Saturday, January 24, 2015

एक खतरनाक बीमारी मधुमेह ....!

* मधुमेह एक खतरनाक बीमारी है। जिसे अगर सही वक़्त पर रोका ना जाये तो इसका परिणाम जानलेवा भी हो सकते है। आज भारत में 4.5 करोड़ व्यक्ति डायबिटीज (मधुमेह) का शिकार हैं। इसका मुख्य कारण है असंयमित खानपान, मानसिक तनाव, मोटापा, व्यायाम की कमी। इसी कारण यह रोग हमारे देश में बड़ी तेजी से बढ़ रहा है।




* इस बीमारी का प्रमुख लक्षण ब्लड ग्लूकोस लेवल बढ़ना, ब्लड कोलेस्ट्रॉल और वसा के अवयव असमान्य होना हैं। डायबिटीज के मरीजों में आंखों, गुर्दो, स्नायु, मस्तिष्क, दिल के क्षतिग्रस्त होने से इनके गंभीर, जटिल, घातक रोग का खतरा बढ़ जाता है।

डायबिटीज के कारण :-
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* व्यायाम का अभाव
* मानसिक तनाव होना
* अत्यधिक नींद आना
* अधिक मोटापा होना
* चीनी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट के अत्यधिक सेवन करना
* वंशानुगत कारण

मधुमेह होने पर ये लक्षण रोगी को अनुभव होते हैं....!

बार-बार रात के समय पेशाब आते रहना।
आंखों से धुंधला दिखना।
थकान और कमजोरी महसूस करना।
पैरों का सुन्न होना।
प्यास अधिक लगना।
घाव भरने में समय लगना।
हमेशा भूख महसूस करना।
वजन कम होना।
त्वचा में संRमण होना।
मूत्र बार-बार एवं अधिक मात्रा में होना तथा मूत्र त्यागने के स्थान पर मूत्र की मिठास के कारण चीटियां लगना।
शरीर में फोड़े-फुंसी होने पर उसका घाव जल्दी न भरना।
शरीर पर फोड़े-फुंसियां बार-बार निकलना।
शरीर में निरन्तर खुजली रहना एवं दूरस्थ अंगों का सुन्न पड़ना।

* मधुमेह होने के कारण पैदा होने वाली जटिलताओं की रोकथाम के लिए नियमित आहार, व्यायाम, व्यक्तिगत स्वास्थ्य, सफाई और संभावित इनसुलिन इंजेक्शन अथवा खाने वाली दवाइयों (डॉक्टर के सुझाव के अनुसार) का सेवन आदि कुछ तरीके हैं। लेकिन कुछ उचित तरीको को अगर हम अपनाये तो मधुमेह को नियंत्रण कर सकते है। तो ये है कुछ उपाये जिन्हें करने से हम मधुमेह जैसी बीमारी को भी कंट्रोल कर सकते है।

* वेट मनेजमेंट यानी अपने शरीर को संतुलित रखना। मधुमेह जैसी बीमारी में अपने वजन को कंट्रोल में रखना बहुत जरुरी है क्योंकी डायबिटीज ज्यादातर मोटापे की वजह से ही होती है।
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* उचित व्यायाम अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। अध्ययन बताते है की रोज़ एक्सरसाइज करने से हमारा मटैबलिज़म भी अच्छा रहता है जो की डायबिटीज के रिस्क को भी कम करता है।

* ट्रांस फैट शरीर में प्रोटीन को ग्रहण करने की छमता को कम करता है। जिसकी वजह से शरीर में इन्सुलिन की कमी हो जाती है। और हमारे शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है।

* अपने खाने में शुगर यानी चीनी का कम से कम इस्तमाल करे इससे शरीर में इन्सुलिन को संतुलित करना आसान है।
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* यदि आप अपने ब्लड शुगर को नियंत्रित करना चाहते हैं तो, सफेद चावल, पास्ता, पॉपकॉर्न,राइस पफ और वाइट फ्लौर से बचें। मधुमेह के दौरान शरीर कार्बोहाइड्रेट्स को पचा नहीं पता है। जिस की वजह से शुगर आपके शरीर में तेज़ी से जमा होने लगती है।

