Thursday, August 20, 2015

शुक्राणु बढ़ाये गर्म दूध और शहद - Sperm extended warm milk and honey

पहले के पुरुषो को दूध पीने के लिए हमारे बुजुर्ग क्यों प्रेरित करते थे क्युकि वो जानते थे शरीर को पोषक तत्वों के साथ -साथ इसमें शुक्राणुओं को बढाने की एक स्वाभाविक ताकत है -
आयुर्वेद में नपुंसकता और बांझपन की समस्याओं के लिए शहद एक दवा के रूप में लेने की सलाह दी जाती है। हल्‍के गुनगुने दूध के साथ शहद पीने से प्रजनन क्षमता का स्‍तन शून्‍य से 60 मिलियन शुक्राणुओं की संख्‍या तब बढ़ जाती है। स्‍वाभाविक रूप से दूध एक हर्बल उपचार है जो कि शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने में मदद करता है-




जी हाँ ....ये सच है कि 18 से 50 वर्ष की उम्र के पुरुष 10% कम शुक्राणु बनने से पीड़ित हैं। हांलाकि इस समस्‍या से निपटने के लिये कई घरेलू उपचार उपलब्‍ध हैं, जिसमें से दूध बड़ी आसानी के साथ उपलब्‍ध है। निश्चित रूप से, शहद के साथ दूध पीने से कम लो स्‍पर्म काउंट की समस्‍या से निजात पाया जा सकता है।


विटामिन A पुरुष सेक्स हार्मोन के उत्पादन के लिए काफी हद तक जिम्‍मेदार होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो शरीर में कोशिकाओं को फ्री रैडिक्‍स की क्षति से बचाने का कार्य करते हैं। साथ ही यह वीर्योत्पादक नलिकाओं के रखरखाव के लिए भी महत्वपूर्ण कार्य करता है। दूध में विटामिन ए काफी मात्रा में होता है इसलिये पुरुषों को यह जरुर पीना चाहिये।


शुद्ध और बिना गर्म किया शहद यौन उत्‍तेजना को बढ़ता है क्‍योंकि इसमें अनेक पदार्थ जैसे, जिंक, विटामिन ई आदि होता है। जो कि पौरूष और प्रजनन स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने का कार्य करते हैं। इसके अलावा, रात को रोज सोते वक्‍त शहद पिसा लहसुन एक साथ मिक्‍स कर के खाना चाहिये, क्‍योंकि यह एक आपके सेक्‍जुअल स्‍टैमिना और प्‍लेजर को बढ़ा देगा। इसके अलावा शहद और दालचीनी भी बाझपन, गठिया, बाल झड़ना, दांतदर्द, कफ, पेट की खराबी, वेट लॉस और बढ़े हुए कोलेस्‍ट्रॉल को कम करने में मददगार है।शहद अगर दो चम्मच ले तो दो कली लहसुन का पिसा पेस्ट मिला के ले  .ये निश्चित रूप से और प्रभाव शाली तरीके से आपके अंदर के शुक्राणु की स्टेमिना को बढाता है .


कम शुक्राणु के कारणों के रूप में अच्छी तरह से गिनती पता करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यहां आम तौर पर अधिक प्रचलित हैं कि कारणों में से कुछ कर रहे हैं। कम शुक्राणु क्या गणना कारण बनता है..? अगर आप यह कम शुक्राणु के होने का कारण जान लें तो आप इस समस्‍या से काफी हद तक निजात पा सकते हैं।


नीचे कुछ आम कारण दिये जा रहे हैं, जिन्‍हें पढ़ कर आप जान जाएंगे कि क्‍यूं आपके अंदर शुक्राणुओं की संख्‍या कम क्यों होती जा रही है।


कम शुक्राणुओं का कारण:-



शारीरिक और मानसिक तनाव

नींद पूरी ना होना

धूम्रपान और शराब की अधिक लत

मोटापा

कैंसर

आनुवंशिकता

हार्मोन समस्‍या

प्रदूषण और जिंक की कमी

स्टेरॉयड जैसी दवाइयां


जिन पुरुषों को हफ्ते में तीन घंटे साइकिल चलाने की आदत है, उन्‍हें नपुंसक होने का चांस उन पुरुषों की तुलना में बढ जाता है जो बिल्‍कुल भी या कम समय के लिये साइकिल चलाते हैं।


