Saturday, November 7, 2015

कैसे जाए यदि दिशा शूल है - Kese Jaaye Yadi Disha Shool Hai

क्यों बड़े बुजुर्ग तिथि देख कर आने जाने की रोक टोक करते हैं ?आज की युवा पीढ़ी भले हि उन्हें आउटडेटेड कहे -लेकिन बड़े सदा बड़े ही रहते हैं -इसलिए आदर करे उनकी बातों का - क्युकि कल आपको भी आपके बच्चे आउटडेटेड बनाने वाले है -दिशाशूल समझने से पहले हमें दस दिशाओं के विषय में ज्ञान होना आवश्यक है-









हम सबने पढ़ा है कि दिशाएं 4  होती हैं -

पूर्व

पश्चिम

उत्तर

दक्षिण

परन्तु जब हम उच्च शिक्षा ग्रहण करते हैं तो ज्ञात होता है कि वास्तव में दिशाएँ दस होती हैं |

पूर्व

पश्चिम

उत्तर

दक्षिण

उत्तर - पूर्व

उत्तर - पश्चिम

दक्षिण – पूर्व

दक्षिण – पश्चिम

आकाश

पाताल

हमारे सनातन धर्म के ग्रंथो में सदैव 10 दिशाओं का ही वर्णन किया गया है,जैसे हनुमान जी ने युद्ध इतनी आवाज की कि उनकी आवाज दसों दिशाओं में सुनाईदी -हम यह भी जानते हैं कि प्रत्येक दिशा के देवता होते हैं -

दसों दिशाओं को समझने के पश्चात अब हम बात करते हैं वैदिक ज्योतिष की ज्योतिष शब्द “ज्योति” से बना है जिसका भावार्थ होता है “प्रकाश” 

वैदिक ज्योतिष में अत्यंत विस्तृत रूप में मनुष्य के जीवन की हरपरिस्तिथियों से सम्बन्धित विश्लेषण किया गया है कि मनुष्य यदि इसको तनिक भी समझले तो वह अपने जीवन में उत्पन्न होने वाली बहुत सी समस्याओं से बचसकता है और अपना जीवन सुखी बना सकता है -

आप जब भी बाहर की यात्रा के लिए जाए तो कार्य सफलता के लिए दिशा शूल का विचार करके जाए -ताकि आने वाली परेशानी से बचा जा सके -


किस दिन कहाँ न जाए-



सोमवार और शनिवार को पूर्व दिशा

रविवार और शुक्रवार को पश्चिम दिशा

मंगल वार और बुधवार को उत्तर दिशा

गुरु वार को दक्षिण दिशा

सोमवार और गुरूवार को (अग्ने ) south east

रविवार और शुक्रवार को (नेतरअगये ) south west

मंगलवार को (वायवे ) north west

बुध और शनि को (ईशान ) north east----दिशा शूल होता है

अर्थात इस दिन इन दिशायो की और यात्रा नहीं करनी चाहिए...

बुध को उत्तर दिशा का स्वामी होते हुए भी बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा निषेध है-


विशेष:-



यदि एक जगह से रवाना हो कर उसी दिन गंतव्य स्थान पर पहुंचं जाना तय हो तो ऐसी यात्रा में तिथि- वार नक्षत्र,दिशा-शूल,प्रतिशुक,योगनी आदि का विचार नहीं होता है -


आपातकालीन यात्रा :-



यदि फिर भी किसी कारन वश आपातकालीन यात्रा करनी पड ही जाये और दिशा शूल भी हो, तो नीचे  लिखे उपाए कर के यात्रा कर सकते है-

रविवार = दलिया और घी

सोमवार = दर्पण देख कर

मंगलवार = गुड खा कर

बुधवार = धनिया या तिल खा कर

वीरवार = दही खा कर

शुक्रवार = जों खा कर

शनिवार = अदरक या उड़द खा कर

ये करके दिशा शूल के प्रकोप से बचा जा सकता है| और आप अपनी यात्रा को सुखद पूर्वक और मंगलमय बना सकते है-

उपचार और प्रयोग-

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