Friday, November 27, 2015

क्या आप खुजली से परेशान है - Are you bothered by itching

खुजली एक त्‍वचा रोग है, जिससे ब्‍याक्ति काफी परेशान और निराश हो जाता है त्वचा पर खुजली चलने, दाद हो जाने, फोड़े-फुंसी हो जाने पर खुजा-खुजाकर हाल, बेहाल हो जाता है और लोगों के सामने शर्म भी आती है खुजली के लिए सबसे कारगर उपाय है तेल की मालिश जिससे रूखी और बेजान त्‍वचा को नमी मिलती है-




कनेर के सौ गाम पत्ते ले आये और इस मात्रा को 500 मिलीलीटर सरसों के तेल में पकाएं। जब यह पकते-पकते आधा बच जाए तो इसे छानकर शीशी में भर लें। इसे प्रतिदिन खुजली पर लगाने से खुजली दूर होती है। इसका प्रयोग अनेक प्रकार की त्वचा रोग को दूर करने के लिए भी किया जाता है-



कनेर के पत्ते को सरसों तेल में भूनकर खुजली पर मलने से त्वचा की खुजली खत्म होती है।

कनेर के पत्ते को 250 मिलीलीटर सफेद तिल के तेल में पकाकर त्वचा पर लगाने से गीली और सूखी दोनो तरह की खुजली दूर होती है।

आप कोई क्रीम या दवा लगाना न चाहें या लगाने पर भी आराम न हो तो घर पर ही यह चर्म रोगनाशक तेल बनाकर लगाएँ, इससे यह व्याधियाँ दूर हो जाती हैं।

तेल बनाने की विधि :-


सामग्री :-


नीम की छाल- 25 ग्राम

चिरायता-25 ग्राम

हल्दी- 25 ग्राम

लाल चन्दन- 25 ग्राम

हरड़- 25 ग्राम

बहेड़ा- 25 ग्राम

आँवला- 25 ग्राम

अड़ूसे के पत्ते- 25 ग्राम

तिल्ली का तेल- कल्क के वजन का चार गुना ले

बनाने की विधि :-

इन सभी आठो द्रव्य को लेकर पांच से छ: घंटे पानी में भिगो दे सिर्फ तिल्ली के तेल को छोड़कर । फूल जाने पर इसे पीस कर कल्क बना लें।

कल्क (पीठी)  से चार गुनी मात्रा में तिल का तेल और तेल से चार गुनी मात्रा में पानी लेकर मिलाकर एक बड़े बरतन में डाल दें। इसे मंदी आंच पर इतनी देर तक उबालें कि पानी जल जाए सिर्फ तेल बचे। इस तेल को शीशी में भरकर रख लें।

फिर जहाँ भी खुजली चलती हो, दाद हो वहाँ या पूरे शरीर पर इस तेल की मलिश करें। यह तेल चमत्कारी प्रभाव करता है। लाभ होने तक यह मालिश जारी रखें, मालिश स्नान से पहले या सोते समय करें और चमत्कार देखें।

खुजली के कुछ घरेलू इलाज:-


खुजली होने पर प्राथमिक सावधानी के तौर पर सफाई का पूरा ध्‍यान रखिए।

साबुन का प्रयोग जितना भी हो सकता है कम कर दें और सिर्फ मृदु साबुन का ही प्रयोग करें। या नीम साबुन का इस्तेमाल करे .

कभी कभी त्‍वचा को सुगंधित पदार्थों, क्रीम, लोशन, शैंपू, जूतों या कपड़ों में पाए जाने वाले रसायनों से भी एलर्जि हो जाती है। इसलिए सही तरीके का लोशन इत्‍यादि ही लगाएं।

अगर आपको कब्‍ज है तो उसका भी इलाज करवाएं।

हफ्ते में दो बार मुल्‍तानी मिट्टी और नीम की पत्‍ती का लेप लगाएं, उसके बाद साफ पानी से शरीर को धो लें।

थोडा सा कपूर लेकर उसमें दो बड़े चम्‍मच नारियल का तेल मिलाकर खुजली वाले स्‍थान पर नियमित लगाने से खुजली मिट जाती है। हां, तेल को हल्‍का सा गरम करके ही कपूर में मिलाए।

यदि जनेंद्रिय पर खुजली की शिकायत हो, तो गर्म पानी में फिटकरी मिलाकर उसे लगाएं।

नारियल तेल का दो चम्‍मच लेकर उसमें एक चम्‍मच टमाटर का रस मिलाइए। फिर खुजली वाले स्‍थान पर भली प्रकार से मालिश करिए। उसके कुछ समय बाद गर्म पानी से स्‍नान कर लें। एक सप्‍ताह ऐसा लगातार करने से खुजली मिट जाएगी।

यदि गेहूं के आटे को पानी में घोल कर उसका लेप लगाया जाए, तो विविध चर्म रोग, खुजली, टीस, फोडे-फुंसी के अलावा आग से जले हुए घाव में भी राहत मिलती है।

सवेरे खाली पेट 30-35 ग्राम नीम का रस पीने से चर्म रोगों में लाभ होता है, क्‍योंकि नीम का रस रक्‍त को साफ करता है।

खुजली से परेशान लोगों को चीनी और मिठाई नहीं खानी चाहिए। परवल का साग, टमाटर, नीबू का रस आदि का सेवन लाभप्रद है।

उपचार और प्रयोग -

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