* अनियमित खान-पान के चलते लोगों में #कब्ज एक आम बीमारी की तरह प्रचलित है। यह पाचन तन्त्र का प्रमुख विकार है। मनुष्यों मे मल निष्कासन की फ़्रिक्वेन्सी अलग अलग पाई जाती है। किसी को दिन में एक बार मल विसर्जन होता है तो किसी को दिन में २-३ बार होता है। कुछ लोग हफ़्ते में २ य ३ बार मल विसर्जन करते हैं।
* ज्यादा कठोर,गाढा और सूखा मल जिसको बाहर धकेलने के लिये जोर लगाना पडे यह कब्ज रोग का प्रमुख लक्छण है।ऐसा मल हफ़्ते में ३ से कम दफ़ा आता है और यह इस रोग का दूसरा लक्छण है। कब्ज रोगियों में पेट फ़ूलने की शिकायत भी साथ में देखने को मिलती है। यह रोग किसी व्यक्ति को किसी भी आयु में हो सकता है हो सकता है लेकिन महिलाओं और बुजुर्गों में कब्ज रोग की प्राधानता पाई जाती है।
* कब्ज का मूल कारण शरीर मे तरल की कमी होना है। पानी की कमी से आंतों में मल सूख जाता है और मल निष्कासन में जोर लगाना पडता है। अत: कब्ज से परेशान रोगी को दिन मे २४ घंटे मे मौसम के मुताबिक ३ से ५ लिटर पानी पीने की आदत डालना चाहिये। इससे कब्ज रोग निवारण मे बहुत मदद मिलती है।
* भोजन में रेशे की मात्रा ज्यादा रखने से कब्ज निवारण होता है।हरी पत्तेदार सब्जियों और फ़लों में प्रचुर रेशा पाया जाता है। मेरा सुझाव है कि अपने भोजन मे करीब ७०० ग्राम हरी शाक या फ़ल या दोनो चीजे शामिल करें।
* सूखा भोजन ना लें। अपने भोजन में तेल और घी की मात्रा का उचित स्तर बनाये रखें। चिकनाई वाले पदार्थ से दस्त साफ़ आती है।
* सुबह उठने के बाद नींबू के रस को काला नमक मिलाकर पानी के साथ सेवन कीजिए। इससे पेट साफ होगा।
* 20 ग्राम त्रिफला रात को एक लिटर पानी में भिगोकर रख दीजिए। सुबह उठने के बाद त्रिफला को छानकर उस पानी को पी लीजिए। इससे कुछ ही दिनों में कब्ज की शिकायत दूर हो जाएगी।
* हर रोज रात में हर्र को पीसकर बारीक चूर्ण बना लीजिए, इस चूर्ण को कुनकुने पानी के साथ पीजिए। कब्ज दूर होगा और पेट में गैस बनना बंद हो जाएगा।
* इसबगोल की भूसी कब्ज के लिए रामबाण दवा है। दूध या पानी के साथ रात में सोते वक्त इसबगोल की भूसी लेने से कब्ज समाप्त होता है।
* कब्ज के लिए शहद बहुत फायदेमंद है। रात को सोने से पहले एक चम्मच शहद को एक गिलास पानी के साथ मिलाकर नियमित रूप से पीने से कब्ज दूर हो जाता है।
* रात को सोते वक्त अरंडी के तेल को हल्के गरम दूध में मिलाकर पीजिए। इससे पेट साफ होगा।
* पका हुआ अमरूद और पपीता कब्ज के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। अमरूद और पपीता को किसी भी समय खाया जा सकता है।
* किशमिश को पानी में कुछ देर तक डालकर गलाइए, इसके बाद किशमिश को पानी से निकालकर खा लीजिए। इससे कब्ज की शिकायत दूर होती है।
* पालक का रस पीने से कब्ज की शिकायत दूर होती है, खाने में भी पालक की सब्जी का प्रयोग करना चाहिए।
* अंजीर के फल को रात भर पानी में डालकर गलाइए, इसके बाद सुबह उठकर इस फल को खाने से कब्ज की शिकायत समाप्त होती है।
* मुनक्का में कब्ज नष्ट करने के तत्व मौजूद होते हैं। 6-7 मुनक्का रोज रात को सोने से पहले खाने से कब्ज समाप्त होती है।
* रात्रि को शयन से पूर्व पेट पर सरसों के तेल की भली-भांति मालिश कीजिए।
* रात को सोने से पूर्व आधा चम्मच सौंफ (पिसी हुई) पानी के साथ ले कर सो जाएं। सबेरे दस्त एकदम साफ आयेगी।
* रात्रि को एक चम्मच महीन पिसा हुआ आंवला-चूर्ण पानी अथवा गुनगुने दूध के साथ लेने से भी कब्ज की शिकायत में राहत मिलती है।
* बड़ा मुनक्का पांच-सात दाने दूध में उबाल कर उस दूध को गर्म-गर्म पी जाएं और मुनक्कों को बीज निकाल कर बारीक चबा लें।
* खाली पेट सेब फल खाने से भी कब्ज में काफी राहत मिलती है। सेब फल छिलके सहित खाना चाहिए।
* टमाटर के मौसम में टमाटर का बहुतायात से सेवन करें। टमाटर कब्ज के लिए रामबाण दवा है। सबेरे भूखे पेट एक गिलास टमाटर का रस पीना आपको काफी लाभ पहुंचायेगा।
* सबेरे बासी मुंह चार गिलास पानी पीकर 35 मिनट तक कुछ न खाएं-पिएं। इससे आपको दस्त साफ लगेगी। यह प्रयोग रोजाना करें।
* सबेरे व रात्रि को दो छोटे चम्मच शहद ताजा पानी या दूध से लें।
* पपीता, बेलफल, तरबूज, प्याज, मूली, छुआरा, छाछ, पालक, करेले, अमरूद आदि का मौसम अनुसार सेवन करें। वे कब्ज दूर करने में सहायक हैं।
* रात को सोते समय एक गिलास गरम दूध पियें। मल आंतों में चिपक रहा हो तो दूध में ३ -४ चम्मच केस्टर आईल (अरंडी तेल) मिलाकर पीना चाहिये।
* पका हुआ बिल्व फ़ल (बेल ) कब्ज के लिये श्रेष्ठ औषधि है। इसे पानी में उबालें। फ़िर मसलकर रस निकालकर नित्य ७ दिन तक पियें। कज मिटेगी।
* नींबू कब्ज में गुण्कारी है। मामुली गरम जल में एक #नींबू निचोडकर दिन में २-३बार पियें। जरूर लाभ होगा।
* एक गिलास दूध में १-२ चाम्मच घी मिलाकर रात को सोते समय पीने से भी कब्ज रोग का समाधान होता है।
* अंगूर मे कब्ज निवारण के गुण हैं । सूखे अंगूर याने #किशमिश पानी में ३ घन्टे गलाकर खाने से आंतों को ताकत मिलती है और दस्त आसानी से आती है। जब तक बाजार मे अंगूर मिलें नियमित रूप से उपयोग करते रहें।
* एक और बढिया तरीका है। #अलसी के बीज का मिक्सर में पावडर बनालें। एक गिलास पानी मे २० ग्राम के करीब यह पावडर डालें और ३-४ घन्टे तक गलने के बाद छानकर यह पानी पी जाएं। बेहद उपकारी ईलाज है।
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