* हर व्यक्ति कद्रदान है मीठी,स्पष्ट लहजे वाली और मन में गहरे उतर जाने वाली आवाज और ये सभी चाहते हैं। यह आपको मिलती भी है, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ इसका असर कम होता जाता है। अगर आप अपनी आवाज पर उम्र का असर नहीं होने देना चाहते है तो कुछ उपाय है जिनको करके पा सकते है सुरीली आवाज ...!
उपचार स्वास्थ्य और प्रयोग -http://upchaaraurpryog120.blogspot.in
* आप गले को हमेशा तर रखिये मेरा मतलब पानी तथा नारियल पानी जैसे कुछ पेय पदार्थों से है। आपकी वोकल कॉर्ड्स हमेशा अपने आस-पास उपस्थित ग्लैंड्स से निकलने वाले लार जैसे पदार्थ से चिकनी बनी रहती हैं। इस चिकनेपन को बनाए रखने के लिए शरीर को पर्याप्त नम बनाए रखने की जरूरत होती है। तो बस गला तर करते रहिए।
* बहुत ज्यादा मसालेदार, चटपटा तथा चरबीयुक्त भोजन भी गले के लिए खतरनाक हो सकता है। पेट में होने वाली गड़बड़ियों के फलस्वरूप 'एसिड रिफ्लक्स' जैसी दिक्कत पनप सकती है। इससे गला बार-बार चोक होता है व आवाज पर असर पड़ता है।
* रोज कुछ न कुछ बक-बक कीजिए जी हाँ ..रोजाना कुछ देर की गई बातचीत वोकल कॉर्ड्स को एक तरह की कसरत करवाती हैं और इन्हें लंबे समय तक जवान बनाए रखती हैं।
* शॉवर के नीचे नहाते हुए गाना गाने से आपकी 'लैरिंक्स' (कंठ) की मांसपेशियां ताकतवर बनी रहती हैं। साथ ही वॉइस बॉक्स में चिकनापन बना रहता है।
* आप चिल्लाओ मत इससे वोकल कॉर्ड्स को खुलने-बंद होने में परेशानी होगी। अगर ऐसा बार-बार हुआ तो कॉर्ड्स में नोड्यूल्स यानी सेल्यूलोज जैसा जमाव हो सकता है। इससे कंठ की मांसपेशियां जल्दी थकेंगी और आराम की स्थिति में नहीं रहेंगी।
* दांतों की हिफाजत करे जी हां, जब आप कोई भी दांत खोते हैं तो जबड़े की हड्डी ढीली हो जाती है। और परिणामस्वरूप आपका चेहरा अंदर की ओर धंसने लगता है और अब मुंह की मसल्स बोलने में पहले जैसी मदद नहीं कर पातीं। साथ ही जबान को भी बोलते समय मुंह में गति करने में दिक्कत आती है। इसलिए कोशिश करें कि बेवजह दांतों को नुकसान न पहुंचे।
* थके और ढीले तरीके से खड़े रहने-बैठने से भी आवाज पर असर पड़ता है। इसके कारण पूरी वोकल ट्रेक्ट बदल जाती है।
उपचार स्वास्थ्य और प्रयोग -http://upchaaraurpryog120.blogspot.in
करे आप ये उपाय :-
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* 2-2 ग्राम मुलहठी, आँवले और मिश्री का 20 से 50 मिलिलीटर काढ़ा देने से या भोजन के पश्चात् 1 ग्राम काली मिर्च के चूर्ण में घी डालकर चटाने से लाभ होता है।
* आवाज सुरीली बनाने के लिए 10 ग्राम बहेड़ा की छाल को गोमूत्र में भावित कर (किसी चूर्ण को किसी द्रव्य के साथ मिलाकर सूख जायें तब तक घोंटना = भावित करना) चूसने से आवाज एकदम सुरीली होती है। यह प्रयोग खाँसी में भी लाभदायक है।
* 10-10 ग्राम अदरक व नींबू के रस में एक ग्राम सेंधा नमक मिलाकर दिन में तीन बार धीरे-धीरे पीने से आवाज मधुर होती है।
* आवाज सुरीली करने के लिए घोड़ावज का आधा या 1 ग्राम चूर्ण 2 से 5 ग्राम शहद के साथ लेने से लाभ होता है। यह प्रयोग कफ होने पर भी लाभकारी है।
* जामुन की गुठलियों को पीसकर शहद में मिलाकर गोलियाँ बना लें। दो-दो गोली नित्य चार बार चूसें। इससे बैठा गला खुल जाता है। आवाज का भारीपन ठीक हो जाता है। अधिक बोलने-गानेवालों के लिए यह विशेष चमत्कारी प्रयोग है।
* 400 ग्राम शक्कर 400 ग्राम गाय का घी 64 ग्राम बिदारी कंद 128 ग्राम बंस लोचन 128 ग्राम शहद इन सभी को एक मिटटी के पात्र में मिला के रख ले और 25 ग्राम सुबह प्रात काल इसका सेवन करे दो माह आवाज सुरीली हो जायेगी..!