स्त्रियों में प्रजननता आहार यानी प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाले आहार लेने से प्रजनन विकार संबंधी कारकों को दूर किया जा सकता है बल्कि स्वस्थ प्रजनन प्रणाली भी विकसित होती है। प्रजननता आहार यानी प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाले आहार लेने से प्रजनन विकार संबंधी कारकों को दूर किया जा सकता है बल्कि स्वस्थ प्रजनन प्रणाली भी विकसित होती है । प्रेगनेंट न हो पाने के कई कारण हो सकते हैं, जिनके बारे में आपको ज्‍यादा जानकारी नहीं होगी।शरीर को ठीक प्रकार से काम करने के लिये कई तरह के पौष्टिक तत्‍वों की आवश्‍यकता होती है। अगर आप सही प्रकार का आहार नहीं लेगें तो आप काफी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। तीखे, खट्टे, गर्म और नमकीन पदार्थों का ज्यादा सेवन करने से पित्त कुपित होकर वीर्य का क्षय करता है, जिससे नपुंसकता पैदा होती है, इसे पित्तज क्लैब्य कहते हैं।


खर्राटे लेने का मतलब है कि आप सोते समय ठीक प्रकार से सास नहीं ले पा रहे हैं। मार्डन रिसर्च में ठीक प्रकार से न सो पाने और नपुंसकता को एकसार बताया गया है। जो लोग जो सोते समय खर्राटे भरते हैं वे उन लोगों के मुकाबले जो सोते समय खर्राटे नहीं लेते, दोगुना नपुंसक हो सकते हैं।


अगर आप रोज 8 घंटे की नींद नहीं लेगे तो आपके शरीर में थकान हो जाएगी और वह ठीक से काम नहीं कर पाएगा। ठीक प्रकार से न सोने की वजह से शरीर में हार्मोनल इंबैलेस हो जाता है जिससे नपुंसकता पैदा हो जाती है।


हो सकता है कि आप जरुरत से ज्‍यादा पतली हों, अगर आप पुरुष हैं तो शायद आपके अंडकोष में ज्‍यादा शुक्राणु न बनते हों या फिर आपका सारा दिन बिजी रहता हो और आपको आराम करने का समय न मिलता हो आदि।


अगर आप जल्द ही बच्चा चाहते हैं तो उत्तम मौके के लिए इन उपायों को अपनाएं:-


शुक्राणु ठंडे वातावरण में अच्छी तरह विकसित होते हैं। वे पुरुष जो कंप्यूटर को गोद में लेकर बैठते हैं उनकी प्रजनन क्षमता का स्तर घट जाता है। पुरुषों को बहुत देर तक गर्म पानी से स्नान भी टालना चाहिए। एक अध्ययन से पता चलता है कि ठंडे पानी से नहाने से शुक्राणु का उत्पादन पांच गुना बढ़ जाता है। इसके अलावा कसे हुए पेंट के स्थान पर बड़े जांघिया पहनें।


सूर्य की रोशनी से स्त्री और पुरुष दोनों में विटामिन डी का स्तर बढ़ता है जिससे प्रजनन क्षमता बढ़ती है।  विटामिन डी महिलाओं के सेक्स हार्मोन प्रोजेस्ट्रोन और एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ाता है जो मासिक धर्म को नियमित करता है और गर्भधारण की संभावना को बढ़ाता है। यह शुक्राणुओं की संख्या को भी बढ़ाता है।विटामिन डी आपको ए सी कमरों के बाहर उपलब्ध होता है .क्युकि सूर्य की रोशनी में विटामिन डी पाया जाता है .


महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर तनाव का बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। इससे पुरुषों में शुक्राणुओं का उत्पादन कम होता है कामेच्छा कम हो सकती है।इसलिए जहाँ तक हो सके तनाव से दूर रहे .