* फाइबर युक्त आहार ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है। अवशोषित फाइबर ब्लड में शुगर की अधिक मात्रा को अब्ज़ोर्ब कर लेता है और इन्सुलिन को नार्मल करके मधुमेह को नियंत्रित करता है।

* लम्बे समय तक धूम्रपान करने से हृदय रोग और हार्मोन प्रभावित होने शुरू हो जाते है। धूम्रपान की आदत छोड़ देने से आपका स्वास्थ्य तो अच्छा रहेगा ही साथ ही डायबिटीज भी कंट्रोल रहेगी।
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* फलो में प्राकृतिक चीनी बहुत अच्छी मात्रा में पाई जाती है। जो की आपकी मिनरल्स और विटामिन्स की कमी को पूरा करेंगे साथी आपकी शुगर को भी कंट्रोल करती है। इसके लिए सबसे अच्छा फल है केला।

* ताज़ा सब्जियों में आयरन, जिंक, पोटेशियम, कैल्शियम और अन्य आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते है। जो हमारे शरीर को पोषक तत्व प्रदान करते है। जिसे हमारा हृदय और नर्वस सिस्टम भी स्वस्थ रहता है। इससे आपका शरीर आवश्यक इंसुलिन बनाता है।

* रोजाना एक कप बिना शक्कर की हरी चाय पीने से ये शरीर की गंदगी साफ होती है। और इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आपके ब्लड शुगर को भी नार्मल रखता है।

* कैफीन हृदय रोगों की संभावना को बढ़ाने के लिए जानी जाती है। लेकिन अगर इसका कम प्रयोग करे तो इससे हमारा ब्लड शुगर भी कंट्रोल होगा। क्योंकी कैफीन भूख को कम करने में भी मदद करती है। जिसकी वजह से अनचाहा फैट शरीर में जमा नहीं हो पाटा है।

* थोड़े-थोड़े अन्तराल में भोजन करने से पोषक तत्व ज्यादा अब्ज़ोर्ब होते है। और फैट शरीर में कम जमा होता है।जिसे इन्सुलिन नार्मल हो जाती है।

* मधुमेह की शुरुवात के साथ सबसे पहले हृदय पर बुरा प्रभाव पढ़ता है। इसलिए डायबिटीज को चेक करने साथ साथ अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर नजर रखने की जरूरत है।

* लाल मांस में फोलिफेनोल्स पाया जाता है जो की ब्लड में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा देता है। लाल मांस में जटिल प्रोटीन पाया जाता है, जो बहुत धीरे से पचता है इसलिए लाल मांस मेताबोलिसिम को धीमा करता है जिसकी वजह से इंसुलिन के बहाव पर असर पढ़ता है।





* खाने को स्वादिष्ट बनाने के अलावा दालचीनी पाउडर आपका ब्लड शुगर भी कंट्रोल करता है।

* अच्छे नेर्वेस के काम करने के लिए ऑक्सीटोसिन और सेरोटोनिन जिम्मेदार होते है। अड्रेनलन के शरीर में रेलिज़ होने बहुत अधिक तनाव में भी इंसुलिन के बहाव में फर्क नहीं पड़ता है। हाई ब्लड शुगर को नियंत्रित करने का सबसे शक्तिशाली तरीका है की आप स्ट्रेस से दूर रहे।

* जिन लोगों को मधुमेह है उन्हें हाई प्रोटीन डाइट खानी चाहिए क्योंकी ये शरीर के एनर्जी लेवल को कंट्रोल करता है।

