* क्या आपने कभी ऐसे मोबाइल एप के बारे में भी सुना है, जो महिलाओं को प्रेग्नेंट कर सकता है या उनकी प्रेग्नेंट होने में 100 प्रतिशत मदद कर सकता है। लेकिन, यह हकीकत है।
* अब ऐसे मोबाइल एप उपलब्ध हैं जो महिलाओं को सौ फीसदी तक गारंटी के साथ प्रेग्नेंट होने में मदद कर रहे हैं।
* प्रेग्नेंट होने की चाहत रखने वाली महिलाएं भी इन एप की मदद लेकर बेहद खुश हैं तथा ऐसी महिलाओं की तादाद दिनोदिन बढ़ती जा रही है। जो महिलाएं जल्द से जल्द आसान और कारगर तरीकों से गभवती होना चाहती है वो इस तरह के #एप की मदद ले रही हैं। साथ ही यह भी खुलासा हुआ है कि ये एप अपने काम में 100 प्रतिशत तक खरे उतर रहे हैं।
* महिलाओं को #प्रेगनेंट होने में मदद करने वाले ये मोबाइल एप महिलाओं को #गर्भाधान के तरीके बताते हैं। साथ ही, इस अवस्था के दौरान शरीर को बेहतर ढंग से समझने तथा उनकी सेहत पर पारखी नजर भी रखते हैं। ये मोबाइल एप यूजर महिला की सेक्स लाइफ, माहवारी चक्र, शरीर तथा स्वास्थ्य संबंधी मापदंडों तथा शारीरिक परेशानियों का पूरा रिकॉर्ड रखते है तथा बताते हैं कि गर्भधारण करने का उचित समय कौनसा है।
* महिलाओं को गर्भवती बनाने वाले इन एप में उनको उनकी सेक्स लाइफ के बारे पूरी जानकारी डालनी होती है जैसे कि वे कब सेक्स कर रही है या नहीं कर रही है, वे इससें खुश है या नहीं तथा चरम सुख को लेकर कैसी अनूभूति रही आदि-आदि। बस फिर ये एप अपने आप गर्भधारण करने उचित समय बताते हुए पूरी स्थिति पर नजर रखते हैं। महिलाओं को 100 फीसदी गर्भवती बनाने का दावा करने वाले इन मोबाइल एप के बार में डॉक्टरों का भी कहना है कि कोई-कोई एप तो पूरी तरह सटीक हैं तथा इनका फायदा उठाया जा सकता है।
* मोबाइल और स्मार्टफोन के जमाने में बटन दबाते ही अब हर सुविधा आपके लिए मौजूद है लेकिन क्या आप जानते हैं कि गर्भवती होने में महिलाओं की मदद करने के लिए भी मोबाइल ऐप मौजूद हैं। जल्द से जल्द गर्भ धारण करने की इच्छुक महिलाएं अकसर बेहद चिंतित रहती हैं। उन्हें हर दम खोज रहती है आसान और कारगर तरीकों की और वो इस बारे में अधिक से अधिक जानकारी पाना चाहती हैं।
* ऐसे में ये ऐप न सिर्फ महिलाओं को गर्भाधान के तरीके बताती हैं बल्कि गर्भावस्था के दौरान शरीर को बेहतर ढंग से समझने और उनकी सेहत पर पैनी नजर रखने का दावा भी करती हैं। इन एप्लीकेशन को 'फर्टीलिटी ऐप' कहा जाता है। इनमें से कुछ ऐप का तो दावा है कि उनके इस्तेमाल से 100 प्रतिशत गर्भ धारण किया जा सकता है।
* ये एप्लीकेशन यूजर महिला की सेक्स लाइफ, माहवारी चक्र, शारीरिक दिक्कतों, शरीर एवं स्वास्थ्य संबंधी अन्य मापदंडों आदि का पूरा रिकॉर्ड रखती हैं और उसी के हिसाब से महिलाओं को बताती हैं कि गर्भ धारण करने के लिए सबसे उचित समय कौन सा है।
* एप्लीकेशन इस्तेमाल करने वाली महिलाएं अपनी #सेक्स लाइफ के बारे में पूरी जानकारी एप्लीकेशन में अपडेट करती हैं। जैसे कि वो कब सेक्स कर रही हैं या नहीं कर रही हैं। क्या वे सेक्स से पूरी तरह संतुष्ट हैं और चरम सुख को लेकर उनकी अनुभूति कैसी है।
* प्रजनन स्वास्थ्य: महिलाएं अपनी #माहवारी और अन्य शारीरिक मापदंडों जैसे की बदन का तापमान आदि के बारे में भी जानकारी एप में फीड करती हैं। ऐसे ही एक ऐप 'ग्लो' के जरिए वैज्ञानिक गणना के आधार पर महिलाओं को गर्भवती होने का सही समय बताया जाता है।
* आईफोन आधारित ये ऐप महिला द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर उसका फर्टिलिटी लेवल यानी किस वक्त महिला गर्भाधारण के लिए कितनी तैयार है इस बात की जानकारी देती है। यही नहीं ये एप्लीकेशन अन्य महिलाओं द्वारा दायर किए गए डाटा का इस्तेमाल भी करती है ताकि सही राय दी जा सके।
* यानी इन ऐप्स के जरिए महिलाएं 'प्रजनन स्वास्थ्य' पर पूर्ण नियंत्रण रख सकती हैं। यह स्थापित तथ्य है कि ओव्युलेशन से पांच या छह दिन पहले या बाद में ही गर्भाधारण संभव है। यानी गर्भधारण करने के लिए यह जानना भी जरूरी है कि कब प्रयास किया जाए। ये मोबाइल एप्लीकेश उस 'सही समय' के बारे में ही सटीक जानकारी देने का दावा कर रही हैं।
* सिर्फ ग्लो ही नहीं ऐसी कई अन्य एप्लीकेशन हैं जो शारीरिक जानकारी के आधार पर सही समय की जानकारी देती हैं। लेकिन क्या इन एप्लीकेशन के भरोसे रहकर गर्भ धारण किया जा सकता है?
सौ फीसदी गारंटी : --
* इस सवाल पर स्त्रीरोग विशेषज्ञ और फ़र्टिलिटी एक्सपर्ट डॉक्टर शिल्पा तिवारी कहती हैं, 'महावारी चक्र और ओव्यलैशन वो सबसे आम कारण है जिसकी वजह से महिलाएं गर्भधारण करने में सफल नहीं हो पातीं। इस तरह के ऐप महिलाओं को महावारी चक्र को समझने और अपने शरीर के बारे में ज्यादा जानकारी दे रहे हैं। लेकिन इनका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह से ही किया जाना चाहिए।'
* लेकिन इनमें से कई ऐप जो गर्भाधान की सौ फीसदी गारंटी देते हैं। क्या ये वाकई इतने कारगर हो सकते हैं? इसके जवाब में डॉक्टर शिल्पा कहती हैं, 'हजारों साल के बाद भी इंसानी दिमाग, इंसानी शरीर को समझने में पूरी तरह कामयब नहीं हो पाया है, ऐसे में इंसान की बनाई तकनीक से ये उम्मीद रखना थोड़ी ज्यादती है। लेकिन ये सच है कि तकनीक तेजी से हमारी अंतरंग जिंदगी का हिस्सा होती जा रही है।
...साभार: दिलनवाज पाशा, बीबीसी हिंदी।
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