जो महिलाएं जो दिन में एक बार पूर्ण वसा युक्त आहार लेती हैं उनमें बांझपन का खतरा एक चौथाई तक घट जाता है। दूध से बने उत्पाद अंडाशयों को अच्छी तरह से कार्य करने में सहायक होते हैं।


प्रतिदिन स्त्रियों को बच्चे के जन्म के पूर्व विटामिन जिसमें गर्भाधान के लिए मुख्य पोषक तत्व जैसे फोलिक एसिड, विटामिन 12 और सेलेनियम हो, लेने से गर्भधारण की संभावना दुगुनी हो जाती है।


मोटापा होने से शरीर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे डायरेक्‍ट असर लिंग पर पड़ता है। इसलिये दिन में करीबन 45 मिनट जरुर व्‍यायाम करें और मोटापा घटा कर ब्‍लड सर्कुलेशन बढाएं।


धूम्रपान करने वाले पुरुषों के नपुंसक होने की संभावना 50% अधिक होती है और उनमें शुक्राणुओं की संख्या कम होती है। धूम्रपान करने वाली महिलाओं की प्रजनन क्षमता धूम्रपान न करने वाली महिलाओं की तुलना में 30% तक कम होती है। धूम्रपान के कारण गर्भाशय में भ्रूण का आरोपण रुक सकता है। स्‍मोकिंग से ब्‍लड सर्कुलेशन धीमा पड़ जाता है। इसलिये स्‍मोकिंग करना छोड़ दीजिये जिससे शरीर में अच्‍छी प्रकार से ब्‍लड सर्कूलेट होना शुरु हो सके और आप नपुंसक होने से बच जाए।


यदि आप गर्भवती होने का प्रयत्न कर रहे हैं तो यह अच्छा होगा की आप और आपका साथी कम अल्कोहल का सेवन करें। अल्कोहल का अत्याधिक सेवन करने से शुक्राणु का उत्पादन और अण्डोत्सर्ग खराब होता है।


शरीर पर विशिष्ट बिन्दुओं को उत्तेजित करने के लिए एक्युपंचर का प्रयत्न करें। ऐसा माना जाता है कि इससे अण्डोत्सर्ग नियंत्रित होता है और गर्भाशय में रक्त परिसंचरण बढ़ता है जिससे निषेचित अंडे की संभावना बढ़ जाती है। आप किसी एक्यूपंचर स्पेसलिस्ट से जाने कि वो कौन से बिंदु है .


वे युगल जो सप्ताह में एक बार से लेकर तीन से चार बार तक यौन संबंध रखते हैं उनमें गर्भाधान की संभावना 15% से 50% तक बढ़ जाती है। सेक्स शुक्राणुओं को स्वस्थ रखता है। यदि यह शरीर में तीन दिन से अधिक रहता है तो इसकी गुणवत्ता गिर जाती है।


बच्चा प्राप्त करने के लिए आपको महीने में उस समय सेक्स करना चाहिए जब प्रजनन समय उपयुक्त होता है। औसतन 28 दिन के चक्र में यह 10 वें दिन से 17 वें दिन के बीच होता है।


शरीर का वसा एस्ट्रोजन का उत्पादन करता है जो शरीर के अण्डोत्सर्ग के चक्र को भ्रमित कर सकता है। कम वज़न वाली महिलाओं की तुलना में अधिक वज़न वाली महिलाओं का मासिक धर्म अनियमित होता है। केवल 5% तक वज़न कम करने से गर्भधारण की संभावना पांच गुना बढ़ जाती है।


कम वजन होने के कारण भी आपके शरीर की अण्डों के उत्पादन की क्षमता बंद हो सकती है क्योंकि शरीर को यह पता चलता है की स्वस्थ गर्भावस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त वसा नहीं है।