* मधुमेह के मरीजों को न केवल नमक, चीनी और कार्बोहाइड्रेट से दूर रहना चाहिए बल्कि उनको ट्रांस फैट से बनी चीज़े भी नहीं खानी चाहिए। ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए उन्हें फ़ास्ट फ़ूड से दूर रहा चाहिए।

* एक ब्लड ग्लूकोस मोनिटर खरीद ले जिससे आप घर पर ही अपने शुगर लेवल को जान सकते है । इसमें आपके रक्त की कुछ बूंदे चाहिए होती है जिससे आप ये जान सकते है की आपका ब्लड शुगर नार्मल है या नहीं।

* मधुमेह के रोगियों को रोजाना चेकअप की जरुरत होती है। रोज़ चेक अप होने से ब्लड शुगर लेवल पता चलता रहता है।

* एक वयस्क इन्सान को हर रात 7-8 घंटे की नींद लेनी चाहिए इसे उनमें डायबिटीज होना का खतरा कम रहता है उन लोगों से जो कम सोते है। इसके पीछे का विज्ञान यह है कि नींद मस्तिष्क को शांत और हर्मोनोस को बैलेंस रखता है। उसी जगह कम नींद से हार्मोनल बैलेंस बिगड़ जाता है।

* मधुमेह को नियंत्रित रखने के लिए नमक कम खाए। नमक आसमाटिक बैलेंस को शरीर में बनाये रखता है। और अगर बैलेंस बिगड़ जाये तो ये हार्मोनल डिसऑर्डर पैदा करने लग जाता है।

* मधुमेह में प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम कमज़ोर हो जाता है जिसकी वजह से चोट जल्दी ठीक नहीं होती है। इस लिए चोट या घाव हो जाये तो उसका तुरंत इलाज करे।

* पानी शरीर में हाई शुगर कंटेंट को रोकता है। रोज़ 2.5 लीटर पानी पीने से ना केवल शरीर अच्छे से काम करता है बल्कि हृदय और मधुमेह रोगों की संभावना को भी कम करता है।

* लीन मीट उनके लिए बहुत अच्छा है जो नॉन वेजिटेरियन है क्योंकी इनमें हाई प्रोटीन होता है जो शरीर के लिए अच्छा होता है।

* हम कैल्शियम रोज़ अपनी भोजन या कैल्शियम के सप्लीमेंट ले तो हम काफी हद तक मधुमेह होने की संभावना कम कर सकते है।





* सिरका को अगर आप अपने खाने के साथ खाते है तो ये आपके ब्लड शुगर लेवल को कम रखने में मदद करता है।

* मधुमेह के रोगियों के लिए सोया प्रोटीन एक बहुत अच्छा खाद्य पदार्थ है। सोया में इसोफ़्लवोनेस पाया जाता है जो ब्लड में शुगर को कम करता है और आपके शरीर को भी स्वस्थ रखता है।

* कोला और कोल्ड ड्रिंक्स से दूर रहे क्यों की ये ब्लड में शुगर लेवल को बढ़ा देती है। इनमें जो शुगर पाई जाती है उनमें सिर्फ कैलोरीज होती है जो डायबिटीज के रोगियों के लिए खतरनाक साबित होती है।


* तोड़ी देर सूरज में बैठने से आपको अच्छी मात्रा में विटामिन डी मिलता है जो आपके शरीर में प्राकृतिक इन्सुलिन बनाता है। अगर आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है तो इन्सुलिन का लेवल कम हो जायेगा। ये एक आसान उपाय है डायबिटीज को कण्ट्रोल रखने में। पर जरुरत से ज्यादा सूरज में रहने से आपको स्किन कैंसर भी हो सकता है।




घरेलू उपचार:-
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* दिन में एक बार 2 चम्मच करेले के रास का सेवन करें।

* दिन में दो बार 1 चम्मच मेथी के पाउडर का सेवन पानी के साथ अवश्य करें।

*  दिन में एक बार 2 चम्मच कड़वी लौकी के रस को एक चम्मच आंवला के रास के साथ मिलकर कर सेवन करें।

