Saturday, December 13, 2014

न्यूमोनिया (ठंड का ज्वर) का करे इलाज ....!

* फेफड़े में प्रदाह होने की हालत को न्यूमोनिया का नाम दिया गया है| यह एक गंभीर ज्वर है| इसमें यथाशीघ्र डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी रहता है| यदि ऐसा नहीं किया जाता तो मृत्यु की संभावना बढ़ जाती है|

* मलेरिया रोग फेफड़ों में ठंड लगने के बाद उसमें सूजना आ जाने से होता है| ऐसे में रोगी को सांस लेने में अपार कष्ट होता है| धीरे-धीरे कफ बनना शुरू हो जाता है जो फेफड़ों में जम जाता है| यदि दोनों तरफ के फेफड़ों में सूजन आ जाती है तो उसे 'डबल #न्यूमोनिया' कहते हैं|
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* इस रोग में तेज बुखार आता है| पसलियों में दर्द होता है| सिर में दर्द, पैरों में दर्द, छाती में हल्का दर्द, बेचैनी, प्यास अधिक लगना, जीभ का सूख जाना, श्वास लेने में तकलीफ, खांसी आदि न्यूमोनिया के प्रमुख लक्षण हैं|

* नुस्खे--
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* तारपीन के तेल में थोड़ा-सा कपूर मिलाकर रोगी की छाती तथा पसलियों पर मलने से उसे पूर्ण आराम मिलता है|

* थोड़े-से तुलसी के पत्ते और आठ-दस कालीमिर्च एक कप पानी में औटाएं| जब पानी आधा रह जाए तो छानकर जरा-सा सेंधा नमक डालकर पिएं|

* रोगी की छाती तथा पसलियों पर शुद्ध शहद का लेप लगाएं| शहद पानी में मिलाकर पिलाने से भी रोगी को काफी लाभ पहुंचता है|

* यदि बच्चे की पसलियां चल रही हों तो रत्ती भर हींग गरम पानी में घोलकर उसे पिलाएं|

* अदरक तथा तुलसी का रस शहद में मिलाकर रोगी को दिन में तीन-चार बार चटाएं|

* दो मुनक्कों में रत्ती-रत्ती भर हींग भरकर रोगी को नित्य दो बार तीन-चार दिनों तक खिलाएं|

* आंवला, जीरा, पीपल, कौंच के बीज और हरड़ - सभी 10-10 ग्राम लेकर कूट-पीसकर कपड़छन कर लें| इसमें
से 4-4 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम शहद के साथ सेवन करें|

* तेजपात, बड़ी इलायची और कपूर का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पिएं|

* तुलसी के पत्ते, सोंठ, कालीमिर्च तथा काले नमक की चटनी बनाकर सुबह-शाम खाएं|

क्या खाएं क्या नहीं--
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* न्यूमोनिया के रोगी को घी-तेल की चीजें खाने को न दें| उनकी जगह सूखी रोटी, मूंग की दाल, तरोई, टिण्डे, लौकी चौलाई, मेथी, पालक आदि की उबली हुई सब्जियां दें| गेहूं की रोटी मोटे आटे की बनाकर खिलाएं| दोपहर को गाय के दूध में अदरक डालकर दें| पानी उबला हुआ देना चाहिए|

* रोगी को निर्देश दें की वह पानी एक साथ न पीकर घूंट-घूंट पिए| भोजन के बाद उसे आठ-दस कदम अवश्य
चलाएं| दूध में चीनी की जगह गुड़ या शहद प्रयोग करें| खटाई, मिठाई, तरबूज, अमरूद, सेब, केला आदि का सेवन न करें| पपीते का रस पी सकते हैं|
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