीका का पौधा है और मुख्यत: अल्जीरिया, मोरक्को, ट्यूनीशिया के साथ कैनेरी द्वीप और माडियरा द्वीपों से संबंधित है हालाँकि अब इसे पूरे विश्व मे उगाया जाता है। इस प्रजाति को चीन, भारत, पाकिस्तान और दक्षिणी यूरोप के विभिन्न भागों में सत्रहवीं शताब्दी में लाया गया था। इस प्रजाति को शीतोष्ण और उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में जैसे ऑस्ट्रेलिया, बारबाडोस, बेलीज़, नाइजीरिया, संयुक्त राज्य अमरीका और पैराग्वे मे भी सफलता पूर्वक उगाया जाता है। विश्व में इसकी २७५ प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
* घृत कुमारी का स्वाद बहुत ही कड़वा होता है तथापि इसके जैल का प्रयोग व्यावसायिक रूप में उपलब्ध दही, पेय पदार्थों और कुछ मिठाइयों मे एक घटक के रूप में किया जाता है। माना जाता है कि घृत कुमारी के बीजो से जैव इंधन प्राप्त किया जा सकता है। भेड़ के कृत्रिम गर्भाधान मे वीर्य को पतला करने के लिये घृत कुमारी का प्रयोग होता है। ताजा भोजन के संरक्षक के रूप में और छोटे खेतों में जल संरक्षण के उपयोग मे भी आता है।
उपयोगी अंग :-
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* पत्तियों से प्राप्त लसीला पीला कड़ुआ द्रव्य (एलोएटिक जूस), सफेद गूदा (एलो जेल)।
मुख्य रासायनिक घटक :-
================
* घृतकुमारी का प्रमुख घटक ‘एल्वायन’ होता है, जिसमें बार्बेल्वायन, आईसोवार्वेल्वायन एवं एलोइमोडिन आदि घटक पाये जाते हैं।
औषधीय गुण एवं उपयोग :-
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* घृतकुमारी अल्पमात्र में दीपन, पाचन, कटुपौष्टिक, यकृत उत्तेजक तथा बड़ी मात्रा में विरेचन, कृमिघ्न, रक्तशोधक, आर्त्तजनन, गुण वाली होती है। वर्तमान समय में एलोजेल का सौन्दर्य प्रसाधन में अत्यधिक उपयोग किया जा रहा है, एवं विभिन्न प्रकार के क्रीम, शैम्पू, लोशन, इत्यादि व्यावसायिक उत्पाद बाजार में उपलब्ध हैं।
* बालों की खूबसूरती बढ़ाए एलोवेरा एलोवेरा के फायदे बहुत हैं। यह ना सिर्फ बालों को खूबसूरत और चमकदार बनाता है, बल्कि उन्हें जड़ से मजबूत बनाता है। इससे बालों का टूटना कम होता है। बालों को खूबसूरत बनाने के लिए एलोवेरा का इस्तेमाल काफी लाभप्रद रहता है। यह बालों से जुड़ी कई तकलीफों से राहत दिलाता है। आइए जानें खूबसूरत बालों के लिए एलोवेरा और कितना मददगार है। तैलीय बालों की समस्याओं को दूर करने में एलोवेरा जेल बहुत कारगर है। बालों और स्कैल्प में तेल की अतिरिक्त मात्रा को सामान्य कर बालों की शक्ति को भी बढ़ाने में एलोवेरा जेल का जवाब नहीं।
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* बालों संबंधी जितनी भी समस्याएं हैं एलोवेरा के प्रभाव से दूर हो जाती हैं जैसे- बालों का गिरना, रूखे बाल, बालों में डेंड्रफ इत्यादि समस्याएं। एलोवेरा जेल को सिर्फ आधा घंटा लगाने के बाद आप उनको धो सकते हैं। ऐसा आप सिर्फ महीने में दो बार भी करते हें तो आपको इसके परिणाम कुछ ही महीनों में दिखाई देने लगेंगे। ऑयली बालों की समस्याओं को सुलझाने के लिए भी एलोवेरा जेल बहुत कारगर है। बालों और स्कॉल्प में ऑयल की अधिक मात्रा को सामान्य कर बालों की शक्ति को भी बढ़ाता है।
* एलोवेरा से गंजेपन को भी दूर किया जा सकता है। एलोवेरा को स्कैल्प पर शैंपू की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे बाल मजबूत तो होते ही हैं साथ ही रूसी की समस्या भी दूर होती है। केश संबंधी समस्याओं को एलोवेरा के प्रयोग से दूर किया जा सकता है। इससे बालों का गिरना, रूखे बाल, बालों में डेंड्रफ इत्यादि समस्याओं को दूर किया जा सकता है। एलोवेरा जेल को सिर्फ आधा घंटा लगाने के बाद ही सिर धोया जा सकता है। अगर महीने में सिर्फ दो बार इसे सिर पर लगाया जाए तो कुछ ही महीनों में आपको इसके सकारात्मक प्रभाव नजर आने लगेंगे।
