कभी- कभी जन्मकुंडली में कई ऐसे योग होते हैं जिनकी वजह से कोई भी पुरुष या स्त्री विवाह की खुशी से वंचित रह सकते हैं….कई बार ये रूकावट बाहरी बाधाओं की वजह से भी आती हैं. उम्र लगातार बढती जाती है और लाख प्रयास के बाद भी रिश्ते बन नहीं पाते हैं या मनचाहे रिश्तों का तो जैसे आकाल ही पड़ जाता है इस प्रकार की स्थिति होने पर शीघ्र विवाह के उपाय करने में समझदारी रहती है.
इन उपाय को करने से शीघ्र विवाह के मार्ग बनते है, तथा विवाह मार्ग की समस्त बाधाएं दूर होती है| यहाँ पर हम कुछ बहुत ही आसान किन्तु अचूक उपाय बता रहे है जिनको सच्चे मन से करने से वर एवं कन्या दोनों को ही निश्चित रूप से मनवांछित लाभ प्राप्त होगा।
शीघ्र विवाह के लिए सोमवार को 1200 ग्राम चने की दाल व सवा लीटर कच्चे दूध का दान करें| यह प्रयोग तब तक करते रहना है जब तक कि विवाह न हो जाय|
कन्या जब किसी कन्या के विवाह में जाये और यदि वहाँ पर दुल्हन को मेहँदी लग रही हो तो अविवाहित कन्या कुछ मेहँदी उस दुल्हन के हाथ से लगवा ले इससे विवाह का मार्ग शीघ्र प्रशस्त होता है|
विवाह वार्ता के लिए घर आए अतिथियों को इस प्रकार बैठाएं कि उनका मुख घर में अंदर की ओर हो, उन्हें द्वार दिखाई न दे।
विवाह योग्य युवक-युवती जिस पलंग पर सोते हों उसके नीचे लोहे की वस्तुएं या कबाड़ का सामान कभी भी नहीं रखना चाहिए।
यदि विवाह के पूर्व लड़का-लड़की मिलना चाहें तो वह इस प्रकार बैठे कि उनका मुख दक्षिण दिशा की ओर न हो।
कन्या सफेद खरगोश को पाले तथा अपने हाथ से उसे भोजन के रूप में कुछ दे|
कन्या के विवाह की चर्चा करने उसके घर के लोग जब भी किसी के यहाँ जायें तो कन्या खुले बालों से,लाल वस्त्र धारण कर हँसते हुए उन्हें कोई मिष्ठान खिला कर विदा करे| विवाह की चर्चा सफल होगी|
पूर्णिमा को वट वृक्ष की 108 परिक्रमा देने से भी विवाह बाधा दूर होती है|
गुरूवार को वट वृक्ष, पीपल, केले के वृक्ष पर जल अर्पित करने से विवाह बाधा दूर होती है|
जिन व्यक्तियों को शीघ्र विवाह की कामना हों उन्हें गुरुवार को गाय को दो आटे के पेडे पर थोड़ा हल्दी लगाकर खिलाना चाहिए. तथा इसके साथ ही थोड़ा सा गुड व चने की पीली दाल का भोग गाय को लगाना शुभ होता है|
किसी भी शुभ दिवस पर मिटटी का एक नया कुल्हड़ लाएँ तथा उसमे एक लाल वस्त्र,सात काली मिर्च एवं सात ही नमक की साबुत कंकड़ी रख दें, हांडी का मुख लाल कपडे से बंद कर दें एवँ कुल्हड़ के बाहर कुमकुम की सात बिंदियाँ लगा दे फिर उसे सामने रख कर निम्न मंत्र की ५ माला जप करेँ । मन्त्र जप के पश्चात हांडी को चौराहे पर रखवा देँ| यह बहुत ही असरदायक प्रयोग है ।
मन्त्र:-
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गौरी आवे ,शिव जो ब्यावे.अमुक का विवाह तुरंत सिद्ध करेँ,
देर ना करेँ, जो देर होए , तो शिव को त्रिशूल पड़े, गुरु गोरखनाथ की दुहाई फिरै ।।
अमुक के स्थान पर जिस लड़की का विवाह न हो रहा हो उसका नाम लिख सकते है !