* तुलसी के पत्तों में ऐन्टीआक्सिडन्ट और ज़रूरी तेल होते हैं जो इजिनॉल, मेथिल इजिनॉल और कैरियोफ़ैलिन बनता है। ये सारे तत्व मिलकर इन्सुलिन जमा करने वाली और छोड़ने वाली कोशिकाओं को ठीक से काम करने में मदद करते हैं। इससे इन्सुलिन की संवेदनशीलता बढ़ती है। एक और फ़ायदा ये है कि पत्तियों में मौजूद ऐन्टीआक्सिडन्ट  आक्सिडेटिव स्ट्रेस संबंधी कुप्रभावों को दूर करते हैं।  शुगर लेवल को कम करने के लिए दो से तीन तुलसी के पत्ते खाली पेट लें, या एक टेबलस्पून तुलसी के पत्ते का जूस लें।

* पटसन के बीज ले क्युकि इसमें  फाइबर सामग्री बहुल मात्रा में पाई जाती है जो पाचन में तो मदद करते ही हैं साथ ही फैट और शुगर के अवशोषण में भी सहायक होते हैं। पटसन के बीज खाने से मधुमेह से ग्रसित मरीजों में शुगर की मात्रा 28 प्रतिशततक कम होती है।
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* नीलबदरी के पत्ते खाने से मधुमेह को रोकने का एक कारगर उपाय है  इसका इस्तेमाल आयुर्वेद में सदियों से हो रहा है.  इसकी पत्तियों में एंथोसियानीडीनस भारी मात्रा में मौजूद होते हैं जो चयापचय की प्रक्रिया और ग्लूकोज़ को शरीरके विभिन्न भागों में पहुंचाने की प्रक्रिया को समृद्ध करता है। अपने इस ख़ास गुण के कारण नीलबदरी के पत्ते ब्लड शुगरलेवल को कम करने में काफी कारगर होते हैं।
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* दालचीनी ले ये इन्सुलिन की संवेदनशीलता को सुधारने के साथ-साथ ब्लड ग्लूकोज़ लेवल को भी कम करता है। अगर सिर्फ आधी चम्मच दालचीनी रोज़ ली जाए तो इन्सुलिन की संवेदनशीलता को सुधारा और अपने वज़न को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे ह्रदय संबंधी रोगों का खतरा कम हो जाता है। लगभग एक महीने के लिए अपने रोज़ के आहार में एक ग्राम दालचीनी का इस्तेमाल करें, इससे ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद मिलेगी।
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* सहजन के पत्ते खाये कुछ लोग इसे मोरिंगा भी कहते हैं, इसके पत्तों में इसमें दूध की तुलना में चार गुना कैलशियम और दुगना प्रोटीन पाया जाता है। मधुमेह के मामलों में इन पत्तों के सेवन से भोजन के पाचन और रक्तचाप को कम करने में मदद मिलती है।

* पानी में मिलने के बाद इसबगोल की भूसी ‘जेल’ जैसा तत्व बनाती है जिसका सेवन ब्लड ग्लूकोज़ के अवशोषण और भोजन के पाचन को सुगम बनाता है। ये अल्सर और एसिडिटी से भी बचाता है।

* हमारे देश में नीम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है  नीम के पत्ते स्वाद में कडवे होते हैं पर इनमें बहुत सी खासियतें हैं।  नीम इन्सुलिन रिसेप्टर सेंसिटिविटी बढाने के साथ साथ शिराओं व धमनियों में रक्त प्रवाह को ठीक करता है और हाइपो ग्लाय्केमिक ड्रग्स पर निर्भर होने से बचाता है। बेहतर नतीजों के लिए नीम के पत्तों का जूस रोज़ सुबह खाली पेट लें।
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* काला जामुन भी ब्लड-शुगर को कम करने में मदद करता है और ह्रदय संबंधी बीमारियों से शरीर को दूर रखता है।
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