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* आप गले को हमेशा तर रखिये मेरा मतलब पानी तथा नारियल पानी जैसे कुछ पेय पदार्थों से है। आपकी वोकल कॉर्ड्स हमेशा अपने आस-पास उपस्थित ग्लैंड्स से निकलने वाले लार जैसे पदार्थ से चिकनी बनी रहती हैं। इस चिकनेपन को बनाए रखने के लिए शरीर को पर्याप्त नम बनाए रखने की जरूरत होती है। तो बस गला तर करते रहिए।
* बहुत ज्यादा मसालेदार, चटपटा तथा चरबीयुक्त भोजन भी गले के लिए खतरनाक हो सकता है। पेट में होने वाली गड़बड़ियों के फलस्वरूप 'एसिड रिफ्लक्स' जैसी दिक्कत पनप सकती है। इससे गला बार-बार चोक होता है व आवाज पर असर पड़ता है।
* रोज कुछ न कुछ बक-बक कीजिए जी हाँ ..रोजाना कुछ देर की गई बातचीत वोकल कॉर्ड्स को एक तरह की कसरत करवाती हैं और इन्हें लंबे समय तक जवान बनाए रखती हैं।
* शॉवर के नीचे नहाते हुए गाना गाने से आपकी 'लैरिंक्स' (कंठ) की मांसपेशियां ताकतवर बनी रहती हैं। साथ ही वॉइस बॉक्स में चिकनापन बना रहता है।
* आप चिल्लाओ मत इससे वोकल कॉर्ड्स को खुलने-बंद होने में परेशानी होगी। अगर ऐसा बार-बार हुआ तो कॉर्ड्स में नोड्यूल्स यानी सेल्यूलोज जैसा जमाव हो सकता है। इससे कंठ की मांसपेशियां जल्दी थकेंगी और आराम की स्थिति में नहीं रहेंगी।
* दांतों की हिफाजत करे जी हां, जब आप कोई भी दांत खोते हैं तो जबड़े की हड्डी ढीली हो जाती है। और परिणामस्वरूप आपका चेहरा अंदर की ओर धंसने लगता है और अब मुंह की मसल्स बोलने में पहले जैसी मदद नहीं कर पातीं। साथ ही जबान को भी बोलते समय मुंह में गति करने में दिक्कत आती है। इसलिए कोशिश करें कि बेवजह दांतों को नुकसान न पहुंचे।
* थके और ढीले तरीके से खड़े रहने-बैठने से भी आवाज पर असर पड़ता है। इसके कारण पूरी वोकल ट्रेक्ट बदल जाती है।
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* 2-2 ग्राम मुलहठी, आँवले और मिश्री का 20 से 50 मिलिलीटर काढ़ा देने से या भोजन के पश्चात् 1 ग्राम काली मिर्च के चूर्ण में घी डालकर चटाने से लाभ होता है।
* आवाज सुरीली बनाने के लिए 10 ग्राम बहेड़ा की छाल को गोमूत्र में भावित कर (किसी चूर्ण को किसी द्रव्य के साथ मिलाकर सूख जायें तब तक घोंटना = भावित करना) चूसने से आवाज एकदम सुरीली होती है। यह प्रयोग खाँसी में भी लाभदायक है।
* 10-10 ग्राम अदरक व नींबू के रस में एक ग्राम सेंधा नमक मिलाकर दिन में तीन बार धीरे-धीरे पीने से आवाज मधुर होती है।
* आवाज सुरीली करने के लिए घोड़ावज का आधा या 1 ग्राम चूर्ण 2 से 5 ग्राम शहद के साथ लेने से लाभ होता है। यह प्रयोग कफ होने पर भी लाभकारी है।
* जामुन की गुठलियों को पीसकर शहद में मिलाकर गोलियाँ बना लें। दो-दो गोली नित्य चार बार चूसें। इससे बैठा गला खुल जाता है। आवाज का भारीपन ठीक हो जाता है। अधिक बोलने-गानेवालों के लिए यह विशेष चमत्कारी प्रयोग है।
* 400 ग्राम शक्कर 400 ग्राम गाय का घी 64 ग्राम बिदारी कंद 128 ग्राम बंस लोचन 128 ग्राम शहद इन सभी को एक मिटटी के पात्र में मिला के रख ले और 25 ग्राम सुबह प्रात काल इसका सेवन करे दो माह आवाज सुरीली हो जायेगी..!
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