यदि कन्या की शादी में कोई रूकावट आ रही हो तो पूजा वाले 5 नारियल लें ! भगवान शिव की मूर्ती या फोटो के आगे रख कर “ऊं श्रीं वर प्रदाय श्री नामः” मंत्र का पांच माला जाप करें फिर वो पांचों नारियल शिव जी के मंदिर में चढा दें ! विवाह की बाधायें अपने आप दूर होती जांयगी !
प्रत्येक सोमवार को कन्या सुबह नहा-धोकर शिवलिंग पर “ऊं सोमेश्वराय नमः” का जाप करते हुए दूध मिले जल को चढाये और वहीं मंदिर में बैठ कर रूद्राक्ष की माला से इसी मंत्र का एक माला जप करे ! विवाह की सम्भावना शीघ्र बनती नज़र आयेगी |
शिव-पार्वती का पूजन करने स भी विवाह की मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं। इसके लिए प्रतिदिन शिवलिंग पर कच्चा दूध, बिल्व पत्र, अक्षत, कुमकुम आदि चढ़ाकर विधिवत पूजन करें।
विवाह योग्य लोगों को शीघ्र विवाह के लिये प्रत्येक गुरुवार को नहाने वाले पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करना चाहिए. भोजन में केसर का सेवन करने से विवाह शीघ्र होने की संभावनाएं बनती है|
विवाह योग्य व्यक्ति को सदैव शरीर पर कोई भी एक पीला वस्त्र धारण करके रखना चाहिए|
गुरुवार की शाम को पांच प्रकार की मिठाई, हरी ईलायची का जोडा तथा शुद्ध घी के दीपक के साथ जल अर्पित करना चाहिये | यह प्रयोग लगातार तीन गुरुवार को करना चाहिए,इससे शीघ्र विवाह के योग निस्संदेह बनते है ।
गुरुवार को केले के वृ्क्ष पर जल अर्पित करके शुद्ध घी का दीपक जलाकर गुरु के 108 नामों का उच्चारण करने से जल्दी ही जीवनसाथी की तलाश पूर्ण हो जाती है ।
बृहस्पति को देवताओं का गुरु माना जाता है इनकी पूजा से विवाह के मार्ग में आ रही सभी अड़चनें स्वत: ही समाप्त हो जाती हैं। इनकी पूजा के लिए गुरुवार का विशेष महत्व है।
गुरुवार को बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए पीले रंग की वस्तुएं चढ़ानी चाहिए। पीले रंग की वस्तुएं जैसे हल्दी, पीला फल, पीले रंग का वस्त्र, पीले फूल, केला, चने की दाल आदि इसी तरह की वस्तुएं गुरु ग्रह को चढ़ानी चाहिए। साथ ही शीघ्र विवाह की इच्छा रखने वाले युवाओं को गुरुवार के दिन व्रत रखना चाहिए। इस व्रत में खाने में पीले रंग का खाना ही खाएं, जैसे चने की दाल, पीले फल, केले खाने चाहिए। इस दिन व्रत करने वाले को पीले रंग के वस्त्र ही पहनने चाहिए।
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रों स: गुरूवे नम: ॥ मंत्र का पांच माला प्रति गुरुवार जप करें।
अगर किसी का विवाह कुण्डली के मांगलिक योग के कारण नहीं हो पा रहा है, तो ऎसे व्यक्ति को मंगल वार के दिन चण्डिका स्तोत्र का पाठ तथा शनिवार के दिन सुन्दर काण्ड का पाठ करना चाहिए. इससे भी विवाह के मार्ग की बाधाओं में कमी होती है.
