गुलदाउदी संसार के सबसे प्रसिद्ध एवं शरद ऋतु में फूलनेवाले पौधों में से है। गुलदाउदी का पौधा शाक (herbs) की श्रेणी में आता है। इसकी जड़ें मुख्यतया प्रधान मूल, शाखादार और रेशेदार होती हैं। तना कोमल, सीधा तथा कभी कभी रोएँदार होता है।
गुलदाऊदी या सेवती के फूल बहुत सुन्दर होते हैं . छोटे फूलों वाली गुलदाऊदी के औषधीय गुण अधिक होते हैं . इससे घर का वातावरण भी अच्छा होता है .
घर में इसके दो तीन पत्तों पर देसी घी लगाकर कच्चे कोयले पर जलाएं तो नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है .
हृदय रोग के लिए गर्म पानी में इसकी पत्तियां डालकर दो मिनट बाद निकाल लें . फिर उस पानी को पीयें
.
जिन महिलाओं को मासिक धर्म अनियमित हो या दर्द रहता हो तो इसके फूलों व पत्तियों का काढ़ा पीयें .
आप इसे पेट दर्द होने पर इसके फूलों का रस शहद या पानी के साथ लें .
यदि कहीं पर गाँठ हो गयी हो तो इसकी जड़ घिसकर लगायें .
जिसे भी kidney stone हों तो इसके फूलों को सुखाकर उनकी चाय पीयें .
जिसको Urine रुककर आता हो तो इसकी चार पांच छोटी छोटी पत्तियों में काली मिर्च मिलाकर , काढ़ा बनाकर पीयें .
उपचार स्वास्थ्य और प्रयोग -
गुलदाऊदी या सेवती के फूल बहुत सुन्दर होते हैं . छोटे फूलों वाली गुलदाऊदी के औषधीय गुण अधिक होते हैं . इससे घर का वातावरण भी अच्छा होता है .
घर में इसके दो तीन पत्तों पर देसी घी लगाकर कच्चे कोयले पर जलाएं तो नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है .
हृदय रोग के लिए गर्म पानी में इसकी पत्तियां डालकर दो मिनट बाद निकाल लें . फिर उस पानी को पीयें
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जिन महिलाओं को मासिक धर्म अनियमित हो या दर्द रहता हो तो इसके फूलों व पत्तियों का काढ़ा पीयें .
आप इसे पेट दर्द होने पर इसके फूलों का रस शहद या पानी के साथ लें .
यदि कहीं पर गाँठ हो गयी हो तो इसकी जड़ घिसकर लगायें .
जिसे भी kidney stone हों तो इसके फूलों को सुखाकर उनकी चाय पीयें .
जिसको Urine रुककर आता हो तो इसकी चार पांच छोटी छोटी पत्तियों में काली मिर्च मिलाकर , काढ़ा बनाकर पीयें .
उपचार स्वास्थ्य और प्रयोग -
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