अब आप जाने कि व्यापार में मंदी है या उन्नति नहीं हो रही है या घाटा हो रहा है तो क्या करे इनको आप खुद कर सकते है - अगर आपका व्यापार-व्यवसाय मंदा चल रहा है। किसी भी काम के शुरू करने के बाद उसमें ऐसा लाभ नहीं मिलता जैसा सोच रहे हैं-दुकान खुब सजाधजा कर रखने पर भी उसमें ग्राहक नहीं आते तो अब चिंता की बात नहीं है- हम आपको ऐसे कुछ सिद्ध टोटके बता रहे हैं जिससे थोड़े से प्रयास से आपको बेहतर परिणाम मिलेंगे। लेकिन इन प्रयोगों को करने से पहले आपको मन में कुछ बातें ठाननी पड़ेंगी। एक, हमेशा सत्य बोलेंगे, दूसरों का अहित नहीं करेंगे और तीसरा हमेशा अपना श्रेष्ठतम परिणाम देंगे। जब आप कोई टोटका प्रयोग में ला रहे हों तो इसके बारे में किसी को बताए नहीं, इससे टोटके का प्रभाव कम हो जाता है। इन टोटकों को आजमाइए, लाभ जरूर मिलेगा-
व्यापार बढाने के लिए :-
शुक्ल पक्ष में किसी भी दिन अपनी फैक्ट्री या दुकान के दरवाजे के दोनों तरफ बाहर की ओर थोडा सा गेहूं का आटा रख दें-ध्यान रहे ऐसा करते हुए आपको कोई देखे नही-और पूजा घर में अभिमंत्रित श्री यंत्र रखें-तथा शुक्रवार की रात को सवा किलो काले चने भिगो दें-दूसरे दिन शनिवार को उन्हें सरसों के तेल में बना(घुघरी ) लें- अब उसके तीन हिस्से कर लें- उसमें से एक हिस्सा घोडे या भैंसे को खिला दें- दूसरा हिस्सा कुष्ठ रोगी को दे दें या किसी अपाहिज या गरीब भिखारी को दे दे और तीसरा हिस्सा अपने सिर से घडी की सूई से उल्टे तरफ तीन बार वार कर किसी चौराहे पर रख दें - यह प्रयोग आप 40 दिन तक करें- कारोबार में लाभ होगा-मगर दुकान में काम करने वाले नौकर को अपशब्द न प्रयोग करे जहाँ तक कोशिश करे कि खुश दिखे -
शनिवार को पीपल के पेड़ से एक पत्ता तोड़ लाएं, उसे धूप-बत्ती दिखाकर अपनी दुकान की गद्दी जिस पर आप बैठते हैं, उसके नीचे रख दें। सात शनिवार तक लगातार ऐसा ही करें। जब गद्दी के नीचे सात पत्ते इकट्ठे हो जाएं तो उन्हें एक साथ किसी तालाब या कुएं में बहा दें। व्यवसाय चल निकलेगा-
किसी ऐसी दुकान जो काफी चलती हो वहां से लोहे की कोई कील या नट आदि शनिवार के दिन खरीदकर, मांगकर या उठाकर ले आएं। काली उड़द के 10-15 दानों के साथ उसे एक शीशी में रख लें। धूप-दीप से पूजाकर ग्राहकों की नजरों से बचाकर दुकान में रख लें। व्यवसाय खुब चलेगा-
शनिवार को सात हरी मिर्च और सात नींबू की माला बनाकर दुकान में ऐसे टांगें कि उस पर ग्राहक की नजर पड़े-
व्यापार स्थल पर किसी भी प्रकार की समस्या हो, तो वहां श्वेतार्क गणपति तथा एकाक्षी श्रीफल की स्थापना करें। फिर नियमित रूप से धूप, दीप आदि से पूजा करें तथा सप्ताह में एक बार मिठाई का भोग लगाकर प्रसाद यथासंभव अधिक से अधिक लोगों को बांटें। भोग नित्य प्रति भी लगा सकते हैं।