शिव-पार्वती का पूजन करने से भी विवाह की मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं। इसके लिए प्रतिदिन शिवलिंग पर कच्चा दूध, बिल्व पत्र, अक्षत, कुमकुम आदि चढ़ाकर विधिवत पूजन करें।
जिन व्यक्तियों की विवाह की आयु हो चुकी है. परन्तु विवाह संपन्न होने में बाधा आ रही है उन व्यक्तियों को यह उपाय करना चाहिए. इस उपाय में शुक्रवार की रात्रि में आठ छुआरे जल में उबाल कर जल के साथ ही अपने सोने वाले स्थान पर सिरहाने रख कर सोयें तथा शनिवार को प्रात: स्नान करने के बाद किसी भी बहते जल में इन्हें प्रवाहित कर दें|
यदि आपको प्रेम विवाह में अडचने आ रही हैं तो :- शुक्ल पक्ष के गुरूवार से शुरू करके विष्णु और लक्ष्मी मां की मूर्ती या फोटो के आगे “ऊं लक्ष्मी नारायणाय नमः” मंत्र का रोज़ तीन माला जाप स्फटिक माला पर करें ! इसे शुक्ल पक्ष के गुरूवार से ही शुरू करें ! तीन महीने तक हर गुरूवार को मंदिर में प्रसाद चढांए और विवाह की सफलता के लिए प्रार्थना करें !
शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार को सात केले, सात गौ ग्राम गुड़ और एक नारियल लेकर किसी नदी या सरोवर पर जाएं। अब कन्या को वस्त्र सहित नदी के जल में स्नान कराकर उसके ऊपर से जटा वाला नारियल ऊसारकर नदी में प्रवाहित कर दें। इसके बाद थोड़ा गुड़ व एक केला चंद्रदेव के नाम पर व इतनी ही सामग्री सूर्यदेव के नाम पर नदी के किनारे रखकर उन्हें प्रणाम कर लें। थोड़े से गुड़ को प्रसाद के रूप में कन्या स्वयं खाएं और शेष सामग्री को गाय को खिला दें। इस टोटके से कन्या का विवाह शीघ्र ही हो जाएगा।
शादी वाले दिन से एक दिन पहले एक ईंट के ऊपर कोयले से “बाधायें” लिखकर ईंट को उल्टा करके किसी सुरक्षित स्थान पर रख दीजिये,और शादी के बाद उस ईंट को उठाकर किसी पानी वाले स्थान पर डाल कर ऊपर से कुछ खाने का सामान डाल दीजिये, विवाह के समय और विवाह के बाद में वर/वधु के दाम्पत्य जीवन में बाधायें नहीं आयेंगी, यह काम वर - वधु या उनके घर का कोई भी सदस्य कर सकता है लेकिन यह काम बिल्कुल चुपचाप करना चाहिए ।
बृहस्पति, शुक्र, बुद्ध और सोम इन वारों में विवाह करने से कन्या सौभाग्यवती होती है। विवाह में चतुर्दशी, नवमी इन तिथियों को त्याग देना चाहिए।
विवाह के पश्चात एक वर्ष तक पिण्ड-दान,मृक्ति का स्नान, तिलतर्पण, तीर्थ-यात्रा,मुण्डन,प्रेतानुगमन आदि नहीं करना चाहिये.
जिन लड़कों का विवाह नहीं हो रहा हो या प्रेम विवाह में विलंब हो रहा हो, उन्हें शीघ्र मनपसंद विवाह के लिए श्रीकृष्ण के इस मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए ।
शीघ्र विवाह के लिए भगवान श्री कृष्ण का मन्त्र:-
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"क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा।"
यदि किसी कन्या का विवाह नहीं हो पा रहा है तो वह कन्या आज विवाह की कामना से भगवान श्रीगणेश को मालपुए का भोग लगाए तो शीघ्र ही उसका विवाह हो जाता है।
यदि किसी युवक के विवाह में परेशानियां आ रही हैं तो वह भगवान श्रीगणेश को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं तो उसका विवाह भी जल्दी हो जाता है।
शादी के दिन वर,कन्या सुखी विवाहिक जीवन के लिए अपनी राशि के अनुसार अवश्य ही पूजन करें:-