* एलोवेरा बाजार में बालों के लिए कई रासायनिक उत्पाद मिलते हैं। जिनके कुछ प्रतिकूल प्रभावों के चलते बालों की समस्या हो सकती है। वहीं दूसरी ओर एलोवेरा पूरी तरह प्राकृतिक है। इसके इस्तेमाल का कोई दुष्परिणाम नहीं होता। बाजार में एलोवेरा युक्त कई उत्पाद उपलब्ध हैं। इन उत्पादों का उपयोग कर आप अपने बालों को खूबसूरत और आकर्षक बना सकते हैं। बालों को नरम, चमकदार बनाने के साथ ही लंबे बनाने के लिए आप खुद घर पर एलोवेरा शैंपू भी बना सकते हैं। इसके लिए आपको एलोवेरा जूस में नारियल, दूध और गेहूं और तेल मिलाकर बनाएं।
* बाजार में बहुत सी ऐसी दवाईया मौजूद है जिनके सेवन से आप बालों संबंधी समस्याओं से बचाव का सकते हैं। लेकिन यदि आप ऐलोवेरा के नेचुरल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करेंगे तो उसका आपके बालों पर ना तो कोई अतिरिक्त प्रभाव पड़ेगा और आपके बाल अधिक घने, लंबे और खूबसूरत भी होगे। आजकल बाजार में एलोवेरा युक्त बहुत से उत्पाद आते हैं, लिहाजा आप उन उत्पादों को खरीदकर अपने बालों के लिए उपयोग कर सकते हैं। लेकिन उसके लिए जरूरी है कि आपको अपने बालों के हिसाब से इन उत्पादों का प्रयोग करना होगा। एलोवेरा का सबसे बड़ा फायदा है कि इसके कोई अतिरिक्त प्रभाव नहीं है। ऐसे में यदि आप बालों की प्रभावित जगह पर एलोवेरा का सीधा-सीधा इस्तेमाल करती हैं तो इसमें आपको डरने की कोई जरूरत नहीं है। इससे आपको नए बालों की ग्रोथ में भी मदद मिलेगी।
* झुर्रियों से बचाव झुर्रियों आपको समय से पहले बूढ़ा बना देती हैं इससे बचने के लिए रोजाना एलोवेरा जॅल से मालिश कीजिये। यह त्वचा को अंदर से मॉइश्चराइज करता है। इसका रस स्किन को टाइट बनाता है और इसमें मौजूद विटामिन सी और के कारण त्वचा हाइड्रेट भी बनी रहती है
* स्किन टोनर एलोवेरा एक बेहतरीन स्किन टोनर है। एलोवेरा फेशवॉश से त्वचा की नियमित सफाई से त्वचा से अतिरिक्त तेल निकल जाता है, जो पिंपल्स यानी कील-मुहांसे को पनपने ही नहीं देता है एलोवेरा त्वचा को जरूरी मॉश्चयर देता है। एलोवेरा त्वचा की नमी को बनाए रखता है।
* एक गिलास ठंडे नारियल पानी में दो से चार चम्मच एलोवेरा का रस या पल्प (गूदा) मिलाकर पीने से लू लगने का खतरा नहीं रहता है।
* एलोवेरा का जूस बवासीर, डायबिटीज़, गर्भाशय के रोग तथा पेट के विकारों को दूर करता है।
* एलोवेरा के पल्प (गुदे) में मुल्तानी मिट्टी या चंदन पाऊडर में मिलाकर लगाने से त्वचा के कील - मुहांसे ठीक हो जाते हैं।
* सुबह उठकर खाली पेट एलोवेरा की पत्तियों के रस का सेवन करने से पेट में कब्ज़ की समस्या से निजात मिलती है।
* गर्मी, उमस और बारिश के कारण निकलने वाले फोड़े - फुंसियों पर भी इसका रस लगाने पर आराम मिलता है और तीन - चार बार लगाने से वो ठीक भी हो जाते हैं।
* गुलाब जल में एलोवेरा का रस मिलाकर त्वचा पर लगाने से त्वचा में नमी बरकरार रहती है और खोई नमी लौटती है।
* एलोवेरा का जूस मेहँदी में मिलाकर बालों में लगाने से बाल चमकदार तथा स्वस्थ रहते हैं।
* कहीं भी जलने या चोट लगने पर एलोवेरा का रस लगाने से बहुत आराम मिलता और वो तेज़ी से भी ठीक होती है।
* इसके अलावा शारीरिक ऊर्जा, पाचन क्रिया तथा त्वचा - पुनर्निर्माण के लिए भी एलोवेरा का रस और पल्प (गूदा) काफी लाभदायक होता है।
* स्ट्रेच मार्क्स त्वचा से संबंधित अलग-अलग तरह के रोगों को दूर करने में एलोवेरा बेहद लाभकारी है। इसमें पाए जाने वाले तत्व स्ट्रेच मार्क्स को दूर करने में कारगर साबित हो सकते हैं। स्ट्रेच मार्क्स पर ताजा एलोवेरा के गूदे से मसाज करने पर त्वचा टोन होती है। इसमें मौजूद एंजाइम खराब हो चुकी त्वचा को हटाकर दूसरी त्वचा को हाइड्रेट करता है। एलोवेरा के जूस को भी स्ट्रेच मार्क्स पर लगा सकते हैं। इसे लगाने के कुछ मिनट के बाद गुनगुने पानी से धो सकते हैं.