परिष्कृत उच्च कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार जैसे मैदे की ब्रेड, पास्ता, बिस्किट गर्भधारण को प्रभावित कर सकते हैं। ये आहार रक्त शर्करा को तुरंत बढ़ाते हैं जिससे इन्सुलिन बढ़ जाता है जिससे प्रजनन क्षमता क्षीण हो सकती है।लोग इतना ज्‍यादा जंक फूड खाने लग गए हैं कि उन्‍हें सही प्रकार का प्रोषण नहीं मिल पाता। ऐसे शरीर में उस पोषण की कमी को पूरा करने के लिये वे दवाई की दुकान से सप्‍पलीमेंट लेने लग जाते हैं, जिसका सीधा असर नपुंसकता पर पड़ता है।


मनोरंजक दवाएं जैसे कोकीन और मारिजुआना शुक्राणुओं की संख्या को कम करते हैं और असामान्य शुक्राणुओं को बढ़ाते हैं जबकि नशा करने वाली महिलाओं को अण्डोत्सर्ग की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।


ओमेगा 3 जो कि तेलीय मछली जैसे सालमोन और अलसी के बीजों में पाया जाता है, गर्भपात के खतरे को कम करता है और शुक्राणुओं की गुणवत्ता में सुधार लाता है। ये आवश्यक वसा हार्मोन्स के स्वस्थ कार्य के लिए महत्वपूर्ण है परन्तु हम में से अधिकांश लोगों को यह पर्याप्त रूप से नहीं मिलते। अलसी का सेवन करे .

एक कप कॉफ़ी भी आपकी गर्भधारण की क्षमता को कम कर सकती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि कैफ़ीन फॉलोपियन ट्यूब जो अण्डों को अंडाशय से ले जाती हैं, की मांसपेशियों की गतिविधि को घटा सकता है।


कुछ दवाएं जैसे पैरासिटामाल और आइबूप्रोफेन अण्डोत्सर्ग के चक्र के दौरान लेने से आपकी गर्भधारण की क्षमता प्रभावित हो सकती है। वे प्रास्टाग्लेन्डिस नाम के हार्मोन को दबा सकती हैं जो फॉलोपियन ट्यूब में अण्डों को छोड़ने में सहायक होता है।


यदि आप पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं तो आपका प्रजनन तंत्र कमज़ोर हो जायेगा क्योंकि शरीर पहले यह सुनिश्चित करता है कि उसके महत्वपूर्ण अंगों को सबसे अधिक आवश्यकता किस चीज़ की है। पानी फूले हुए अंड कूप बनाता है और गर्भाशय की दीवार को मजबूती से रक्त आपूर्ति करता है। इसके अलावा यदि आप निर्जलीकृत रहे तो गर्भाशय का द्रव जो शुक्राणु को अंडा ढूँढने में सहायक होता है, अक्रियाशील हो जाता है।


जो महिलाएं जो घर का काम, बागवानी या अन्य प्रकार के सामान्य व्यायाम करती हैं उनमें आई वी एफ के द्वारा गर्भधारण की संभावना उन महिलाओं की तुलना में अधिक होती है जो अधिक समय तक बैठे रहने का काम करती हैं। व्यायाम शरीर को अतिरिक्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन करने से रोकता है जो स्वस्थ अंडे के विकास में बाधक होता है


मां बने बिना कोई औरत पूर्ण नहीं हो सकती। पर इसे बदकिस्मती ही कहें कि कुछ महिलाएं * कभी -कभी तमाम कोशिशों के बाद भी महिलाए गर्भधारण नहीं कर पाती। इसके लिए वे हर तरह की कोशिश भी करती है, पर निराशा ही हाथ लगती है। गर्भधारण न करने की कई वजह हो सकती है। मसलन तनाव, पार्टनर का हेल्थ, प्रीकॉउशन, दवाई या फिर किसी तरह की कमी। इसलिए किसी भी कपल के लिए यह जरूरी है कि अगर बार-बार कोशिश करने के बाद भी गर्भधारण न हो तो विशेषज्ञों से सलाह लें।