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जिनका विवाह होने वाला है, वह जातक यदि अपनी शादी के दिन कुछ समय निकालकर अपनी राशी के अनुसार बताये गये देवी-देवता का पूजन करें, तो उनके दाम्पत्य जीवन में सदैव प्रेम, सुख, शांति व वैभव बना रहेगा ।
मेष- मेष राशि वाले जातक भगवान गणेश जी को दूर्वा अर्पित करके मोदक का भोग लगाये तत्पश्चात ‘गं गणपतये नम:’ की 9 माला का जाप करें।
वृषभ- इस राशि वाले नौ वर्ष से कम उम्र की कन्या का पूजन करके उसे कोई भी उपहार दें एवं उसके बाद माँ दुर्गा को लाल फूल चड़ाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
मिथुन- मिथुन राशि वाले जातक भगवान शिव के शिवलिंग पर कच्चा दूध चड़ाकर ॐ नमा शिवाये मन्त्र की पाँच माला का जाप करें ।
कर्क- इस राशि वाले गुरु के दर्शन करके उनसे आशीर्वाद लें एवं भगवन शिव पर कच्चा दूध,बेल पत्र और धतूरा चड़ाकर शिव चालीसा का पाठ करें।
सिंह- इस राशि वाले प्रात: सूर्य देव को लाल चन्दन, अक्षत,और फूल मिला जल चड़ाकर आदित्यह्रदयस्तोत्रम का पाठ करें।
कन्या- इस राशि वाले जातक माता दुर्गा के दर्शन एव गणेश चालीसा का पाठ करें।
तुला- तुला राशि वाले जातक प्रभु राधाकृष्ण के दर्शन करें एवं ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’की पाँच माला का जाप करें।
वृश्चिक- इस राशि वाले जातक भगवान शिवजी के दर्शन करके शिव के बारह ज्योतिर्लिंग के नाम का उच्चारण करें।
धनु- इस राशि वाले जातक दत्त भगवान के दर्शन करके गुरु का पाठ करें।
मकर- इस राशि वाले हनुमान मंदिर में जाकर हनुमान जी के दर्शन करके हनुमान चालीसा का पाठ करें।
कुंभ- इस राशि वाले जातक भगवान राम-सीता के दर्शन करके रामरक्षा स्तोत्र का पाठ अवश्य करें।
मीन- इस राशि वाले श्री गणेश भगवान या श्री सांईं बाबा के दर्शन करके उन्हें लडुओं का भोग लगायें ।
उपरोक्त दिए गए उपाय बहुत ही सरल और अचूक है, इनको करने में कोई बहुत ज्यादा समय या व्यय भी नहीं लगाना पड़ेगा और इनका शुभ प्रभाव आपके पूरे जीवन की दिशा बदल सकता है।
उपचार स्वास्थ्य और प्रयोग-
इन उपाय को करने से शीघ्र विवाह के मार्ग बनते है, तथा विवाह मार्ग की समस्त बाधाएं दूर होती है| यहाँ पर हम कुछ बहुत ही आसान किन्तु अचूक उपाय बता रहे है जिनको सच्चे मन से करने से वर एवं कन्या दोनों को ही निश्चित रूप से मनवांछित लाभ प्राप्त होगा।
शीघ्र विवाह के लिए सोमवार को 1200 ग्राम चने की दाल व सवा लीटर कच्चे दूध का दान करें| यह प्रयोग तब तक करते रहना है जब तक कि विवाह न हो जाय|
कन्या जब किसी कन्या के विवाह में जाये और यदि वहाँ पर दुल्हन को मेहँदी लग रही हो तो अविवाहित कन्या कुछ मेहँदी उस दुल्हन के हाथ से लगवा ले इससे विवाह का मार्ग शीघ्र प्रशस्त होता है|
विवाह वार्ता के लिए घर आए अतिथियों को इस प्रकार बैठाएं कि उनका मुख घर में अंदर की ओर हो, उन्हें द्वार दिखाई न दे।
विवाह योग्य युवक-युवती जिस पलंग पर सोते हों उसके नीचे लोहे की वस्तुएं या कबाड़ का सामान कभी भी नहीं रखना चाहिए।
यदि विवाह के पूर्व लड़का-लड़की मिलना चाहें तो वह इस प्रकार बैठे कि उनका मुख दक्षिण दिशा की ओर न हो।
कन्या सफेद खरगोश को पाले तथा अपने हाथ से उसे भोजन के रूप में कुछ दे|
