Sunday, December 21, 2014

दही खाएं पेट के रोग भगाएं.....!


भारतीय संस्कृति में चिरकाल से दही की महत्ता को स्वीकार किया गया है। यज्ञ, हवन, विवाह संस्कार तथा मंदिरों में प्रसाद आदि के मांगलिक अवसरों पर दही का प्रयोग होता रहा है। आज भी शुभ कार्य के लिए जाते समय घर के बुजुर्ग दही या गुड़ खाकर जाने को कहते हैं। दही को सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।

* इसमें कुछ ऐसे रासायनिक पदार्थ होते हैं, जिसके कारण यह दूध की अपेक्षा जल्दी पच जाता है। जिन लोगों को पेट की परेशानियां जैसे- अपच, कब्ज, गैस बीमारियां घेरे रहती हैं, उनके लिए दही या उससे बनी लस्सी, म-ा, छाछ का उपयोग करने से आंतों की गरमी दूर हो जाती है। डाइजेशन अच्छी तरह से होने लगता है और भूख खुलकर लगती है। 

दही के फायदे --
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* अमेरिका के आहार विशेषज्ञों ने निष्कर्ष निकाला है कि दही के नियमित सेवन से आंतों के रोग और पेट की बीमारियां नहीं होती हैं तथा कई प्रकार के विटामिन बनने लगते हैं। दही में जो बैक्टीरिया होते हैं, वे लेक्टेज बैक्टीरिया उत्पन्न करते हैं।

* मोटापा कम करने के लिए दही प्रभावशाली है। 

* दही में हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर और गुर्दों की बीमारियों को रोकने की अद्भुत क्षमता है। यह हमारे रक्त में बनने वाले कोलेस्ट्रोल नामक घातक पदार्थ को बढऩे से रोकता है, जिससे वह नसों में जमकर ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित न करे और हार्टबीट सही बनी रहे। 

* दही में कैल्शियम की मात्रा अधिक पाई जाती है, जो हमारे शरीर में हड्डियों का विकास करती है। दांतों एवं नाखूनों की मजबूती एवं मांसपेशियों के सही ढंग से काम करने में भी सहायक है। 

ये रोग हो तो दही खाएं --
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* पेट में गड़बड़ हो, पतले दस्त हों तो दही के साथ ईसबगोल की भूसी लें। दही के साथ चावल खाएं। 

* बवासीर के रोगियों को चाहिए कि दोपहर में भोजन के बाद एक गिलास छाछ में अजवायन डालकर पीएं। 

* पेट के रोगियों को चाहिए कि ज्वार की रोटी के साथ दही लें। दही का सेवन भुने हुए जीरे व सेंधा नमक के साथ करें। 

* दही में शहद मिलाकर चटाने से छोटे बच्चों के दांत आसानी से निकलते हैं। 

* मुंह के छालों में दही कम करने के लिए दिन में कई बार दही की मलाई लगाएं। इसके अलावा शहद व दही की समान मात्रा मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं। 

* दही के सेवन से शरीर की फालतू चर्बी कम करने में सहायता मिलती है। 

* गर्मी के मौसम में दही की छाछ या लस्सी बनाकर पीने से पेट की गर्मी शांत हो जाती है। इसे पीकर बाहर निकलें तो लू लगने का डर भी नहीं रहता है। 

* दुबले व्यक्तियों को चाहिए कि दही में किशमिश, बादाम, छुहारा आदि मिलाकर पीएं। इससे वजन बढ़ता है। 

* दही में नींबू का रस मिलाकर चेहरे, गर्दन, कोहनी, एड़ी, हाथों पर लगाएं। कुछ देर बाद कुनकुने पानी से धो डालें। 

* बालों को सुंदर, स्वस्थ व नीरोग रखने के लिए बालों को धोने के लिए दही या छाछ का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि दही में वे सब तत्व मौजूद रहते हैं, जिनकी बालों को आवश्यकता रहती है। स्नान से पूर्व दही को बालों में डालकर अच्छी तरह मालिश करें ताकि बालों की जड़ों तक दही पहुंच जाए। कुछ समय बाद बालों को धो दें। दही के प्रयोग से खुश्की, रूसी व फियास समाप्त हो जाती है। 

* दही को जीरे व हींग का छौंक लगाकर खाने से जोड़ों के दर्द में लाभ पहुंचता है। यह स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है। 

* गर्मी के दिनों में पसीना काफी निकलता है। पसीने की बदबू दूर करने के लिए दही और बेसन मिलाकर शरीर पर मालिश करें तथा कुछ देर बाद स्नान करें, इससे पसीने की बदबू दूर हो जाती है। 

* नींद न आने से परेशान रहने वाले लोगों को दही व छाछ का सेवन करना चाहिए। 

सावधानियां --
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* सायंकालीन भोजन व रात्रि में दही का सेवन नहीं करें। 
* विद्यार्थियों को परीक्षा के दिनों में दही का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए। जिन छात्रों को दोपहर व सायंकाल परीक्षा का समय    हो तो विशेष सावधानी रखना चाहिए। दही आलस्य लाता है। 
* खट्टा दही सेवन न करें। ताजे दही का प्रयोग करें। 
* सर्दी, खांसी, अस्थमा के रोगियों को भी दही से परहेज करना चाहिए।

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