यदि आपको लगता है कि आपका कार्य किसी ने बांध दिया है और चाहकर भी उसमें बढ़ोतरी नहीं हो रही है व सब तरफ से मन्दा एवं बाधाओं का सामना करना पड़रहा है। ऐसे में आपको साबुत फिटकरी दुकान में खड़े होकर 31 बार वार दें और दुकान से बाहर निकल कर किसी चौराहे पर जाकर उत्तर दिशा में फेंक कर बिना पीछे देखें वापस आ जाएं। नजरदूर हो जाएगी और व्यापार फिर से पूर्व की भांति चलने लगेगा।
व्यापार व कारोबार में वृद्धि के लिए आप एक नीबू लेकर उस पर चार लौंग गाड़ दें और उसे हाथ में रखकर निम्नलिखित मंत्र का 21 बार जप करें। जप के बाद नीबू को अपनी जेब में रख कर जिनसे कार्य होना हो, उनसे जाकर मिलें।
"ओइम क्ली श्री हनुमते नमः"
इसके अतिरिक्त शनिवार को पीपल का एक पत्ता गंगा जल से धोकर हाथ में रख लें और गायत्री मंत्र का 21 बार जप करें। फिर उस पत्ते को धूप देकर अपने कैश बॉक्स में रख दें। यह क्रिया प्रत्येक शनिवार को करें और पत्ता बदल कर पहले के पत्ते को पीपल की जड़ में में रख दें। यह क्रिया निष्ठापूर्वक करें, कारोबार में उन्नति होगी।
आपके व्यापार में मंदी आ गयी है या नौकरी में मंदी आ गयी है तो यह करें। किसी साफ़ शीशी में सरसों का तेल भरकर उस शीशी को किसी तालाब या बहती नदी के जल में डाल दें। शीघ्र ही मंदी का असर जाता रहेगा और आपके व्यापार में जान आ जाएगी।
कारोबार में नुकसान हो रहा हो या कार्यक्षेत्र में झगडा हो रहा हो तो आप अपने वज़न के बराबर कच्चा कोयला लेकर जल प्रवाह कर दें... ! अवश्य लाभ होगा .....!
साथ-साथ ये भी करे व्यापार की सफलता के लिए :-
दुकान के भवन में ईशान कोण को बिल्कुल खाली रखें। पानी की व्यवस्था इस कोण में करें। प्रातः दुकान खोलते वक्त पीने का पानी भरकर रखें व पांच तुलसी के पत्तें इस पानी में डालकर रखें।
पूजा स्थान भी ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में रखें।
ईशान कोण की स्वच्छता ग्राहकों को आकर्षित करती है इसलिए इस स्थान को साफ- सुथरा बनाए रखें।
दुकान में भारी सामान या जूते-चप्पल ईशान कोण में रखें हुए हैं तो तुरन्त हटा दें क्योकिं ये व्यापार में भारी नुकसान करवाने वाला होता हैं। ऐसा कोई सामान यदि है तो उसे दक्षिण-पश्चिम दिशा में व्यवस्थित करें।
दुकान में माल का भण्डारण उत्तर दिशा में करें। लंबे समय तक रखे जाने वाले माल को दक्षिण में, स्टॉक खत्म करने वाले माल को वायव्य कोण में स्थान दें।
अग्नि से संबंधित चीजें बिजली का मीटर, स्विच बोर्ड और इनवर्टर आदि की व्यवस्था आग्नेय कोण में करें।
सीढ़ियां ईशान कोण के अतिरिक्त किसी भी दिशा में रख सकते हैं।
दुकान के मालिक का बैठने का स्थान नैऋत्य कोण में या दक्षिण दिशा में इस प्रकार हो कि मुख पूर्व या उत्तर में रहें।
उपचार और प्रयोग -
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