कन्या के विवाह की चर्चा करने उसके घर के लोग जब भी किसी के यहाँ जायें तो कन्या खुले बालों से,लाल वस्त्र धारण कर हँसते हुए उन्हें कोई मिष्ठान खिला कर विदा करे| विवाह की चर्चा सफल होगी|
पूर्णिमा को वट वृक्ष की 108 परिक्रमा देने से भी विवाह बाधा दूर होती है|
गुरूवार को वट वृक्ष, पीपल, केले के वृक्ष पर जल अर्पित करने से विवाह बाधा दूर होती है|
जिन व्यक्तियों को शीघ्र विवाह की कामना हों उन्हें गुरुवार को गाय को दो आटे के पेडे पर थोड़ा हल्दी लगाकर खिलाना चाहिए. तथा इसके साथ ही थोड़ा सा गुड व चने की पीली दाल का भोग गाय को लगाना शुभ होता है|
किसी भी शुभ दिवस पर मिटटी का एक नया कुल्हड़ लाएँ तथा उसमे एक लाल वस्त्र,सात काली मिर्च एवं सात ही नमक की साबुत कंकड़ी रख दें, हांडी का मुख लाल कपडे से बंद कर दें एवँ कुल्हड़ के बाहर कुमकुम की सात बिंदियाँ लगा दे फिर उसे सामने रख कर निम्न मंत्र की ५ माला जप करेँ । मन्त्र जप के पश्चात हांडी को चौराहे पर रखवा देँ| यह बहुत ही असरदायक प्रयोग है ।
मन्त्र:-
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गौरी आवे ,शिव जो ब्यावे.अमुक का विवाह तुरंत सिद्ध करेँ,
देर ना करेँ, जो देर होए , तो शिव को त्रिशूल पड़े, गुरु गोरखनाथ की दुहाई फिरै ।।
अमुक के स्थान पर जिस लड़की का विवाह न हो रहा हो उसका नाम लिख सकते है !
यदि कन्या की शादी में कोई रूकावट आ रही हो तो पूजा वाले 5 नारियल लें ! भगवान शिव की मूर्ती या फोटो के आगे रख कर “ऊं श्रीं वर प्रदाय श्री नामः” मंत्र का पांच माला जाप करें फिर वो पांचों नारियल शिव जी के मंदिर में चढा दें ! विवाह की बाधायें अपने आप दूर होती जांयगी !
प्रत्येक सोमवार को कन्या सुबह नहा-धोकर शिवलिंग पर “ऊं सोमेश्वराय नमः” का जाप करते हुए दूध मिले जल को चढाये और वहीं मंदिर में बैठ कर रूद्राक्ष की माला से इसी मंत्र का एक माला जप करे ! विवाह की सम्भावना शीघ्र बनती नज़र आयेगी |
शिव-पार्वती का पूजन करने स भी विवाह की मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं। इसके लिए प्रतिदिन शिवलिंग पर कच्चा दूध, बिल्व पत्र, अक्षत, कुमकुम आदि चढ़ाकर विधिवत पूजन करें।
विवाह योग्य लोगों को शीघ्र विवाह के लिये प्रत्येक गुरुवार को नहाने वाले पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करना चाहिए. भोजन में केसर का सेवन करने से विवाह शीघ्र होने की संभावनाएं बनती है|
विवाह योग्य व्यक्ति को सदैव शरीर पर कोई भी एक पीला वस्त्र धारण करके रखना चाहिए|
गुरुवार की शाम को पांच प्रकार की मिठाई, हरी ईलायची का जोडा तथा शुद्ध घी के दीपक के साथ जल अर्पित करना चाहिये | यह प्रयोग लगातार तीन गुरुवार को करना चाहिए,इससे शीघ्र विवाह के योग निस्संदेह बनते है ।
गुरुवार को केले के वृ्क्ष पर जल अर्पित करके शुद्ध घी का दीपक जलाकर गुरु के 108 नामों का उच्चारण करने से जल्दी ही जीवनसाथी की तलाश पूर्ण हो जाती है ।
बृहस्पति को देवताओं का गुरु माना जाता है इनकी पूजा से विवाह के मार्ग में आ रही सभी अड़चनें स्वत: ही समाप्त हो जाती हैं। इनकी पूजा के लिए गुरुवार का विशेष महत्व है।
