Monday, June 15, 2015

वजन घटाने का बिना खर्च तरीका सूर्य-मुद्रा - Sun-currency without spending way Weight Loss

योगासन को शरीर के लिए बहुत अधिक लाभदायक माना जाता है। योगासन की ही तरह रोजाना कुछ देर योग मुद्रा लगाकर बैठना भी बहुत फायदेमंद है।वैसे तो योग मुद्रा कई तरह की होती है लेकिन सूर्य मुद्रा लगाने के अनेक फायदे हैं। सूर्य की अंगुली यानी अनामिका,जिसे रिंग फिंगर भी कहते हैं, का संबंध सूर्य और यूरेनस ग्रह से है। सूर्य, ऊर्जा और स्वास्थ्य का प्रति-निधित्व करता है और यूरेनस कामुकता, अंतज्र्ञान और बदलाव का प्रतीक है-



सूर्य-मुद्रा बनाने की विधि :-


सूर्य की अंगुली को हथेली की ओर मोड़कर उसे अंगूठे से दबाएं। बाकी बची तीनों अंगुलियों को सीधा रखें। इसे सूर्य मुद्रा कहते हैं।अपने हाथ की अनामिका उंगली को अंगूठे की जड़ में लगा लें तथा बाकी बची हुई उंगलियों को बिल्कुल सीधी रहने दें। इस तरह बनाने से सूर्यमुद्रा बनती है।

सूर्य मुद्रा को लगभग 8 मिनट तक करना चाहिए इसको ज्यादा देर तक करने से शरीर में गर्मी बढ़ जाती है। सर्दियों में सूर्य मुद्रा को ज्यादा से ज्यादा 24 मिनट तक किया जा सकता है।

सिद्धासन,पदमासन या सुखासन में बैठ जाएँ | दोनों हाँथ घुटनों पर रख लें हथेलियाँ उपर की तरफ रहें | अनामिका अंगुली (रिंग फिंगर) को मोडकर अंगूठे की जड़ में लगा लें एवं उपर से अंगूठे से दबा लें | बाकि की तीनों अंगुली सीधी रखें |

जाने इसके लाभ :-


इस मुद्रा से वजन कम होता है और शरीर संतुलित रहता है।मोटापा कम करने के लिए आप इसका प्रयोग नित्य-प्रति करे ये बिना पेसे की दवा है हाँ जादू  की अपेक्षा न करे .

इस मुद्रा का रोज दो बार 5 से 15 मिनट तक अभ्यास करने से शरीर का कोलेस्ट्रॉल घटता है।

वजन कम करने के लिए यह असान क्रिया चमत्कारी रूप से कारगर पाई गई है।सूर्य मुद्रा के अभ्यास से मोटापा दूर होता है | शरीर की सूजन दूर करने में भी यह मुद्रा लाभकारी है |

जिन स्त्रियों के बच्चा होने के बाद शरीर में मोटापा बढ़ जाता है वे अगर इस मुद्रा का नियमित अभ्यास करें तो उनका शरीर बिल्कुल पहले जैसा हो जाता है।

सूर्य मुद्रा को रोजाना करने से पूरे शरीर में ऊर्जा बढ़ती है और गर्मी पैदा होती है।तथा सूर्य मुद्रा को करने से शरीर में ताकत पैदा होती है।

कमजोर शरीर वाले व्यक्तियों को यह मुद्रा नहीं करनी चाहिए। वर्ना और कमजोरी आएगी .हाँ जिनको अपना शरीर स्लिम रखना है वो कर सकते है .

इसे नियमित करने से बेचैनी और चिंता कम होकर दिमाग शांत बना रहता है।

यह जठराग्रि (भूख) को संतुलित करके पाचन संबंधी तमाम समस्याओं से छुटकारा दिलाती है।

यह मुद्रा शरीर की सूजन मिटाकर उसे हल्का और चुस्त-दुरुस्त बनाती है।

सूर्य मुद्रा करने से शरीर में गर्मी बढ़ती है अतः गर्मियों में मुद्रा करने से पहले एक गिलास पानी पी लेना चाहिए |

प्रातः सूर्योदय के समय स्नान आदि से निवृत्त होकर इस मुद्रा को करना अधिक लाभदायक होता है | सांयकाल सूर्यास्त से पूर्व कर सकते हैं |

अनामिका अंगुली पृथ्वी एवं अंगूठा अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है , इन तत्वों के मिलन से शरीर में तुरंत उर्जा उत्पन्न हो जाती है |

सूर्य मुद्रा के अभ्यास से व्यक्ति में अंतर्ज्ञान जाग्रत होता है |

उपचार और प्रयोग -http://www.upcharaurprayog.com

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