* एलोवेरा औषधीय गुणों का भण्डार है। यह त्वचा को कोमल और चमकदार बनाने में मदद करता हैं। इसके एंटी-ऑक्सीडेंट गुण त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने में मदद करते हैं। एलोवेरा न केवल स्किन सेल के नवीनीकरण की प्रक्रिया में मदद करता है, बल्कि त्वचा को नमी बनाए रखने की क्षमता भी देता है।
* सनबर्न में फायदेमंद एलोवेरा में सनबर्न से लड़ने के शक्तिशाली चिकित्सा गुण होते है। इसके हर्बल एक्स्ट्रैक्ट त्वचा पर सुरक्षात्मक परत के रूप में काम करते है और साथ ही इसके एंटी ऑक्सीडेंट गुण नमी की कमी की भरपाई करने में मदद करते हैं। इसलिए जब भी आप धूप में घर से बाहर जाएं तो एलोवेरा का रस अच्छी तरह से अपने चेहरे पर लगा कर जायें। त्वचा के लिए मॉश्चराइजर एलोवेरा के एक्स्ट्रैक्ट मॉइस्चराइजिंग उत्पादों में इस्तेमाल किये जाते है। यह तैलीय त्वचा के लिए भी आदर्श माना जाता है क्योंकि इससे त्वचा चिकनी नही लगती।
* वह महिलायें जो मिनरल बेस मेकअप का उपयोग करती है उनकी त्वचा की ड्राईनस को कम करने के लिए एलोवेरा मॉइस्चर के रूप में भी कार्य करता है।
* शरीर के कोमल तत्वों को हानि नहीं पहुंचने देता यदि हानि होती भी है तो उस नुकसान की भरपाई करने में मदद भी करता है।जिन तत्वों से बुढापा जल्दी आता है एलोवेरा ऐसे तत्वों को नष्ट करता है। एलोवेरा हमारे शरीर की छोटी बड़ी नस, नाड़ियों की सफाई करता है उनमें नवीन शक्ति तथा स्फूर्ति भरता है। एलोवेरा जैल हर उम्र के लोग इस्तेमाल कर सकते है यह शरीर में जाकर जो भी सिस्टम खराब है वहां काम करता है। इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता इसे संजीवनी बूटी भी कहते हैं।
चमकदार त्वचा के लिए एलोवेरा फेस पैक:-
=========================
एक चुटकी हल्दी
एक चम्मच शहद
एक चम्मच दूध
गुलाब जल की कुछ बूंदे
* इन सभी का मिश्रण बना लें। फिर आप इसमें थोड़ा सा एलोवेरा का जैल मिला लें और इसे अच्छी तरह से मिक्स करें। अब आप इसे चेहरा और गर्दन पर लगायें। 20 मिनट के लिए रखें और फिर ठंडे पानी से धो दें।
टैन हटाने के लिए एलोवेरा फेस मास्क:-
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* नींबू के रस की कुछ बूंदों में एलोवेरा मिश्रण मिलायें। तथा प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। 15 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर आप ठंडे पानी से धोएं।
पिग्मन्टेशन मार्क्स हटाने के लिए एलोवेरा फेस पैक:-
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* एलोवेरा और गुलाब जल को मिलाकर पेस्ट तैयार करें। अब आप इसे चेहरे पर लगाए और कम से कम 15 मिनट के लिए इसे ऐसे ही रहने दें। फिर आप ठंडे पानी से चेहरे को धो लें.
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