गुरुवार को बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए पीले रंग की वस्तुएं चढ़ानी चाहिए। पीले रंग की वस्तुएं जैसे हल्दी, पीला फल, पीले रंग का वस्त्र, पीले फूल, केला, चने की दाल आदि इसी तरह की वस्तुएं गुरु ग्रह को चढ़ानी चाहिए। साथ ही शीघ्र विवाह की इच्छा रखने वाले युवाओं को गुरुवार के दिन व्रत रखना चाहिए। इस व्रत में खाने में पीले रंग का खाना ही खाएं, जैसे चने की दाल, पीले फल, केले खाने चाहिए। इस दिन व्रत करने वाले को पीले रंग के वस्त्र ही पहनने चाहिए।
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रों स: गुरूवे नम: ॥ मंत्र का पांच माला प्रति गुरुवार जप करें।
अगर किसी का विवाह कुण्डली के मांगलिक योग के कारण नहीं हो पा रहा है, तो ऎसे व्यक्ति को मंगल वार के दिन चण्डिका स्तोत्र का पाठ तथा शनिवार के दिन सुन्दर काण्ड का पाठ करना चाहिए. इससे भी विवाह के मार्ग की बाधाओं में कमी होती है.
शिव-पार्वती का पूजन करने से भी विवाह की मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं। इसके लिए प्रतिदिन शिवलिंग पर कच्चा दूध, बिल्व पत्र, अक्षत, कुमकुम आदि चढ़ाकर विधिवत पूजन करें।
जिन व्यक्तियों की विवाह की आयु हो चुकी है. परन्तु विवाह संपन्न होने में बाधा आ रही है उन व्यक्तियों को यह उपाय करना चाहिए. इस उपाय में शुक्रवार की रात्रि में आठ छुआरे जल में उबाल कर जल के साथ ही अपने सोने वाले स्थान पर सिरहाने रख कर सोयें तथा शनिवार को प्रात: स्नान करने के बाद किसी भी बहते जल में इन्हें प्रवाहित कर दें|
यदि आपको प्रेम विवाह में अडचने आ रही हैं तो :- शुक्ल पक्ष के गुरूवार से शुरू करके विष्णु और लक्ष्मी मां की मूर्ती या फोटो के आगे “ऊं लक्ष्मी नारायणाय नमः” मंत्र का रोज़ तीन माला जाप स्फटिक माला पर करें ! इसे शुक्ल पक्ष के गुरूवार से ही शुरू करें ! तीन महीने तक हर गुरूवार को मंदिर में प्रसाद चढांए और विवाह की सफलता के लिए प्रार्थना करें !
शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार को सात केले, सात गौ ग्राम गुड़ और एक नारियल लेकर किसी नदी या सरोवर पर जाएं। अब कन्या को वस्त्र सहित नदी के जल में स्नान कराकर उसके ऊपर से जटा वाला नारियल ऊसारकर नदी में प्रवाहित कर दें। इसके बाद थोड़ा गुड़ व एक केला चंद्रदेव के नाम पर व इतनी ही सामग्री सूर्यदेव के नाम पर नदी के किनारे रखकर उन्हें प्रणाम कर लें। थोड़े से गुड़ को प्रसाद के रूप में कन्या स्वयं खाएं और शेष सामग्री को गाय को खिला दें। इस टोटके से कन्या का विवाह शीघ्र ही हो जाएगा।
शादी वाले दिन से एक दिन पहले एक ईंट के ऊपर कोयले से “बाधायें” लिखकर ईंट को उल्टा करके किसी सुरक्षित स्थान पर रख दीजिये,और शादी के बाद उस ईंट को उठाकर किसी पानी वाले स्थान पर डाल कर ऊपर से कुछ खाने का सामान डाल दीजिये, विवाह के समय और विवाह के बाद में वर/वधु के दाम्पत्य जीवन में बाधायें नहीं आयेंगी, यह काम वर - वधु या उनके घर का कोई भी सदस्य कर सकता है लेकिन यह काम बिल्कुल चुपचाप करना चाहिए ।
बृहस्पति, शुक्र, बुद्ध और सोम इन वारों में विवाह करने से कन्या सौभाग्यवती होती है। विवाह में चतुर्दशी, नवमी इन तिथियों को त्याग देना चाहिए।
विवाह के पश्चात एक वर्ष तक पिण्ड-दान,मृक्ति का स्नान, तिलतर्पण, तीर्थ-यात्रा,मुण्डन,प्रेतानुगमन आदि नहीं करना चाहिये.
