Saturday, January 31, 2015

आपको पता है कि सिगरेट मेँ क्या मिला होता है...?

* आजकुछ बात करते है धूम्रपान (Smoking) छोड़ने की। वैसे तो धूम्रपान की आदत को छोड़ना आसान नही होता, लेकिन यदि आप मेरे लिखे कुछ प्वाइंट्स के आजमाएंगे तो यकीनन आप धूम्रपान की आदत से छुटकारा पा जाएंगे।

उपचार स्वास्थ्य और प्रयोग -http://upchaaraurpryog120.blogspot.in

* इसके पहले मै आपको कुछ बताना चाहूंगा। स्कूल और कालेज टाइम मे मैने भी स्मोकिंग के ढेरो रिकार्ड तोड़े थे, हर सिगरेट, बीड़ी और सिगार को ट्राई किया था। ट्राई क्या जी, एक सिगरेट बुझती नही थी और दूसरी जलाने के लिए मन मचलने लगता था। ऐसा कोई ब्रांड नही था जो हमने ट्राई नही किया था। जाहिर है संगत भी वैसी थी। लेकिन आज अगर कोई बगल मे खड़ा होकर सिगरेट पीता है तो धुंए से दिक्कत होती है। तो आइए हम अपने अनुभव से कुछ प्वाइंट बताते है जिससे आप अपनी (अथवा अपने साथियों की) स्मोकिंग छुड़वा सकते है। हो सकता है आप हमारे कुछ अनुभवों से सीख ले सकें, अन्यथा आप इन अनुभवों को दूसरे धूम्रपान करने वालों को बता सकते है।

* आप अपने परिवार की एक ग्रुप फोटो अपने पास जरुर रखें। जब भी आप सिगरेट पीजिए, तो धुंए के आर-पार उस फोटो को देखिए। वैसे भी असली जिंदगी मे यही होता है, सिगरेट आप पीते है, और आपका पूरा परिवार पैसिव स्मोकिंग झेलता है। धुंए के पार फोटो देखने से आपको लगेगा कि आप सिगरेट पी रहे है, लेकिन धुंआ आपका परिवार झेल रहा है।

* यह निश्चय करें कि आप सिगरेट छोड़ना चाहते है। कारण चाहे कोई भी हो, लेकिन बिना आपकी मर्जी के, कोई भी आपसे सिगरेट नही छुड़वा सकता। ये बात आपके अंदर से ही आनी चाहिए, तभी कुछ आगे बात बनेगी।

* आप कभी भी जल्दबाजी या आवेश मे आकर सिगरेट छोड़ने की गलती नही करें। यदि आप तैश मे आकर सिगरेट छोड़ने की कसम खाते है तो यकीनन आपका दिमाग अगले ही पल कसम तोड़ने के बहाने तलाशने लगेगा। इसलिए सिगरेट छोड़ने का फैसला पूरे होशो हवाश, बिना आवेग मे आकर करें।दॄढ निश्चय के बाद दूसरी सबसे जरुरी चीज जो आपको चाहिए होगी, वो है आत्मसंयम। यदि आप अपने ऊपर कंट्रोल नही रख पाएंगे तो सारा किया धरा धुंए मे उड़ जाएगा। इसलिए आत्म संयम और आत्म नियंत्रण बहुत जरुरी है। हो सकता है शुरु- शुरु मे दिक्कत आएं, लेकिन आप कर सकते है।

* आपके पास कम से कम एक किताब तो ऐसी जरुर होनी चाहिए जिसमे सिगरेट पीने के बुरे परिणामो के बारे मे लिखा हो। कोशिश करिएगा कि उस किताब मे कुछ चित्र भी हो। जब भी आपके पास खाली समय हो, उस किताब के पन्ने जरुर पलटिएगा।

* आप जितनी चाहे सिगरेट पीजिएगा, लेकिन अपनी ऐश ट्रे को साफ मत करिएगा, ये आपको याद दिलाती रहेगी कि आपने कितनी सिगरेट पी है। हफ़्ते के हफ़्ते (अथवा हर पंद्रह दिनो में) आप अपनी ऐश ट्रे मे बुझी सिगरेटों की गणना करिएगा, और निश्चय करिएगा कि अगली गणना मे यह संख्या और कम हो। यदि आप अलग अलग जगहों पर सिगरेट पीते है, ध्यान रखिएगा आप बुझी सिगरेट की बट अपने साथ घर ले आएं और घर मे एक गिलास मे सारे बट डालकर रखें, ताकि आपको यह पी हुई सिगरेट की याद दिलाता रहे।
उपचार स्वास्थ्य और प्रयोग -http://upchaaraurpryog120.blogspot.in

अब जाने सिगरेट के बारे में :-
<<<<<<<<>>>>>>>>>>

* अमूमन एक नजर मेँ देखने पर हमेँ सिगरेट कागज मेँ लिपटी हुई तम्बाकू से ज्यादा कुछ नहीँ लगेगा, पर सिगरेट बनाने वाली कंपनिया इसके धुएं मेँ फ्लेवर देने के लिए क्या मिलाती हैँ, ये कभी नहीँ बताती, सिगरेट सुलगाने के बाद और भी ज्यादा खतरनाक उत्पाद बनते हैँ।

आप जाने सबकी लिस्ट इस प्रकार है.....

एसीटिक एसिड (सिरका)
अमोनिया (टॉयलेट क्लीनर)
आर्सेनिक (जहर)
ब्यूटेन (एक तरह की ज्वलनशील गैस)
कैडमियम (बैटरी मेँ प्रयुक्त होने वाला तत्व)
कार्बन मोनो ऑक्साइड (कोयले के जलने पर बनने वाली गैस)
मीथेन (सीवर गैस)
निकोटीन (कैँसर कारक)

इसके अलावा कुछ मात्रा मेँ ये तत्व भी बनते हैँ..

हेक्सामाइन
इन्सेक्टीसाइड
पेन्ट
टॉलूईन

आपने देखा तो धूम्रपान त्यागिए क्योँकि एक सिगरेट पीने से आप इतना जहर अपने शरीर मेँ उतार रहे होते हैँ.

****तो मित्रों आप कब सिगरेट छोड रहे है मेरे लिए नहीं अपने और अपने परिवार के लिए ....?
उपचार स्वास्थ्य और प्रयोग -http://upchaaraurpryog120.blogspot.in


No comments:

Post a Comment