Sunday, June 28, 2015

हार्ट रोग से मुक्ति आपको सूर्य दर्शन से -

दिल की सेहत के लिए आयुर्वेद में अनेक उपाय बताए गए हैं। इनमें कुछ उपाय तो ऐसे हैं जिन्हें बड़ी आसानी अपनाकर आप अपने दिल को मजबूत बना सकते हैं। आइए जानें उन खास बातों के बारे में जिन्हें अपनाकर आप भी अपने दिल को तंदुरुस्त रख सकते हैं और खुशहाल जीवन जी सकते हैं:-





सूर्योदय से पहले उठें ;-
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आयुर्वेद में कहा गया है कि सूर्योदय से पहले उठने वाले को हृदय रोग नहीं होता। अगर आप सुबह में 10-15 मिनट सन बाथ करते हैं तो शरीर के अंदर मौजूद कोलेस्ट्रॉल विटामिन डी में बदल जाता है। सुबह में जब तक लालिमा होती है तब तक सूर्य की किरणें तीखी नहीं होती और ये हृदय के लिए बेहद लाभकारी होती हैं। इन किरणों से हमारी हड्डियां भी मजबूत होती हैं।

हल्दी का सेवन :-
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खासकर दिल की सेहत के लिए नियमित रूप से हल्दी का सेवन बहुत जरूरी है। आयुर्वेद में कहा गया है कि लगभग 500 मिलीग्राम हल्दी रोज खाना चाहिए। हल्दी हमारे शरीर में खून का थक्का नहीं बनने देती क्योंकि यह खून को पतला करने का काम करती है। हल्दी में हल और दी है यानी समाधान देने वाली। जो हर समस्या का समाधान दे उसे हल्दी कहा गया है। इससे हमें अनेक लाभ हैं। एलोपैथिक में हृदय रोगी को डिस्प्रिन देते हैं क्योंकि यह खून को पतला करती है।


गाय का दूध है अमृत:-
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गाय का दूध पीने वाले को हृदय रोग नहीं होता। गाय के दूध में कैलशियम, मैगनिशियम और गोल्ड जैसे बहुत सारे सूक्ष्म पोषक पदार्थ होते हैं। इसी कारण गाय का दूध हल्का पीला होता है। गोल्ड हृदय को ताकत देने वाला होता है। आयुर्वेद में गाय के दूध को हल्का, सुपाच्य, हृदय को बल देने वाला और बुद्धिवर्धक माना गया है। गाय के दूध और मां के दूध में काफी समानताएं हैं।

हरड़ का प्रयोग: -
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हरड़ को आयुर्वेद में पत्थ्य कहा जाता है। इसे मां के समान बताया गया है जो हमारे शरीर की तमाम गड़बड़ियों को ठीक करती है। मां की तरह ही यह शरीर की सारी गंदगी साफ कर देती है। हार्ट अटैक की जांच के साधन नहीं हैं तो यह पहचानना मुश्किल होता है कि हार्ट अटैक है या गैसाइटिस क्योंकि दोनों में समान परेशानी दिखती है। लेकिन हरड़ के नियमित सेवन से शरीर के अंदर की गंदगी साफ होती रहती है और हम बीमारियों से दूर रहते हैं।

उपचार स्वास्थ्य और प्रयोग-http://www.upcharaurprayog.com/

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