जिन लड़कों का विवाह नहीं हो रहा हो या प्रेम विवाह में विलंब हो रहा हो, उन्हें शीघ्र मनपसंद विवाह के लिए श्रीकृष्ण के इस मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए ।
शीघ्र विवाह के लिए भगवान श्री कृष्ण का मन्त्र:-
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"क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा।"
यदि किसी कन्या का विवाह नहीं हो पा रहा है तो वह कन्या आज विवाह की कामना से भगवान श्रीगणेश को मालपुए का भोग लगाए तो शीघ्र ही उसका विवाह हो जाता है।
यदि किसी युवक के विवाह में परेशानियां आ रही हैं तो वह भगवान श्रीगणेश को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं तो उसका विवाह भी जल्दी हो जाता है।
शादी के दिन वर,कन्या सुखी विवाहिक जीवन के लिए अपनी राशि के अनुसार अवश्य ही पूजन करें:-
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जिनका विवाह होने वाला है, वह जातक यदि अपनी शादी के दिन कुछ समय निकालकर अपनी राशी के अनुसार बताये गये देवी-देवता का पूजन करें, तो उनके दाम्पत्य जीवन में सदैव प्रेम, सुख, शांति व वैभव बना रहेगा ।
मेष- मेष राशि वाले जातक भगवान गणेश जी को दूर्वा अर्पित करके मोदक का भोग लगाये तत्पश्चात ‘गं गणपतये नम:’ की 9 माला का जाप करें।
वृषभ- इस राशि वाले नौ वर्ष से कम उम्र की कन्या का पूजन करके उसे कोई भी उपहार दें एवं उसके बाद माँ दुर्गा को लाल फूल चड़ाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
मिथुन- मिथुन राशि वाले जातक भगवान शिव के शिवलिंग पर कच्चा दूध चड़ाकर ॐ नमा शिवाये मन्त्र की पाँच माला का जाप करें ।
कर्क- इस राशि वाले गुरु के दर्शन करके उनसे आशीर्वाद लें एवं भगवन शिव पर कच्चा दूध,बेल पत्र और धतूरा चड़ाकर शिव चालीसा का पाठ करें।
सिंह- इस राशि वाले प्रात: सूर्य देव को लाल चन्दन, अक्षत,और फूल मिला जल चड़ाकर आदित्यह्रदयस्तोत्रम का पाठ करें।
कन्या- इस राशि वाले जातक माता दुर्गा के दर्शन एव गणेश चालीसा का पाठ करें।
तुला- तुला राशि वाले जातक प्रभु राधाकृष्ण के दर्शन करें एवं ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’की पाँच माला का जाप करें।
वृश्चिक- इस राशि वाले जातक भगवान शिवजी के दर्शन करके शिव के बारह ज्योतिर्लिंग के नाम का उच्चारण करें।
धनु- इस राशि वाले जातक दत्त भगवान के दर्शन करके गुरु का पाठ करें।
मकर- इस राशि वाले हनुमान मंदिर में जाकर हनुमान जी के दर्शन करके हनुमान चालीसा का पाठ करें।
कुंभ- इस राशि वाले जातक भगवान राम-सीता के दर्शन करके रामरक्षा स्तोत्र का पाठ अवश्य करें।
मीन- इस राशि वाले श्री गणेश भगवान या श्री सांईं बाबा के दर्शन करके उन्हें लडुओं का भोग लगायें ।
उपरोक्त दिए गए उपाय बहुत ही सरल और अचूक है, इनको करने में कोई बहुत ज्यादा समय या व्यय भी नहीं लगाना पड़ेगा और इनका शुभ प्रभाव आपके पूरे जीवन की दिशा बदल सकता है।
उपचार स्वास्थ्य और प्रयोग-
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