यह जानना बहुत जरूरी है कि गलती कहां हो रही है, ताकि आप उसे सुधार सकें। कई बार तो यह समस्या विटामिन की कमी जैसे मामूली कारण से भी हो जाती है। गर्भधारण की संभावना को बढ़ाने के लिए जरूरी है कि पुरुष हेल्थी हो। पुरुषों में जरूरी विटामिन की कमी से स्पर्म (शुक्राणु) की क्वालिटी और संख्या प्रभावित होती है। इससे गर्भधारण प्रभावित होता है। साथ ही कुछ विटामिन की कमी से पुरुषों में कामवासना और परफार्मेंस में कमी आ जाती है, जो अंतत: गर्भधारण को प्रभावित करता है।


पुरुषों में फर्टिलिटी के लिए विटामिन बहुत जरूरी होते हैं। आज के समय में तनाव के कारण भी पुरुषों की फर्टिलिटी में कमी आ रही है। आहार में विटामिन की कमी से कई बीमारियां होती है, जिससे स्पर्म की क्वालिटी और संख्या प्रभावित होती है। 90 प्रतिशत मामलों में पुरुषों में इंफर्टिलिटी स्पर्म की कम संख्या, खराब क्वालिटी या दोनों के कारण होती है। बाकी बचे मामलों में एनाटामिकल प्रॉब्लम, हार्मोनल इंबैलेंस और जेनेटिक डिफेक्ट के कारण पुरुषों में इंफर्टिलिटी आती है।


विटामिन बी12, विटामिन सी, विटामिन ई और फालिक एसिड पुरुषों में स्पर्म की संख्या को बढ़ाता है। अगर आप के स्पर्म की संख्या कम है या क्वालिटी खराब है, तो ज्यादर मामलों में ऐसा फालिक एसिड की कमी से होता है। इसलिए आपको को फालिक एसिड सप्लीमेंट लेने की कोशिश करनी चाहिए।


सेलेनियम और जिंक भी स्पर्म की संख्या बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। ब्राजील नट्स, सी फूड और ट्यूना मछली जैसे भोजन इस तरह के मिनरल्स से भरे होते हैं, जो स्पर्म की संख्या को बढ़ाकर फर्टिलिटी को बढ़ाता है।


यह स्पर्म की क्वालिटी को बेहतर बनाता है। शोध से पता चला है कि विटामिन ई फर्टिलिटी को करीब 10 प्रतिशत तक बढ़ा देता है। कुछ लोगों में स्पर्म की संख्या तो ज्यादा होती है, पर फर्टिलिटी कम होती है। विटामिन ई इनके लिए भी फायदेमंद होता है।


विटामिन सी व ई, कोएंजाइम क्यू10, सेलेनियम और एन- एसेटाइलिसटाइन (एनएसी) जैसे एंटीऑक्सीडेंट भी स्पर्म की क्वालिटी को बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं। अच्छे सेल्युलर एंटीऑक्सीडेंट से स्पर्म की संख्या के साथ-साथ इसकी गतिशीलता भी बढ़ती है, जिससे आखिर कार स्पर्म की क्वालिटी बेहतर होती है।


लाइकोपेन पौधों में पाया जाने वाला कारोटेनॉइड पिग्मेंट है। टमाटर और खरबूजे का लाल रंग इसी के कारण होता है। अगर आपके आहार में लाइकोपेन की कमी होगी तो स्पर्म की क्वालिटी खराब होगी। साथ ही फर्टिलिटी भी प्रभावित होगी। इसलिए आप लाइकोपेन का सप्लीमेंट्स लें। इससे अब तक जो नुकसान हो गया है, उससे उबरने में मदद मिलेगी।


ओमेगा-3 फैटी एसिड स्पर्म की संख्या को तो बढ़ाता ही है, साथ ही यह जीवित भ्रुण के निर्माण में भी सहायक होता है। कई शोध से पता चला है कि पुरुषों में अगर स्पर्म की संख्या कम हो या उसकी क्वालिटी अच्छी नहीं हो, तो ऐसा आमेगा-3 फैटी एसिड की कमी से होता है।

उपचार और प्रयोग -http://www.upcharaurprayog.com

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